राजस्थान

फसल अवशेष जलाने को लेकर निषेधाज्ञा जारी

बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-  जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट कुमारी रेणू जयपाल ने धान फसल के अवशेष जलाने को रोकने के मध्य नजर दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सम्पूर्ण जिला क्षेत्र के लिए प्रतिबंधित आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किए हैं।
प्रतिबन्धात्मक आदेश
आदेश के अनुसार जिले के काश्तकार धान व अन्य फसल अवशेष एवं कचरा को नहीं जलाएंगे। उपखण्ड मजिस्ट्रेट, तहसीलदार, विकास अधिकारी अपने क्षेत्र में फील्ड कर्मचारियों के माध्यम से उक्त प्रतिबंधित आदेश पालन करवाया जाना सुनिश्चित करेंगे। ये आदेश 31 दिसम्बर तक प्रभावी रहेगा।
जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट रेणू जयपाल ने बताया कि धान की फसल अवशेष एवं कचरा को काश्तकारों द्वारा आग लगाए जाने के कारण न केवल धुंए से वायु प्रदूषण फैलता है बल्कि हरे पेड़ भी जल जाते हैं तथा अग्नि से संपत्ति, जान-माल की हानि की आशंका बनी रहती है। वायु प्रदूषण से आमजन प्रभावित रहता है। माननीय ग्रीन ट्रीब्ल्यूनल नई दिल्ली द्वारा समय-समय पर आदेश प्रसारित किए गए हैं कि कृषि अवशेषों को जलाया न जाकर उनका वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण किया जाए परन्तु भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली से प्राप्त सेटेलाईट इमेजेज अनुसार जिले में फसल अवशेषों को जलाया जा रहा है।इसे रोका जाना नितान्त आवश्यक है।
उक्त आदेश की अवहेलना एवं उल्लंघन किए जाने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 एवं अन्य सुसंगत धाराओं के तहत दण्डित किया जाएगा। ये आदेश 31 दिसम्बर तक प्रभावी रहेगा। आदेश की अवहेलना एवं उल्लंघन किए जाने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 एवं अन्य सुसंगत धाराओं के तहत दण्डित किया जाएगा।