राजस्थान

महिला शक्ति आत्मविश्वास, समन्वय व नवजागृति के साथ अपने सृजन का आसमान स्वयं चुने

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- महिला अधिकारिता विभाग, ह्यूमैनिटी इंटरनेशनल, आबूरोड एवं उमंग संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में डिजिटल मंच पर कार्यस्थल पर कामकाजी महिलाओं के मुद्दे व समस्याएं विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। अनुसंधान की पृष्ठभूमि पर यह कार्यक्रम राजकीय महाविद्यालय आबूरोड हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ अनीता गुप्ता के निर्देशन में आयोजित हुआ। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि महिला अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक भेरू प्रकाश नागर रहे, अध्यक्षता कोटा विश्वविद्यालय की शोध निदेशक डॉ आशुरानी ने की तथा विशिष्ट वक्ता के रूप में डॉक्टर सुप्रिया सेठ आचार्य समाजशास्त्र, बाल कल्याण समिति की पूर्व अध्यक्ष रेखा शर्मा, माधव विश्वविद्यालय के सह आचार्य डॉ कांति लाल यादव व उमंग अध्यक्ष शोधार्थी सविता लोरी ने अपने शोध प्रतिवेदन प्रस्तुत किये।

महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से आयोजित इस संगोष्ठी में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, तेलंगाना व तमिलनाडु राज्यों के प्रतिनिधियों के सानिध्य में मुख्य अतिथि के रुप में बोलते हुए भेरू प्रकाश नागर ने कहा कि कार्यस्थल पर कामकाजी महिलाओं को समुचित सम्मान व प्रोत्साहन देने के लिए व्यापक जन चेतना व वातावरण निर्माण समय की महती आवश्यकता है जिसके बिना सभी प्रयास अधूरे हैं। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि कामकाजी महिलाओं के परिप्रेक्ष्य में मुद्दों व समस्याओं को व्यापक स्तर पर विश्लेषण करने में समाज के प्रत्येक तबके तथा सुधी वर्ग का सहयोग तथा समन्वय महत्वपूर्ण है। निदेशक अनीता गुप्ता ने कामकाजी महिलाओं के कार्यस्थल से जुड़े विभिन्न मुद्दों कानूनी प्रावधानों व समस्याओं को विभिन्न संदर्भों में विश्लेषण करते हुए महिला शक्ति का आवाहन किया कि वे अपनी अंतर्निहित शक्तियों को आत्मसात करें, महिलाएं स्वयं सिद्धा हैं वह आत्मा बहुत जागृत कर स्वयं को एक मंच प्रदान करें नव जागृति से विकसित दृष्टिकोण को अपनाएं। संगोष्ठी को अध्यक्ष पद से संबोधित करते हुए डॉ आशुरानी ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में पुरुष वर्ग के व्यापक सहयोग व समन्वय को प्रशंसनीय बताया तथा सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ महिलाओं को स्वयं के व्यक्तित्व, मानसिक, बौद्धिक, सांवेगिक उन्नयन के साथ एक वातावरण निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया। विशिष्ट वक्ता के रूप में बोलते हुए रेखा शर्मा ने महिलाओं की कार्यस्थल से जुड़ी समस्याओं का ऐतिहासिक कानूनी व व्यवहारिक लेखा जोखा प्रस्तुत किया तथा उन्होंने महिलाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि उन्हें अपनी उपलब्धियों व सृजन का आसमान स्वयं को तैयार करना होगा। आयोजन में शोध प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए सविता लोरी ने कामकाजी महिलाओं की व्यवहारिक समस्याओं तथा वास्तविक धरातल पर दोहरी भूमिका से जूझते हुए उपलब्धियों व विसंगतियों का ताना-बाना प्रस्तुत किया। डॉक्टर कांतिलाल यादव ने सांस्कृतिक सामाजिक पृष्ठभूमि के परिप्रेक्ष्य में महिलाओं के कार्यस्थल से जुड़ी विभिन्न भूमिकाओं का चित्रण किया। संगोष्ठी का शुभारंभ शारदे वंदना व पूजन के साथ डॉ गुप्ता के सानिध्य में मुख्य अतिथि नागर द्वारा किया गया। संगोष्ठी का संचालन उमंग समन्वयक सर्वेश तिवारी ने किया। संस्थान के सचिव कृष्णकांत राठौर ने आभार प्रकट किया।