बिहार

शिक्षा-महिला सशक्तीकरण और पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है डा. नम्रता आनंद। Dr. Namrata Anand is playing an important role in education-women empowerment and environmental protection। ।

पटना.Desk/ @www.rubarunews.com>> राजकीय-राष्ट्रीय सम्मान से अंलकृत समाज सेविका-शिक्षिका डा. नम्रता आनंद ने संघर्ष और चुनौतियों का सामना कर कामयाबी का परचम लहराया है।
बिहार के किशनगंज में तत्कालीन जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार वर्मा और रजनी वर्मा के आंगन में जन्मीं डा. नम्रता आनंद अपने पिता के आदर्शो और कर्तव्यनिष्ठा से बेहद प्रभावित है। महान समाजसेविका मदर टेरेसा के सामाजिक कार्यो से प्रभावित नम्रता आनंद जब महज 13 साल की थी तब उन्होंने अपने मुहल्ला चितकोहड़ा, विष्णुपुरी, कौशल नगर, मुर्गी बगीचा, यारपुर, मीठापुर, एक्सजिविशन रोड, कुरथौल में स्लम के गरीब बच्चों को नि.शुल्क शिक्षा देने का काम शुरू किया और बच्चों में शिक्षा का ज्योत जलाया। नम्रता आनंद ने इस बीच अपनी पढाई जारी रखी। वर्ष 1998 में इंटरमीडियट की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने वर्ष 1999 में बच्चों को लेकर कार्यक्रम करने शुरू किये। डा. नम्रता आनंद को भारत सरकार के केन्द्रीय चयन समिति ने वर्ष 2004 में राष्ट्रीय विकास और सामाजिक सेवा में किये गये उत्कृष्ठ कार्य के लिये स्वामी विवेकानंद की जयंती 12 जनवरी के अवसर पर झारखंड के जमशेदपुर में राष्ट्रीय यूथ अवार्ड सम्मान से सम्मानित किया गया। वर्ष 2007 में डा. नम्रता आनंद मध्य विद्यालय सिपारा में बतौर शिक्षिका काम करने लगी। वर्ष 2008 में डा. नम्रता आनंद ने दीदीजी फाउंडेशन की नीवं रखी और महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर काम किया।

शिक्षा-महिला सशक्तीकरण और पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है डा. नम्रता आनंद। Dr. Namrata Anand is playing an important role in education-women empowerment and environmental protection।

दीदीजी फाउंडेशन के बैनर तले उन्होंने जल जीवन हरियाली, बेटी पढ़ाओं बेटी बचाओ, पर्यावरण, स्वच्छता, तंबाकू विरोधी अभियान, साक्षरता, रक्तदान, पल्स पोलिया प्रतिरक्षण ,कोरोना जागरूकता, महिला सशक्तीकरण , वरिष्ठ नागरिकों की सेवा, ट्रांसजेंडर्स के उत्थान, विकलांग लोगों के पुर्नवास समेत कई सामाजिक कार्य किये जिसके लिये उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिली। वर्ष 2013 में डा. नम्रता आनंद की योग्यता को देखते हुये उन्हें फुलवारी ब्लॉक का संयोजक बनाया गया, जिसके अंतगर्त उन्हें 15 स्कूल के 2500 बच्चों के सर्वांगीण विकास का अवसर मिला। वर्ष 2019 में डा. नम्रता आनंद को माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की सर्वश्रेष्ठ 20 शिक्षकों में सम्मानित किया। वर्ष 2021 में डा. नम्रता आनंद अंतर्राष्ट्रीय कायस्थ संगठन ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) से जुड़ गयी। काम के प्रति निष्ठा और समर्पण को देखते हुये उन्हें जीकेसी बिहार का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया।
डा. नम्रता आनंद बक्सवाहा के जंगल को बचाने के लिए सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।वर्ष 2020 में ही डा. नम्रता आनंद ने कुरथौल के फुलझड़ी गार्डेन में संस्कारशाला की स्थापना की। संस्कारशाला के माध्यम से गरीब और स्लम एरिया के बच्चों का नि.शुल्क शिक्षा, संगीत, सिलाई-बुनाई, पेंटिंग और डांस का प्रशिक्षण दिया जाता है।