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राष्ट्रीय राजमार्ग पर मिला बघेरे का क्षत विक्षत शव, जिलें में पैंथर की तीन धटनाएं आई सामने

बूंदी.krishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>> जिले के हिंडोली उपखंड के एनएच 148 डी डाटुंदा व बसौली पंचायत के बीच दो नाहर स्थान पर अलसुबह 6ः30 बजे सड़क पार करते समय अज्ञात वाहन की टक्कर से पैंथर की मौत का मामला सामने आया है। वहीं दूसरी ओर रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र कालदां के जंगल में रविवार रात एक वन्यजीव ने यहां बाड़े बनाकर रह रहे भेड़ बकरी चराने वाले पशुपालकों के एक गधे का शिकार कर लिया। तो तीसरी घटना हिंडोली क्षेत्र के ही बड़गांव में सामने आई, जहां एक अन्य पैंथर ने बड़गांव में बकरियों का शिकार करने से ग्रामीणों में दहशत फैल गई।

सोमवार सुबह कालदां से जुड़े टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र बांडी-मराड़ी वनखण्ड में गुलाबपुरा उनियारा राष्ट्रीय राजमार्ग 148 डी पर दो नाहर स्थान पर एक मादा बघेरे का कुचला हुआ शव बरामद हुआ है। आशंका जताई जा रही है कि किसी वाहन की टक्कर से बघेरे की मौत हो गई। बघेरे की मौत की सूचना पर हिण्डोली के क्षेत्रीय वन अधिकारी डॉ दीपक जासु मय जाब्ता मौके पर पंहुचे तथा मौका मुवायना करके शव को कब्जे में लिया और पैंथर के शव को हिंडोली की चतरगंज नर्सरी में रखवाया। जहां तीन पशु चिकित्सकों की टीम से मृत बघेरे का पोस्टमार्टम करवाकर शव को अंतिम संस्कार किया गया। वहीं पूरे मामले पर जिला वन अधिकारी ओ पी जांगिड़ नजर बनाए हुए हैं।

हिंडोली रेंजर दीपक जासू ने बताया कि आज अलसुबह 6ः30 बजे एक पैंथर कालदा के जंगल से निकल कर एनएच 148 डी पर आ गया। जहां सड़क पार करते समय अज्ञात वाहन की चपेट में आजाने से पैंथर की मौत हो गई। ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और पैथर के शव को कब्जे में लेकर चतरगंज नर्सरी में रखवाया गया, जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में पोस्टमार्टम करवाया गया।

कालदां के जंगल में वन्यजीव ने किया गधे का शिकार

रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र कालदां के जंगल में रविवार रात एक वन्यजीव ने यहां बाड़े बनाकर रह रहे भेड़ बकरी चराने वाले पशुपालकों के एक गधे का शिकार कर लिया। वन्यजीव ने गधे को शिकार बनाने से पहले कालदां माताजी स्थल पर एक अन्य अस्थाई डेरे में बैठी भेड़ों के समूह में से एक भेड़ पर हमला किया, लेकिन भेड़ पालक के हल्ला करने से वह भाग गया। घटना में एक भेड़ जख्मी हो गई। मौके पर पंहुचे गुढ़ानाथावतान नाका प्रभारी श्योजी लाल चौहान व वन रक्षक रमेश मीणा ने पशुपालकों को जंगल से बाहर निकलने के लिए समझाइश की। हिण्डोली रेंज का स्टाफ भी मौके पर पंहुचा। गौरतलब है कि इस जंगल में एक पखवाड़े पूर्व भी अपनी भेड़ को पेंथर से बचाने के चक्कर में एक चरवाहा गिरकर घायल हो गया था। बाद में जख्मी भेड़ की भी मौत हो गई थी।

बकरियों के शिकार से गांव में फैली दहशत

हिंडोली क्षेत्र के ही बड़गांव में पैंथर द्वारा बकरियों का शिकार करने की घटना से गांव में दहशत फैल गई। जानकारी के अनुसार बड़गांव में गांव के समीप रहने वाले एक किसान जोधराज सैनी के खेत पर बीती रात को एक पैंथर ने हमला कर कुएं पर बंधी तीन बकरियों को अपना शिकार बना लिया। इस दौरान किसान का परिवार के सभी सदस्य अंदर सो रहे थे अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। ग्रामीणों के अनुसार गांव में पैंथर घुसने से गांव में भय का माहौल बना हुआ है। स्थानीय निवासी मनोज राठौर, कैलाश सैनी, जितेंद्र सिंह, दीपक ने वन्यजीवों से ग्रामीणों की सुरक्षा का इंतजाम करने की मांग करते हुए कहा कि वन क्षेत्रों में सुरक्षा दीवार बनाई जानी चाहिए, जाकि वन्यजीव ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं आ सकें।

सुरक्षा दीवार नहीं होने से हादसे का शिकार हो रहे वन्य जीव

रामगढ़ विषधारी अभ्यारण के बफर जोन में सुरक्षा दीवार का कार्य पूरा नही होने के चलते कई बार वन्य जीव निकलकर आबादी क्षेत्र व सड़कों पर आ रहे हैं जो हादसे का शिकार हो जाते हैं। सुरक्षा दीवार का कार्य जल्द पूर्ण हो तो हादसों पर अंकुश लग सकेगा। वहीं अवैध चराई पर कोई खास अंकुश नही होने के कारण भी वन्यजीव जंगलों में असहज होकर बाहर निकल रहे हैं। ऐसे में अवैध चराई और मानवीय दखल वन्यजीवों के लिए बड़ी समस्या बन रहा हैं।

हादसे पर वन्य जीव प्रेमियों ने जताया रोष

पैंथर की सड़क दुर्घटना में मौत से वन्य जीव प्रेमियों में रोष व्याप्त हैं वन्य जीव प्रेमी पूर्व वन्य जीव प्रतिपालक विट्ठल सनाढ्य ने बताया कि रामगढ़ टाइगर रिजर्व बफर जोन में सुरक्षा दीवार का कार्य पूर्ण नहीं होने से वन्य जीव आये दिन दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं जिससे वन्य जीव प्रेमियों में खासा  रोष व्याप्त है। हमारी मांग हैं कि सुरक्षा दीवार का कार्य जल्द पूर्ण हो, ताकि वन्य जीवों को सुरक्षा मिल सके। विगत दिनों तलहटी में बसे नीमतलाई गांव के भूति लाल भील की दो बकरियों को भी पैंथर ने शिकार बना दिया था। इसी तरह की घटनाएं तलहटी में बसे अन्य गांवों में भी सामने आती रहती हैं। पैंथर की गतिविधियों से चरवाहे अब जंगल में जाने से कतराने लगे हैं तथा कई लोग तो अपनी भेड़ बकरियां ही बेच कर दूसरे काम धंधे करने लगे है।

जंगलो में बढ़ी पैंथर की संख्या

रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के बफर जोन कालदां के सघन एवं दुर्गम जंगलों में बघेरों की संख्या तेजी से बढ़ी है। वर्तमान में रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में 25.30 पैंथर की मूवमेंट देख्ी गई हैं। सदाबहार जलस्रोतों वाले इस जंगल में जंगली सूअर, नीलगाय व सांभर हरिणों की संख्या में भी वृद्धि हुई है लेकिन चिंकारा गायब हो गए हैं। जंगल में चिंकारा की कमी आने व पैंथर के लिए अन्य पर्याप्त प्रेबेस नहीं होने से भी वन्यजीव आए दिन भेड़ बकरियों को शिकार बनाने लगे है।

अब शुरू हुए ग्रास लैंड विकसित करने के काम

वन्यजीवों के अनुकूल बनाने के लिए वन विभाग ने कालदां के जंगल से विलायती बम्बूलों को हटाकर ग्रासलैंड विकसित करने के काम शुरू कर दिया है। विभाग ने कालदां माताजी के पास 300 बीघा में शाकाहारी वन्यजीवों के लिए ग्रासलैंड तैयार करवा रहा है। जिससमें हरिण प्रजाति के संवर्धन के लिए ग्रासलैंड विकसित होगा, साथ ही शाकाहारी वन्यजीवों के भोजन में काम आने वाली फल व पत्तियों वाले 5 हजार ऐसे पेड़ पौधे भी लगाएं जाएंगे। वहीं विभाग यहां गश्त को प्रभावी बनाने के लिए रास्ते का काम भी कर रहा है।

इनका कहना है 

वन्य जीवों को लेकर विभाग गंभीर प्रयास कर रहा है। जिसके सकारात्मक परिणाम भी मिल रहे है। सुरक्षा दीवार का प्रपोजल बनाकर भिजवाया जायेगा।

दीपक जासु, क्षेत्रीय वन अधिकारी, हिंडोली

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कालदां के जंगलों मे प्रे-बेस और ग्रासलैंड की की समस्या हैं वहीं दूसरी समस्या अवैध चराई की हैं। विभाग को अवैध चराई पर प्रतिबंध लगाने के साथ प्रेबेस और ग्रासलैंड विकसित करवाने के प्रयास किए जाने चाहिए।

पृथ्वी सिंह राजावत, पूर्व वन्यजीव प्रतिपालक

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जंगलों में वन्यजीवों के सरंक्षण के साथ अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। वन्यजीवों के लिए प्रेबेस और ग्रासलैंड विकसित की दिशा में कार्य किए जा रहे हैं, जिनके सकारातमक परिणाम भी जल्दी ही मिलेंगे।

ओपी जांगीड़, उपवन संरक्षक, बून्दी