राजस्थान

फसल अवशेष प्रबंधन में प्रयोग,नवाचार के लिए तालेडा ब्लाॅक का चयन

बूंदी.KrishnaKantRathore/ @www.rubarunews.com-  सर्वोच्च न्यायालय, एनजीटी न्यायालय के निर्देशों की पालना में जिले में फसल अवशेष प्रबंधन कार्य के लिए तालेडा ब्लाक का चयन किया गया है। तालेडा में 21 कृषकों का चयन फसल अवशेष प्रबंधन में प्रयोग, नवाचार करने के लिए किया गया है। अब तक धान की कटाई कर चुके 6 कृषकों के यहां नवाचार शुरू कर दिया गया है, जिसके परिणाम 20-21 दिन बाद कृषकों को मिलेंगें।
उपनिदेशक कृषि रमेशचंद जैन ने बताया कि नवाचार में कृषकों द्वारा 2 ड्रम (200 लीटर क्षमता) का उपयोग किया जाता है। प्रथम ड्रम में 50 लीटर पानी लेकर गुड़ 150 ग्राम, एक्टीव सप्लीमेंट 200 ग्राम व मिक्सड कल्चर इनोकुलम एक किलो ग्राम को 24 घंटे तक रखा जाता है। इसी प्रकार दूसरे ड्रम में गुड़ 150 ग्राम, एक्टीव सप्लीमेंटर 200 ग्राम व बायोमिक्स एक किग्रा को 50 लीटर पानी में घोलकर 24 घंटे रखा जाता है। उन्होंने बताया कि 24 घंटे बाद दोनांे ड्रमों के घोल को अच्छी तरह से मिलाकर 100 लीटर पानी की अतिरिक्त मात्रा मिलाकर कुल 200 लीटर घोल बनता है, जिसका एक एकड ( ढ़ाई बीघा) में छिडकाव किया जाता है। छिडकाव के उपरान्त रोटावेटर से जुताई की जाती है या रोटावेटर उपलब्ध नहीं होने पर हेरों का उपयोग किया जाता है ताकि खेत में फसल अवशेष अच्छी तरह मिल जाए।
उन्होंने बताया कि नवाचार करने के बाद 13 दिन में परिणाम दिखाई देने लगते है एवं 20-21 दिन में फसल अवशेष पूर्ण रूप से मिट्टी में मिल जाते हैं। उप निदेशक कृषि (विस्तार), सहायक निदेशक सांख्यिकी राजेश शर्मा, सहायक कृषि अधिकारी सीएडी पूर्ण प्रकाश शर्मा, कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक, कृषि पर्यवेक्षक तालेड़ा की उपस्थिति में नोताडा भोपत में कृषक के यहां छिड़काव करवाया गया।
उपनिदेशक कृषि ने किसानों से अपील की है कि फसल अवशेष नही जलाएंे, जलाए जाने पर निर्देशानुसार दो एकड़ से अधिक की जोत वाले कृषकों को 2 हजार पांच सौ रूपए, दो से पांच एकड तक 5 हजार रूपए, पांच एकड से अधिक की जोत वाले कृषकों को 15 हजार रूपए जुर्माना का प्रावधान घटना घटित होने पर देने का प्रवधान है। कृषक भाई धान के अवशेष, अन्य फसल क ेअवशेष को नहीं जलाकर रोटावेटर, हेरो से मिट्टी में मिला दे जिससे जमीन में बायोमास बडेगा एवं उर्वरक शक्ति मे ंवृद्धि होगी एवं पर्यावरण भी दूषित नही होगा। फसल अवशेष नहीं जलाने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर गिरदावर, पटवारी, सहायक कृषि अधिकारी, कृषि पर्यवक्षक एवं ग्राम विकास अधिकारी की कमेटी का गठन किया गया है जो सतत् निगरानी रखकर सूचनाएं संबंधित को नियमानुसार कार्यवाही करने के लिए प्रेषित कर रही है।