क्राइममध्य प्रदेश

अवैध तरीके से चल रहे क्रेसरो को बंद कराने ग्रामीणों ने दिया एसडीएम को ज्ञापन

गोहद। पाली डिरमन व डांग बिरखडी में वैध और अवैध उत्खनन दोनों में ही लोगों की सुरक्षा का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा है। उत्खनन से बने गहरे गड्ढों में डूबने व गिरने से कई लोगों की मौतें हो चुकी हैंए वहां सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। बेवजह हुई लोगो की मोतो के मामले में जिम्मेदार अफसर जांच की बात कहकर इतिश्री कर लेते है। कई जिम्मेदार अधिकारियों का मानना है कि हम खदान देते हैं तभी से नियम लागू हो जाते हैं और नियमो का पालन नही करने पर हम ठेकेदार को नोटिस देते हैं। क्या केवल नोटिस देने मात्र से जिम्मेदारों की जिम्मेदारियां पूरी हो जाती है। क्या इसी तरह रहवासियो के लिए यह खदाने मोत की खदाने बनती रहेंगी। कई राजनीतिक कार्यकर्ताओ व सामाजिक लोगो ने इस उत्खनन के खिलाफ आवाज बुलंद की मगर प्रशासन ने उनकी बात अमल में लाना मुनासिब नही समझा। गोहद में करीब एक दर्जन से अधिक खदानें संचालित हैं। खनिज विभाग के अधिकारी दावा करते है कि सभी जगह सुरक्षा के इंतजाम हैं। लेकिन जमीनी स्तर पर स्थिति अलग है। इक्का दुक्का खदानों को छोडकर किसी भी खदान पर सुरक्षा के लिए न तो तार फेंसिंग है और न सूचना के लिए कोई बोर्ड लगाए हैं। खनिज ठेकेदारों ने माइन्स सेफ्टी के नियमों पर कोई ध्यान नही है। शिकायतकर्ता कमल नागरए जीतू जाटवए अजीतरामए विजय द्वारा दिये गए ज्ञापन के अनुसार डांग पहाड पर चल रहे अवैध रूप से क्रेसर संचालक हरपाल तोमर उर्फ बिचौले तोमर के द्रारा अवैध ब्लास्टिंग करने से मकानों के दरारे आ रही है। कई बार पशु हानि हुई है जिसकी सूचना एसडीएम व जिलाधीश को कई बार दी है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नही की गई यदि 17 दिसम्बर 2020 तक डांग पहाड से अवैध क्रेसर ओर वहां से पत्थर व मिट्टी ले जाने वाले वाहनों को बंद नही किया गया तो ग्रामवासी एव भीम आर्मी, भारत एकता मिशन के कार्यकर्ता एसडीएम कार्यालय पर धरना प्रदर्शन पर बैठेंगे।
रहवासियों के लिए खदानों के गड्ढे बने मुसीबत
डांग बिरखडी में खदानों के गहरे गड्डो कई रहवासियो व मवेशियो की जान जा चुकी है। लेकिन प्रशासन ने इन मौत के बाद भी कोइ सबक नही लिया, अभी भी गड्ढे के चारों ओर से खुले पडे है यहां सुरक्षा के लिए कोई प्रबंध नहीं किए गए हैं।