अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर बाल श्रम के खिलाफ सशक्त पहल, जागरूकता शिविर आयोजित
बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर बूंदी में बाल श्रम के विरुद्ध एक सशक्त पहल की गई। एक्शनएड, अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) और बाल अधिकारिता विभाग के संयुक्त तत्वावधान में “बलुआ पत्थर आपूर्ति श्रृंखला में बाल श्रम की रोकथाम और उन्मूलन परियोजना” के तहत एक महत्वपूर्ण जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र में बलुआ पत्थर आपूर्ति श्रृंखला में व्याप्त बाल श्रम को समाप्त करने के लिए समुदाय, सरकार और निजी क्षेत्र के बीच आपसी सहयोग को बढ़ावा देना रहा। साथ ही, इसका लक्ष्य बाल श्रमिकों को शिक्षा, पोषण और एक सुरक्षित बचपन की ओर वापस लाना भी था।
कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान और उपस्थित श्रमिकों को सम्मानित करने के साथ हुई। इसके बाद आयोजित विभिन्न सत्रों में विशेषज्ञ वक्ताओं ने बाल श्रम के मूल कारणों, इसके बच्चों पर पड़ने वाले गंभीर दुष्प्रभावों और इससे संबंधित कानूनी प्रावधानों पर विस्तार से प्रकाश डाला। वक्ताओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि बाल श्रम न केवल बच्चों के उज्जवल भविष्य को छीनता है, बल्कि यह पूरे समाज और राष्ट्र की प्रगति में भी एक बड़ी बाधा है।
जागरूकता शिविर में स्थानीय समुदाय के लोगों, विभिन्न श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों, जनप्रतिनिधियों और बाल अधिकार कार्यकर्ताओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया। गणेशपुरा के सरपंच राकेश बंजारा और लाम्बखोह की सरपंच भंवर कंवर ने एक स्वर में कहा कि बाल श्रम जैसी सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करने के लिए सभी संबंधित पक्षों का एकजुट होकर प्रयास करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने ऐसे जागरूकता शिविरों को नियमित रूप से आयोजित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक हुकमचंद जाजोरिया ने कहा कि बलुआ पत्थर उद्योग में बाल श्रम की समाप्ति तभी सुनिश्चित हो सकती है जब सरकार, उद्योग जगत, नागरिक समाज और स्थानीय समुदाय मिलकर ठोस और प्रभावी कदम उठाएंगे।
संरक्षण अधिकारी गोविंद कुमार गौतम ने शिविर में भाग लेने वाले लोगों को बाल श्रम निषेध कानून, शिक्षा का अधिकार अधिनियम और सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
एक्शनएड के जिला समन्वयक ज़हीर आलम ने बताया कि यह परियोजना केवल बाल श्रम को समाप्त करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक न्याय और बाल अधिकारों की स्थापना की दिशा में एक व्यापक प्रयास है। उन्होंने बताया कि परियोजना के तहत विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की जानकारी प्रदान कर पात्र व्यक्तियों को इन योजनाओं से लाभान्वित करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं और इसके लिए संबंधित विभागों के समन्वय से जनसुनवाई कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा रहा हैं।
परियोजना समन्वयक सवाराम गरासिया ने बताया कि कार्यक्रम को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए बच्चों के लिए विशेष गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिनमें पोस्टर प्रदर्शनी, नुक्कड़ नाटक और प्रेरणादायक वीडियो प्रस्तुतियाँ शामिल थीं। कार्यक्रम का समापन सभी प्रतिभागियों द्वारा “बाल श्रम मुक्त समाज” की सामूहिक शपथ के साथ हुआ।
इस अवसर पर बाल अधिकारिता विभाग की आउटरीच वर्कर दीपिका वशिष्ठ, क्लस्टर कोऑर्डिनेटर सुरेश भील, सुरेश रेगर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उर्मिला शर्मा, शिक्षिका ज्योति शर्मा, राधा बाई, रीना बंजारा, पूजा बंजारा, कैलाशी बाई, राजेंद्र सिंह, प्रकाश सहित बड़ी संख्या में श्रमिक उपस्थित रहें।