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तीन दिवसीय बून्दी महोत्सव का आगाज आज होंगे विविध सांस्कृतिक व मनोरंजक आयोजन

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- बून्दी महोत्सव 2023 के तहत जिले में 30 नवम्बर से 2 दिसम्बर तक जिला मुख्यालय सहित उपखण्ड मुख्यालय केशवराय पाटन पर विविध कार्यक्रम आयोजित होंगे। आयोजन को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं तथा विभिन्न आयोजनों के लिए प्रभारियों की नियुक्ति कर दी गई हैं। जिला पर्यटन विभाग से जारी कार्यक्रम के अनुसार 30 नवम्बर सुबह 8.30 पर गढ़ पेलेस स्थित भगवान गणेश की पूजा अर्चना एवं झण्डारोहण के साथ महोत्सव का आगाज होगा। गढ़ पेलेस परिसर में ही अतिथि सत्कार का आयोजन होगा। 10 बजे से पुलिस प्रेड ग्राउण्ड पर सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं परम्परागत खेल रस्साकसी ( देसी – विदेशी पर्यटक) मूंछ प्रतियोगिता, साफा बांधना ( देसी- विदेशी पर्यटक) पणीहारी दौड़ प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। शाम को 5.30 से नवल सागर झील में दीपदान कार्यक्रम होगा। बाद में 7.30 बजे से पुलिस परेड ग्राउंड पर ही सांस्कृतिक संध्या के तहत लोक कलाकारों की प्रस्तुतियां होगी तथा रात्रि 9.30 बजे भव्य आतिशबाजी का आयोजन होगा। इसी प्रकार 1 दिसम्बर को सुबह 10 बजे से 5 बजे तक आर्ट गैलरी में कैनवास पेंटिंग का आयोजन होगा।  दोपहर एक बजे सुख महल में विदेशी मेहमानों के लिए मान मनुहार कार्यक्रम होगा। शाम 7.30 बजे से पुलिस परेड ग्राउंड में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति होगी तथा रात्रि 9.30 बजे आतिशबाजी का आयोजन होगा। 2 दिसंबर को बूंदी में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक आर्ट गैलरी में कैनवास प्रदर्शनी का आयोजन होगा। शाम 7.00 बजे से पुलिस परेड ग्राउंड में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां होगी तथा रात्रि 9.30 बजे आतिशबाजी का आयोजन होगा। 2 दिसम्बर को ही केशोरायपाटन में दोपहर बाद 3.30 बजे शोभायात्रा व शाम 5 बजे को चर्मण्यवती में दीपदान का आयोजन होगा। केशव घाट पर शाम को 7:00 बजे सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा, साथ ही रात्रि 9.30 बजे चंबल किनारे केशव घाट पर आतिशबाजी से समापन होगा।

कचरें से अटी पड़ी नवल सागर झील में होगा दीपदान
पर्यटन नगरी बून्दी के सौंदर्य में चार चांद लगाती नवल सागर झील में हर वर्ष की भांति इस बार भी बून्दी महोत्सव में दीप दान का किया जाएगा। लेंकिन इस बार बारिश कम होने से झाल सूखने के कगार पर हैं और चारों और कचरे के ढ़ेर लगे हुए हैं। पिछले दिनों स्थानीय लोगों के विरोध के चलते आनन फानन में प्रशासन द्वारा झील की सफाई तो करवाई गई, लेकिन कचरे को झाल के अंदर ही साइड में कर दिया गया, जो आज भी वहीं पडा हुआ हैं और झील की सुंदरता में धूमिल कर रहा हैं। वहीं पर्यटकों को लुभाने के लिए बून्दी महोत्सव के दौरान इस कचरे से अटी झील में दीपदान होना प्रस्तावित हैं। जिसे लेकर स्थानीय लोगों और पर्यटन से जुड़े लोगों में नाराजगी हैं। गौरतलब हैं कि नवल सागर झील का शहर में पर्यटन महत्व ही नहीं अपितु धार्मिक महत्व भी हैं, इसके किनारे ऐतिहासिक गजलक्ष्मी, वरूण देव, हिंगलाज के मंदिर सहित ईदगाह भी स्थित हैं।