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जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रमों की व्यवस्था की जाएगी – लोक सभा अध्यक्ष

श्रीनगर.Desk/ @www.rubarunews.com>> लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज शेर-ए-कश्मीर अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर, श्रीनगर में जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र की पंचायती राज संस्थाओं के सशक्तीकरण के लिए संसदीय आउटरीच कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

श्री बिरला  के अलावा, इस कार्यक्रम में जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र के उपराज्यपाल  मनोज सिन्हा; केंद्रीय जल शक्ति और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री,  प्रह्लाद सिंह पटेल; केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री,  रामदास अठावले; केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री,  श्रीमती अन्नपूर्णा देवी; श्रीनगर से संसद सदस्य, डॉ. फारूक अब्दुल्ला जम्मू और कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री,  निर्मल कुमार सिंह, संसद सदस्य और अन्य विशिष्टजन शामिल हुए ।

इस बात पर जोर देते हुए कि  इस आउटरीच कार्यक्रम का उद्देश्य जमीनी स्तर की  हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत और अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाना है, श्री बिरला  ने कहा कि ग्राम पंचायतों जैसी लोकतांत्रिक संस्थाएं लोगों के जीवन को बेहतर बना सकती हैं और इसके लिए आधारभूत स्तर पर सामूहिक और समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘सशक्त पंचायतें हमारे लोकतंत्र को और मजबूत बनाएंगी और इससे लोगों का लोकतंत्र में विश्वास बढ़ेगा।’

श्री बिरला ने आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत में लोकतंत्र समय के साथ मजबूत हुआ है। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को काफी हद तक पूरा किया गया है और अब भारत लोकतंत्र की यात्रा में विश्व समुदाय का नेतृत्व कर रहा है। श्री बिरला ने यह भी कहा कि लोकतंत्र से ही हमारी विविधता में एकता है और हम एक सामूहिक शक्ति हैं । उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमारी इस सामूहिक ताकत से ही हमें देश की प्रगति में बाधा डालने वाली प्रतिकूलताओं को दूर करने में मदद मिल सकती है।

श्री बिरला  ने जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र में हो रहे विकास की सराहना की और कहा कि संघ राज्य क्षेत्र शांति, प्रगति और विकास के पथ पर अग्रसर है। अध्यक्ष महोदय ने कहा कि जमीनी स्तर पर लोकतांत्रिक संस्थाओं के सामूहिक और समन्वित प्रयासों से विकास का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोकतांत्रिक संस्थाओं को जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र सहित पूरे देश कोआत्मनिर्भर  बनाने के लिए विकास के माध्यम के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करना चाहिए । उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर में पर्यटन, हस्तशिल्प और कृषि उत्पादों के क्षेत्र में अपार संभावनाएं और उपयुक्त कौशल मौजूद है, इसलिए जमीनी स्तर की लोकतांत्रिक संस्थाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इनके विपणन को बढ़ावा देने की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने यह आशा व्यक्त की कि जम्मू-कश्मीर विकास और रोजगार के मामले में देश का नेतृत्व करेगा।

 

इस अवसर पर उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि संघ राज्य क्षेत्र में पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रमों का आयोजन किए जाने के लिए लोक सभा सचिवालय द्वारा विस्तृत व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि उचित रूप से प्रशिक्षित प्रतिनिधि बेहतर ढंग  से काम करने में सक्षम होंगे जिसके परिणामस्वरूप लोगों के जीवन में गुणात्मक परिवर्तन आएगा। श्री बिरला  ने आगे कहा कि वह संसदीय स्थायी समितियों को सुझाव देंगे कि वे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों के दूर-दराज के क्षेत्रों में नियमित अध्ययन दौरे करें ताकि यहाँ की वास्तविक स्थिति को समझ कर  स्थानीय लोगों की समस्याओं  को कम करने के लिए  संभावित समाधान किए जा सकें ।

श्री बिरला  ने कहा कि विकास नीचे से शुरू होना चाहिए जैसा कि स्वतंत्रता के समय महात्मा गांधी ने भी कहा था ।  उन्होंने लोकतांत्रिक संस्थाओं और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में लोगों की सक्रिय भागीदारी की अपील की। उन्होंने यह विचार भी व्यक्त किया कि जम्मू-कश्मीर में स्थानीय निकायों के चुनावों से हमारा लोकतंत्र मजबूत हुआ है और इस प्रकार लोगों की मदद की जा सकेगी ।

श्री बिरला ने यह भी कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि लोकतांत्रिक संस्थाओं के लिए मानक संचालन प्रक्रिया  तैयार की जाए ताकि उनकी कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाया जा सके। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर काम करने वाली लोकतांत्रिक संस्थाओं से अपील की कि वे लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए और सुव्यवस्थित कामकाज के लिए अपने नियम और प्रक्रियाएं विकसित करें। उन्होंने यह विश्वास व्यक्त किया  कि यदि ये संस्थाएं ठीक से काम करें और सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाएं, तो  विकास प्रक्रिया को एक नई गति मिलेगी ।

इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए केंद्रीय जल शक्ति और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री,  प्रह्लाद सिंह पटेल ने प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन मिशन और प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना जैसी विभिन्न सरकारी योजनाओं का उल्लेख किया, जिनका लाभ राज्य में अभीष्ट लाभार्थियों तक पहुंचाया गया है । उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विकास का लाभ जमीनी स्तर पर पहुंचाने में पंचायतों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। श्री पटेल ने यह भी कहा कि स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों  की देखरेख में कार्यान्वित सरकारी योजनाओं से जम्मू-कश्मीर के लोगों के जीवन स्तर में सुधार आया है।

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल,  मनोज सिन्हा ने कहा कि ग्राम पंचायतें और पंचायती राज संस्थाएं हमारी विकास प्रक्रिया के केंद्र में हैं और वे जमीनी स्तर पर सुशासन प्रदान कर सकती हैं। उन्होंने 73वें और 74वें संवैधानिक संशोधनों का उल्लेख करते हुए जम्मू-कश्मीर में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था लागू किए जाने की सराहना की। श्री सिन्हा ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में पंचायती राज संस्थाओं को बढ़ी हुई बजटीय सहायता से  संघ राज्य क्षेत्र में तेजी से विकास सुनिश्चित हो रहा है। उन्होंने इस संबंध में लोकतांत्रिक संस्थानों की पारदर्शिता और जवाबदेही में सुधार लाए  जाने और प्रौद्योगिकी का उपयोग किए जाने पर भी जोर किया। श्री सिन्हा ने कहा कि वर्ष 2024 तक जम्मू-कश्मीर के सभी घरों को चौबीसों घंटे बिजली उपलब्ध कराई जाएगी।

श्रीनगर से सांसद, डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पंचायती राज संस्थाएं हमारे लोकतंत्र का आधार हैं । उन्होंने  इन संस्थाओं को अधिक संसाधन उपलब्ध कराए जाने और पंचायत स्तर पर कार्यों के कार्यान्वयन में पारदर्शिता लाए  जाने की बात कही ।  उन्होंने इन निकायों के प्रतिनिधियों से निष्ठा के साथ काम करने और हर संभव तरीके से लोगों की सेवा करने का आह्वान किया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में त्रिस्तरीय प्रणाली को लागू करने के लिए इससे पहले  किए गए प्रयासों का उल्लेख करते हुए यह आशा व्यक्त की कि आने वाले समय में नव निर्वाचित प्रतिनिधि लोगों का विश्वास जीतेंगे।

इससे पहले, लोक सभा अध्यक्ष,  ओम बिरला का स्वागत करते हुए, जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री  निर्मल कुमार सिंह ने लोक सभा अध्यक्ष की पहल पर हमारे लोकतंत्र की सर्वोच्च संस्था द्वारा जमीनी स्तर पर स्थानीय निकायों को मजबूत करने के लिए की जा रही भागीदारी की  सराहना की।  श्री सिंह ने कहा कि श्री बिरला  की यात्रा जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक संस्थाओं के विकास क्रम में महत्वपूर्ण है।

लोक सभा के महासचिव,  उत्पल कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। बाद में, (i) भारतीय संसद और जमीनी स्तर की संस्थाएं: क्षमता और चुनौतियां – नेतृत्व का प्रारम्भिक चरण, (ii) पंचायत का नेतृत्व: सामाजिक परिवर्तन, आर्थिक विकास और ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं का सशक्तीकरण, और ( iii) जम्मू और कश्मीर में पर्यटन, संस्कृति और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने में पंचायतों की भूमिका के विषयों पर  तीन पैनल चर्चाएं आयोजित की गईं।  इन पैनल चर्चाओं के दौरान, प्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में अपने काम को बेहतर बनाने के अनुभव और विचार साझा किए।संसद सदस्य,  रामप्रीत मंडल और जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र के  उपराज्यपाल के सलाहकार,  बसीर अहमद खान ने समापन भाषण दिया।