राजस्थान

अडानी फैक्ट्री के कनेक्शन के लिये जबरन खोद डाली किसानों के खातेदारी की जमीनForcibly dug the land owned by farmers for connection to Adani factory

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- सीलोर रोड़ स्थित अडानी विल्मर फैक्ट्री के निजी विद्युत कनेक्शन के लिये विद्युत विभाग के द्वारा खातेदारी की जमीन को बिना किसानों की सहमति के अवैधानिक तरीके से खोदने का मामला सामने आया है।अडानी विल्मर फैक्ट्री के पास ही छत्रपुरा निवासी किसान मोहनलाल राठौर और धर्मराज राठौर व अन्य किसानों की कृषि भूमि है। रविवार सुबह छुट्टी के दिन विद्युत विभाग के ठेकेदार ने किसानों को बिना कोई सूचना दिये जमीन पर घुसकर जेसीबी चला दी और जमीन को खोद डाला।

जमीन पर जेसीबी चलने की सूचना से किसानों में हड़कंप मच गया और छत्रपुरा निवासी किसान धर्मराज राठौर ने राजस्थान बीज निगम के निदेशक पीसीसी सदस्य चर्मेश शर्मा से मदद मांगी। इसके बाद शर्मा पीड़ित किसान के साथ मौके पर पहुंचे और विभाग के अधिशासी अभियंता राजेंद्र कुमार चावला से फोन पर बात कर फैक्ट्री के निजी औद्योगिक कनेक्शन के लिये किसानों की भूमि को खराब करने पर आक्रोश जताया। शर्मा के नियमों का हवाला देने के बाद विद्युत विभाग के अधिकारी व कर्मचारी बचाव की मुद्रा में आ गये।अधिकारियों ने काम बंद करवा दिया और जमीन खोद रही जेसीबी वापस लौट गयी।

अडानी फैक्ट्री के कनेक्शन के लिये जबरन खोद डाली किसानों के खातेदारी की जमीनForcibly dug the land owned by farmers for connection to Adani factory

संसद का कानून किसानों के हक में – शर्मा

राजस्थान बीज निगम के निदेशक चर्मेश शर्मा ने कहा कि किसानों के हक में संसद से कानून पास हो चुका है। किसी भी किसान की भूमि का निजी उपयोग उसकी सहमति के बिना नहीं किया जा सकता है। राजकीय कार्य के लिए भी किसानों की भूमि लेने से पहले किसानों को नियमों से मुआवजा देना होगा उसके बाद ही जमीन ली जा सकती है।

पूरी जमीन खराब हो जायेगी – पीड़ित किसान

पीड़ित किसान धर्मराज राठौर ने बताया कि विद्युत विभाग के अधिकारी अडानी विल्मर फैक्ट्री की मिलीभगत से एक खंबे में 6 पिलर वाली हाईटेंशन लाइन शिफ्ट कर रहे हैं जिसके बहुत सारे खंबे जबरन किसानों की जमीन पर लगाये जा रहे हैं। एक खंबे के लिए ही एक कमरे जितने गहरा गड्ढा किया जा रहा है। ऐसे में किसानों की सारी जमीन ही खराब हो जाएगी और हाईटेंशन लाइन यहां से गुजरने से भविष्य में यहां पर कोई आवासीय या अन्य उपयोग भी नहीं हो पायेगा।