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बिक्री-दुकान पर भी नहीं तम्बाकू उत्पाद प्रदर्शित कर सकते: बोगोर की जनता ने जीता कोर्ट केस

इंडोनेशिया. (बॉबी रमाकांत-सिटिज़न न्यूज़ सर्विस/ @www.rubarunews.com>>जैसे-जैसे दुनिया भर से वैज्ञानिक शोध पर आधारित प्रमाण आते गए कि तम्बाकू सेवन जानलेवा है, सरकारों ने तम्बाकू-उद्योग के तमाम हथकंडों के बावजूद, तम्बाकू नियंत्रण के प्रयास भी किये. उदाहरण के तौर पर, तम्बाकू उत्पाद के विज्ञापन पर प्रतिबन्ध लगने लगा परन्तु तम्बाकू उद्योग ने, बिक्री-दुकान पर, विज्ञापन और उत्पाद-प्रदर्शित करना नहीं छोड़ा. इंडोनेशिया के बोगोर शहर की जनता ने कोर्ट में केस जीता कि तम्बाकू बिक्री-दुकान पर भी तम्बाकू उत्पादन का प्रदर्शन नहीं हो सकता. जनता की यह पहल अत्यंत सराहनीय है, विशेषकर इसलिए कि न सिर्फ इससे तम्बाकू नियंत्रण सशक्त होता है बल्कि अन्य शहर-देश की जनता को भी उम्मीद मिलती है कि तम्बाकू उद्योग को हराना और ज़िन्दगी को जिताना भी संभव है.

24 फरवरी 2020 को बोगोर की जनता ने यह कोर्ट केस जीता कि तम्बाकू बिक्री-दुकान पर भी, तम्बाकू उत्पाद को प्रदर्शित नहीं किया जा सकता. इंडोनेशिया देश में बोगोर पहला शहर है जहाँ पॉइंट-ऑफ़-सेल (तम्बाकू बिक्री के स्थान) पर भी तम्बाकू-उत्पाद के प्रदर्शन पर प्रतिबन्ध लगा है. जब बोगोर प्रशासन ने, बिक्री-दुकान पर तम्बाकू उत्पाद के प्रदर्शन को प्रतिबंधित किया, तो तीन तम्बाकू बिक्री-व्यापारियों ने यह कोर्ट में केस किया कि यह प्रतिबन्ध (उनके हिसाब से) अनुचित है क्योंकि सिगरेट बनाना-बेचना कानूनन है, वह टैक्स/कर देते हैं और स्थानीय उद्योग को बढ़ावा देते हैं.

इन तम्बाकू बिक्री व्यापारियों ने यह नहीं बताया कि उनके उत्पाद से जानलेवा रोगों का कहर, उनके ‘ग्राहकों’ को झेलना पड़ता है जो तम्बाकू सेवन करते हैं और जिन प्राण-घातक रोगों से बचाव मुमकिन है, उनसे मृत होने का खतरा बढ़ाते हैं. इन रोगों में, गैर-संक्रामक रोग जैसे कि हृदय रोग, पक्षाघात, मधुमेह/ डायबिटीज, कैंसर, दीर्घकालिक श्वास सम्बन्धी रोग, आदि शामिल हैं.

जन स्वास्थ्य नीतियों को लागू करने की पक्षधार बोगोर की जनता के साथ दे रहे थे – अनेक अन्य शहरों के लोग और इंडोनेशिया के अनेक संगठन. इनका मानना था कि बोगोर में सशक्त जन स्वास्थ्य नीतियां लागू हों जिससे कि जनता को, विशेषकर कि युवा वर्ग को, तम्बाकू जैसे जहर के सेवन से बचाया जा सके, सही जानकारी दी जा सके और स्वस्थ-जीवनशैली अपनाने में सहायता हो. इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट ट्यूबरक्लोसिस एंड लंग डिजीज (द यूनियन) के सहयोग से, मुहम्मादियाँ छात्र संगठन ने बोगोर से एक हज़ार से अधिक युवाओं को इस अभियान से जोड़ा और बोगोर के महापौर से अपील की कि वह शहर में तम्बाकू-रहित कानून को मजबूती से लागू करें.

इंडोनेशिया के स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ-साथ द यूनियन, राया इंडोनेशिया और नो टुबैको कम्युनिटी ने, इस कोर्ट केस के लिए ज़रूरी तकनीकि और कानूनी/ विधिक सहायता प्रदान की.

बोगोर के महापौर बीमा आर्य ने सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय का स्वागत किया, जिसने जन-स्वास्थ्य हितैषी प्रतिबन्ध को लागू रहने दिया जिसके तहत, किसी भी तम्बाकू बिक्री-स्थान पर तम्बाकू उत्पाद प्रदर्शित नहीं किये जा सकते. बोगोर के महापौर बीमा आर्य ने कहा कि “आंकड़ों के अनुसार, बच्चों में कुंठित विकास और कुपोषण का तम्बाकू एक बड़ा कारण है क्योंकि आम जनता, पौष्टिक आहार के बजाय तम्बाकू पर अधिक व्यय करती है. बोगोर शहर की तम्बाकू-रहित नीतियां हमारी जनता की मदद करती हैं.”

प्रख्यात तम्बाकू नियंत्रण विशेषज्ञ और द यूनियन के एशिया पैसिफिक क्षेत्र के सह-निदेशक डॉ तारा सिंह बाम ने कहा कि बच्चों और युवाओं को निशाना बना कर, तम्बाकू उत्पाद का प्रचार और बिक्री करने के लिए, यह पॉइंट-ऑफ़-सेल (तम्बाकू उत्पाद के बिक्री स्थान), तम्बाकू उद्योग के लिए प्रमुख चैनल हैं. इंडोनेशिया के सुप्रीम कोर्ट का निर्णय, जो तम्बाकू नियंत्रण नीतियों को प्राथमिकता देता है, वह जन स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण विजय है. इस निर्णय से, अन्य शहरों-देशों के स्थानीय अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों को भी बल मिलेगा कि वह तम्बाकू उद्योग से भयमुक्त हो कर, मजबूती से जीवन-रक्षक और जन हितैषी तम्बाकू नियंत्रण नीतियों को लागू करें.

विश्व में, तम्बाकू से हर साल, 80 लाख से अधिक लोग मृत होते हैं. दुनिया में कुल मृत्यु में से 70% से अधिक का कारण हैं गैर-संक्रामक रोग (जैसे कि, हृदय रोग और पक्षाघात, कैंसर, मधुमेह, श्वास सम्बन्धी रोग आदि), और तम्बाकू सेवन इनका खतरा बढ़ाता है. हर तम्बाकू जनित रोग से बचाव मुमकिन है, और हर तम्बाकू जनित मृत्यु,असामयिक.

सीएनएस संस्थापिका शोभा शुक्ला ने कहा कि “सिर्फ जन स्वास्थ्य ही नहीं, तम्बाकू से वैश्विक अर्थ-व्यवस्था भी कु-प्रभावित होती है: एक साल में, तम्बाकू के कारण, अमरीकी डालर 1.4 ट्रिलियन का आर्थिक नुक्सान होता है.पर्यावरण भी क्षतिग्रस्त होता है, जैसे कि, समुद्र में सबसे बड़ा मानव-जनित प्रदूषण का कारण है सिगरेट के पीछे का भाग (‘सिगरेट बट’).”

यदि सरकारों को, सतत विकास के सपने पर खरा उतरना है, तो यह ज़रूरी है कि तम्बाकू सेवन पर पूर्णत: अंकुश लगे, और तम्बाकू उद्योग को जीवन और पृथ्वी को नुक्सान के लिए ज़िम्मेदार ठहराया जाए.

 

Umesh Saxena

I am the chief editor of rubarunews.com