मध्य प्रदेश

फासीवाद का गहराता संकट

भोपाल.शैलेन्द्र शैली/ फासीवाद के गहराते संकट के कारण विचार विहीन ,व्यक्तिवादी राजनीति के दुष्परिणाम अब अपनी चरम स्थिति में हैं ।फासीवादी ताकतों ने अपने राजनीतिक स्वार्थ और सत्ता हथियाने के लिए लोकतांत्रिक व्यवस्था का कितनी चालाकी से दुरुपयोग किया है ,यह साबित हो गया है ।लोकतांत्रिक ,धर्मनिरपेक्ष ,समाजवादी मूल्यों को लेकर समुचित जन शिक्षण के अभाव में फासीवादी ताकतों को खुला मैदान मिल गया है ।

फासीवाद के संकट को लेकर सिर्फ वामपंथी दल ही गंभीर हैं ।अन्य गैर भाजपा दलों का इस संकट को लेकर गंभीर नहीं होना बेहद चिंताजनक है ।अन्य दल भी यदि फासीवाद के संकट को लेकर जन शिक्षण का वैचारिक अभियान चलाएं तो अब भी प्रतिरोध का एक व्यापक मोर्चा बन सकता है ।इससे सत्ता के लिए मौकापरस्त दल बदल पर भी नियंत्रण हो सकेगा। अब यह समझना बेहद जरूरी है कि भारत यही फासीवाद के शिकंजे में फंस गया तो आज़ादी ,लोकतंत्र और संविधान जैसा कुछ भी नहीं बचेगा । शैलेन्द्र शैली ।

Umesh Saxena

I am the chief editor of rubarunews.com