ताजातरीनराजस्थान

वसंतोत्सव आज – जीवन ऐसा हो कि हर दिन वसंत हो जाए

बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- देखो-देखो बसंत ऋतु है आई… अपने साथ खेतों में हरियाली लाई… किसानों के मन में हैं खुशियां आई…। वसंत ऋतु पर आधारित यह कविता आज के दौर में चरितार्थ हो रही है। जैसे ही वसंत ऋतु आती है तो मन में उत्साह, उमंग बढ़ जाता है। जीवन को ऐसे जीने की जरूरत है कि हर दिन वसंत हो जाए। आज ज्ञान की देवी मां सरस्वती को पूजने का दिन है। मंदिरों के साथ ही घरों में भी मां सरस्वती की पूजा करते हैं। जिलेभर में सरसों की पैदावार भी इस बार काफी है। वसंतोत्सव आमजन को प्रकृति से जुड़ने का संदेश देता है और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रोत्साहित करता है।

पीले फूलों से श्रृंगार करके बसंत ऋतु का स्वागत
बसंतोत्सव की पूर्व दिवस पर द इनोवेटिव क्लब की महिलाओ ने बड़े ही हर्षोल्लाहास के साथ वसंत उत्सव मनाया। क्लब की महिलाओ ने पीले रंग की पोशाक पहन सरसो के खेत में पीले फूलों से श्रृंगार करके बसंत ऋतु का स्वगत किया। क्लब अध्यक्ष नीलम माथुर ने बताया कि बसंत आगमन पर समस्त प्रकृति सुंदरता के पूरे शबाब पर होती हैं। हर तरफ हरियाली छाई रहने के साथ ही सरसो के खेतों में ऐसा लगता है मानो प्रकृति पीली चादर ओढ़े हुए हो। हर तरफ खुशियों का माहौल रहता है। क्लब की महिलाओ ने बसंत ऋतु के स्वागत मे गीत गाए। इस अवसर पर क्लब की उपाध्यक्ष उमे हबीबा, सचिव सरोज खरेड़िया, कोषाध्यक्ष नेहा शर्मा, महामंत्री गायत्री नागरानी, कार्यक्रम प्रभारी कामना माथुर, सुनीता नोगिया, सरोज गुर्जर मौजूद रही।

विद्या भारती के सभी विद्यालयों में आज होगा सरस्वती पूजन
बूंदी। विद्या भारती शिक्षण संस्थान बूंदी के तत्वाधान में जिले में संचालित समस्त आदर्श विद्या मंदिर के विद्यालयों में माघ शुक्ल पंचमी को बसंत पंचमी उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। सरस्वती जयंती के अवसर पर सभी विद्यालयों में सरस्वती पूजन का आयोजन भी होगा। संस्थान के जिला सचिव उदय प्रकाश शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि बसंत पंचमी पर नव प्रवेशित छात्रों को भारतीय पद्धति के अनुसार यज्ञ अनुष्ठान के साथ 16 संस्कारों में सबसे महत्वपूर्ण संस्कार विद्यारम्भ संस्कार किया जाएगा।

रानी रोहिणी कुमारी राजपूत महिला फाउंडेशन ने धूमधाम से मनाई बसंत पंचमी
रानी रोहिणी कुमारी राजपूत महिला फाउंडेशन द्वारा बसंत पंचमी का त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर सभी महिलाओ ने पीले वस्त्र पहन बसन्त गीतों पर नृत्य किया। संस्था अध्यक्ष रानी रोहिणी कुमारी हाड़ा ने कहा कि बसंत पंचमी आमतौर पर फरवरी में वसंत ऋतु के दौरान मनाया जाता है। इस दिन देवी सरस्वती की पूजा की जाती है, जो ज्ञान, संगीत और शिक्षा की देवी हैं। बसंत पंचमी को श्री पंचमी, ज्ञान पंचमी भी कहा जाता है।