मशरूम प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन’’ व्यावसायिक प्रशिक्षण सम्पन्न
बून्दी.KrishnaKantRathore/ @www.rubarunews.com- कृषि विज्ञान केन्द्र में युवा कृषकों एवं कृषक महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के द्वारा आर्या परियोजना के अन्तर्गत ’’मशरूम प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन’’ पर 21 दिवसीय व्यावसायिक प्रशिक्षण मुख्य अतिथि जिला कलक्टर आशीष गुप्ता के सानिध्य में संपन्न हुआ। जिला कलक्टर ने केन्द्र के वैज्ञानिकों के साथ केन्द्र पर स्थित जीवंत माॅडल इकाईयों का अवलोकन कर कृषक हितार्थ अच्छे कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। जिला कलक्टर द्वारा प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरण कर उन्हें यूनिट लगाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए केन्द्र के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार पुस्तिकाओं का विमोचन किया।
कोटा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डाॅ.हरीश वर्मा ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा संचालित आर्या परियोजना युवाओं को कृषि की ओर आकर्षित करना एवं बनाए रखने के लिए मशरूम प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन प्रशिक्षण में 16 महिलाओं एवं पुरूषों ने भाग लिया। प्रशिक्षण प्राप्त करने के आर्या परियोजना द्वारा व्यावसायिक स्तर पर यूनिट स्थापित करने के लिए सहायता की जाएगी जिससे कृषि से संबंधित बेरोजगार युवक आत्मनिर्भर बन सकेंगे।
प्रशिक्षण समन्वयक डाॅ.कमला महाजनी ने मूल्य सवंर्धित से संबंधित जानकारी का पूर्व मूल्यांकन कर उसके आधार पर मूल्य सवंर्धित उत्पाद जैसे बिस्किट, नमकीन, बडी, पापड, मशरूम का प्रोटीन पाउडर लड्डू, महशरूम-सहजना बिस्किट बनाना सिखाया। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को चामुण्डा स्वयं सहायता समूह के यहाँ मसाला प्रसंस्करण की जानकारी दिलवाई एवं कृषि विज्ञान केन्द्र कोटा द्वारा गठित की गई माँ गायत्री उद्यमी संस्थान का भ्रमण करवाकर मूल्य संवर्धन से संबंधित जानकारी दी।
प्रशिक्षण में नाबार्ड के सहायक महाप्रबंधक राजकुमार ने स्वयं सहायता समूह एवं किसान उत्पादक संघ बनाने में आने वाली कठिनाईयों का समाधान कर किसान उत्पादक संघ गठित करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए नाबार्ड की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी।
पशुपालन वैज्ञानिक डाॅ.घनश्याम मीणा ने मंच संचालन करने हुए कहा कि वर्तमान में प्रथम चरण का बकरी पालन विषय पर प्रशिक्षण संपन्न हुआ जिसमें 16 युवा कृषकों ने भाग लिया है। कार्यक्रम में उद्यान वैज्ञानिक इंदिरा यादव, वरिष्ठ तकनीकी सहायक हेमराज जाट, तकनीकी सहायक महेन्द्र चैधरी, वरिष्ठ अध्येता अनुसंधान दीपक कुमार, लोकेश प्रजापत मौजूद थे।