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राज्य स्तरीय मुख्य प्रशिक्षक जल संवाद हुए तैयार

विज्ञान भारती, विभा वाणी और मेपकास्ट के संयुक्त तत्वावधान में जल संवाद कार्यशाला सम्पन्न

मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के प्रतिभागियों ने सीखे जल संरक्षण के गुर

पानी के मुद्दे पर समाज को जागरूक करने चलाया जाएगा सघन अभियान

भोपाल @rubarunews.com>>>>>>>>>>>>>>> म.प्र.विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के नेहरू नगर, भोपाल स्थित परिसर में दो दिवसीय आवासीय जल संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन विज्ञान भारती, विभा वाणी और म.प्र.विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (मेपकास्ट) के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ मेपकास्ट के महानिदेशक डॉ.अनिल कोठारी, मेपकास्ट के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.प्रवीण डिंगरा, जल संवाद कार्यक्रम के समन्वयक डॉ.सुनील चतुर्वेदी, आयोजक संस्था विभा वाणी के मध्यप्रदेश चैप्टर अध्यक्ष डॉ.तृप्ति सिंह, जनरल सेक्रेटरी गजेन्द्र गुप्ता और वरिष्ठ सदस्य डॉ. शैलेन्द्र शर्मा, विभा वाणी मध्यप्रदेश चैप्टर के रामजीशरण राय ने सरस्वती पूजन और दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
जल संवाद कार्यक्रम के समन्वयक डॉ.सुनील चतुर्वेदी ने जल संवाद के आयोजन की पृष्ठभूमि, कार्यक्रम के उद्देश्य पर विस्तार से जानकारी दी। डॉ.सुनील चतुर्वेदी ने बताया कि,पानी के आसन्न संकट से निपटने और भविष्य में पर्याप्त जल की उपलब्धता के लिए सिर्फ सरकार द्वारा किए जा रहे कार्य पर्याप्त नहीं हैं। पानी के इस काम में समाज की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए और पानी के काम से समाज को जोड़ने के लिए विज्ञान भारती और विभा वाणी के द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर जल संवाद अभियान संचालित किया जा रहा है। समाज को पानी के मुद्दे को लेकर जागरूक करना इस अभियान की पहली प्राथमिकता है। अभियान में पानी की वर्तमान और भविष्य में उपलब्धता, संरक्षण,पुर्नउपयोग और विवेकपूर्ण उपयोग जैसे विषयों में समुदाय को शिक्षित और जागरूक करने के लिए नगर और गांव स्तर पर सीधे समाज से संवाद किया जाएगा।

शुभारंभ समारोह में मेपकास्ट के महानिदेशक डॉ.अनिल कोठारी ने कहा कि,जल का विषय दिल-मन को छूने वाला है। लेब की जानकारी लैंड तक पहुंचे यह प्रयास है। हमें समुदाय के साथ वाटर आडिटिंग की बात करनी है।जल संरक्षण के लिए लोक विज्ञान की जानकारी का लाभ उठाने की आवश्यकता है। वाटर फुट प्रिंट की जानकारी समाज तक पहुंचाने की आवश्यकता है। जल संरचनाओं का दस्तावेजीकरण प्राथमिकता से किया जाना चाहिए।समाज के सभी वर्ग के लोगों को जल संरक्षण पर मूलभूत दृष्टि देने की आवश्यकता है। सभी प्रतिभागियों ने शुभारंभ सत्र में अपने और अपने संस्था के कार्यो की जानकारी साझा की। शुभारंभ समारोह में उपस्थित अतिथियों का आभार ज्ञापन डॉ.तृप्ति सिंह ने किया।जल संकट: अंर्तराष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं स्थानीय परिदृश्य, जल संकट के कारण और प्रभाव, वर्षा जल चक्र,धरती पर पानी की कुल उपलब्धता, वाटर बजट : वर्षा जल का आंकलन, जरुरत और आपूर्ति का विश्लेषण, जल सम्पदा का आंकलन,जल संकट का समाधान, जल संरक्षण और भू-जल संवर्धन, ग्रे वाटर प्रबंधन, पानी का विवेकपूर्ण उपयोग और पेयजल सुरक्षा विषय पर जल संवाद कार्यक्रम के समन्वयक एवं विषय विशेषज्ञ डॉ.सुनील चतुर्वेदी ने प्रतिभागियों को विभिन्न सत्रों में  विस्तार से जानकारी दी।इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर स्किल्स काउंसिल आफ इंडिया की सीओओ डॉ.अभिलाषा गौर ने काउंसिल की जानकारी देते हुए बताया कि, काउंसिल 36 केटेगिरी में 100 से अधिक कोर्स संचालित करती है।इन कोर्स को करके युवा आत्मनिर्भर हो सकते हैं।

डॉ.अभिलाषा गौर के साथ स्कोप ग्लोबल स्किल यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर डॉ.अजय भूषण, आईसेक्ट के वाईस प्रेसिडेंट -बिजनेश डेवलपमेंट मुकेश शर्मा और इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर स्किल्स काउंसिल आफ इंडिया के मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़ उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश के रीजनल हेड वैभव पांडे उपस्थित रहे। सभी अतिथियों को जल संवाद कार्यक्रम हेतु प्रशिक्षकों के लिए तैयार किया गया प्रशिक्षण संर्दशिका भेंट की गई।

एनआईएफ में अप्रैंटिस कर चुकी प्रांजल कोठारी ने जल उद्यमिता पर अपने अनुभव साझा किया।
परम्परागत जड़ी -एवं वैकल्पिक चिकित्सा विकास परिषद एवं अनुसंधान केन्द्र के अध्यक्ष गजेन्द्र गुप्ता ने जल पर्याप्त पंचायत तथा स्वच्छ एवं हरित पंचायत तथा जल उद्यमिता की विस्तार से जानकारी दी।सतपुड़ा जन जागृति एवं विकास समिति, छिंदवाड़ा के सचिव रविन्द्र सिंह ने जैव विविधता प्रबंधन समिति के गठन और कार्य तथा बांस रोपण के योजना की विस्तार से जानकारी दी। प्रतिभागियों ने कार्यक्रम के दौरान मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के अपने कार्यक्षेत्र में जल संवाद के अंर्तगत किए जाने वाले कार्यक्रमों की योजना का निर्माण किया।
कार्यक्रम का समापन समारोह पूर्वक किया गया।

समापन समारोह में मध्यप्रदेश शासन के पीएचई विभाग के प्रमुख अभियंता श्री के.के.सोनगरिया जी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। डॉ.सुनील चतुर्वेदी ने दो दिवसीय जल संवाद का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।अपने प्रतिवेदन में डॉ.सुनील चतुर्वेदी ने प्रतिभागियों की संख्या,आयोजित सत्रों की विषयवस्तु और कार्यक्रम के अपेक्षित परिणाम की जानकारी दी।

स्वदेश नवांकुर संस्था संचालक व विभा वाणी मध्यप्रदेश चैप्टर के रामजीशरण राय, सतना से सोशल एक्टिविस्ट बृजेन्द्र सिंह, संजय नामदेव, मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद की सांवेर विकासखण्ड समन्वयक मीना त्रिवेदी, चौ.रुपनारायण दुबे समाज कल्याण समिति, भिंड के सुनील दुबे, जल संरक्षण मंच, जबलपुर के अध्यक्ष विनोद शर्मा, सार्थक के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर मनोज बाबू चौबे, भोपाल की सामाजिक कार्यकर्ता भारती सोनकर, मंडला से संतोष भाँवरें, जबलपुर से प्रदीप भाई और परम्परागत,ज्ञान एवं वनौषधि फाउंडेशन, बिलासपुर के डायरेक्टर निर्मल कुमार अवस्थी ने कार्यक्रम के सीख पर अनुभवों को साझा किया। मीना त्रिवेदी ने बताया कि इस कार्यक्रम से उन्हें जल संरक्षण के लिए विस्तृत जानकारी मिली है, जिसका उपयोग वे अपने विकासखण्ड में जल संरक्षण के लिए करेंगी। सुनील दुबे ने अपने अनुभव कथन में कहा कि,चंबल क्षेत्र में वहां कि भौगोलिक परिस्थितियों में जल संरक्षण करने की सीख मिली है। जबलपुर के जल योद्धा विनोद शर्मा ने कहा कि,यह कार्यक्रम एक अभिनव कार्यक्रम है, जिसमें हर आयु वर्ग के लोगों कि सहभागिता से जल संरक्षण का एक वातावरण बना है। जल संरक्षण के संबंध में मिले समग्र जानकारी विशेषकर तकनीकी जानकारी का उपयोग वे अपने क्षेत्र में करेंगे। मनोज बाबू चौबे ने बुंदेलखंड क्षेत्र में जल संरक्षण के लिए इस कार्यक्रम को उपयोगी बताया। भारती सोनकर ने दलित-वंचित समाज के साथ जल के उपयोग के दौरान हो रहे भेदभाव को साझा किया। निर्मल कुमार अवस्थी ने छत्तीसगढ़ में वनौषधि के क्षेत्र में उनके संगठन के द्वारा किए जा रहे कार्य को साझा करते हुए अपने वनौषधियों के कार्य के साथ जल संरक्षण के कार्य को प्राथमिकता से करने का संकल्प व्यक्त किया।समापन सत्र में मेपकास्ट के महानिदेशक डॉ.अनिल कोठारी ने विशिष्ट अतिथि के आसंदी से जल संवाद को एक नवाचार बताया। डॉ.अनिल कोठारी ने कहा कि जल संवाद के माध्यम से सामाजिक क्षेत्र और मेपकास्ट के बीच जल संरक्षण के लिए एक सेतु बना है।मेपकास्ट जल संरक्षण के लिए हर संभव सहयोग करेगी।

मध्यप्रदेश शासन के पीएचई विभाग के प्रमुख अभियंता के.के.सोनगरिया ने मुख्य अतिथि के आसंदी से कहा कि,जल संरक्षण के लिए स्वैच्छिक संगठनों का यह प्रयास वंदनीय है। श्री सोनगरिया ने मध्यप्रदेश में विभिन्न जिलों में अपने पदास्थापना के दौरान जल संरक्षण के अपने अनुभवों को साझा किया। श्री सोनगरिया ने जल आपूर्ति और जल संरक्षण के योजनाओं के क्रियान्वयन की विस्तृत जानकारी प्रदान की।

डॉ.सुनील चतुर्वेदी ने जल संवाद में मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित प्रतिभागियों की सूची मेपकास्ट और पीएचई द्वारा जिला प्रशासन को प्रदान करने का आग्रह किया जिसे मेपकास्ट के महानिदेशक डॉ.अनिल कोठारी और पीएचई के प्रमुख अभियंता के.के.सोनगरिया ने स्वीकार कर लिया।
समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित मध्यप्रदेश शासन के पीएचई विभाग के प्रमुख अभियंता श्री के.के.सोनगरिया को मेपकास्ट के महानिदेशक डॉ.अनिल कोठारी और कार्यक्रम के समन्वयक डॉ.सुनील चतुर्वेदी ने पुष्पगुच्छ,शाल और स्मृति चिन्ह भेंट किया।

सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षकों के लिए बनाई गई प्रशिक्षण संर्दशिका का वितरण किया गया।समापन समारोह में मेपकास्ट के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.प्रवीण डिंगरा, सलाहकार डॉ.अविनाश शर्मा, डॉ.कपिल खरे, डॉ.डी.के.सोनी, पराग भल्ला एवं अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे। ग्लोबल ला कालेज, सिवनी के डायरेक्टर एड.आसिफ इकबाल खान ने प्रतिभागियों की ओर से आभार ज्ञापित किया। आयोजकों की ओर से आयोजक संस्था विभा वाणी के मध्यप्रदेश चैप्टर के सेक्रेटरी जनरल गजेन्द्र गुप्ता ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन विभा वाणी के मध्यप्रदेश चैप्टर के अध्यक्ष डॉ.तृप्ति सिंह ने किया।