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जनता कर्फ्यू के अलगे दिन बंद का नहीं दिखा असर, प्रशासन व पुलिस नहीं दिखे सतर्क

भिण्ड[email protected]>> जनता कर्फ्यू के सफल होने के बाद कलेक्टर द्वारा दो दिन के अतिरिक्त बंद का आदेश जारी किया गया, लेकिन सोमवार दोपहर 12 बजे तक यह बंद प्रभावी नहीं दिखा और बाजार की अधिकांश दुकानें खोलकर व्यापारी बैठ गए, लेकिन जैसे ही इसकी सूचना कलेक्टर छोटे सिंह व एसपी नागेन्द्र सिंह को दी गई तो पुलिस धरातल पर उतरी और दुकानदारों को समझाइश देकर बाजार बंद कराया। इस दौरान दूध, सब्जी, किराना व दवाओं की दुकानों को आदेशानुसार खुले रहने की छूट दी गई, लेकिन अन्य दुकानों व प्रतिष्ठानों को बंद रखने के निर्देश जारी किए गए। इस बंद के दौरान कई निजी संस्थाओं के अलावा विभिन्न शासकीय दफ्तरों को भी खोल लिया गया और बताया गया कि पेंडिंग पड़े कार्य निपटाए जा रहे हैं। इस दौरान आरटीओ दफ्तर भी प्रतिदिन की तरह खोला गया और यहां कर्मचारियों को बुलाकर बैठा लिया गया। इसकी सूचना कलेक्टर को दी गई तो उन्होंने आरटीओ अधिकारी से दफ्तर खोले जाने का कारण पूछा, तो थोड़ी देर बाद ही दफ्तर के भीतर कर्मचारियों के बैठे होने के बाद भी बाहर के मुख्य दरवाजे पर ताला जड़ दिया गया। असल में कोरोना वायरस का प्रभाव रोकने के लिए सामाजिक दूरी को बेहतर विकल्प मानकर 22 मार्च को प्रधानमंत्री की अपील पर जनता कफ्र्यू लगाया गया और इसमें जिले की जनता ने उम्मीद से अधिक सहयोग प्रदान किया, इसके चलते विश्व स्तर की इस महामारी को नियंत्रण में लाने के लिए कलेक्टर ने 23 व 24 मार्च को भी जिले में बंद का आदेश जारी किया। इस दौरान कई शासकीय व आशासकीय संस्थाओं के साथ ही बाजार को भी बंद रखने के निर्देश जारी किए गए, लेकिन दोपहर 12 बजे तक इस आदेश पर अमल नहीं किया गया, जिसके बाद पुलिस को धरातल पर उतरकर बंद कराना पड़ा।

पेट्रोल पंप बंद होने से बढ़ी परेशानी

कलेक्टर द्वारा बंद के लिए आदेश जारी करते हुए इसमें साफ कर दिया है कि दूध, सब्जी, दवा व किराना की दुकानों के साथ पेट्रोल पंप खुले रहेंगे, लेकिन जिले के पेट्रोल पंप पुलिस ने ही बंद करा दिए, इससे लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। पेट्रोल पंप पर पेट्रोल लेने लोग पहुंचे तो उन्हें पंप संचालकों ने बंद का हवाला देते हुए पेट्रोल देने से इनकार कर दिया। ऐसे में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हालाकि दैनिक सत्ता सुधार ने इस मामले से एसपी नागेन्द्र ङ्क्षसह को अवगत कराया, तो उन्होंने इटावा रोड़ पर स्थित विभागीय पेट्रोल पंप को चालू कराने का आश्वासन दिया।

सतर्क नहीं दिखा पुलिस व प्रशासन

सोमवार को बंद के दौरान प्रशासन व पुलिस सतर्क नजर नहीं आई। इसके चलते जहां दोपहर तक बाजार की अधिकांश दुकानें खुली रहीं, वहीं लोग भी बाजार में घूमते देखे गए। इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में पहुंची तो थोड़ी बहुत सख्ती बरती गई, लेकिन उस तरीके से सख्ती का प्रदर्शन पुलिस व प्रशासन की ओर से नहीं दिखाया गया कि इस सख्ती से लोग कार्रवाई के डर से घरों से बाहर निकलने में संकोच करते।

बाद में बंद की गई जिले की सीमाएं

बंद के असर का फैलुअर सोशल मीडिया पर चला तब जाकर पुलिस व प्रशासन कुछ हद तक सख्त हुआ और पुलिस के द्वारा नेशनल हाइवे-92 पर बरही व लहार क्षेत्र की यूपी से लगने वाली सीमा को शील्ड किया गया।

Umesh Saxena

I am the chief editor of rubarunews.com