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तीनों लोग चौदह भुवनो के स्वामी है भगवान श्री कृष्ण

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-गौरा जी गौशाला की ओर से बूंदी कुंभा स्टेडियम में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में बुधवार को कथावाचक पंडित विष्णु प्रसाद राजगढ़ वालों ने रुक्मणी विवाह का प्रसंग सुनाया।

रुक्मणी विवाह के प्रसंग में उन्होंने बताया कि कुंदनपुर के राजा की पुत्री रुक्मणी का विवाह शिशुपाल के साथ तय हुआ था लेकिन वह मन ही मन भगवान श्री कृष्ण को अपना पति मान चुकी थी।भगवान श्री कृष्ण ने रुक्मणी को कात्यायनी देवी की आराधना का आदेश दिया और उसके पश्चात उन्होंने रुक्मणी से विवाह किया। कथावाचक पं विष्णु प्रसाद ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण अखिल ब्रह्मांड तीनों लोग चौदह भुवनो के स्वामी है वे अपने भक्त जनों की भावनाओं के भी स्वामी है।बुधवार को समाजसेवी गाढ़मल मीणा ने श्रीमद्भागवत का पूजन किया।वहीं मंजू कासट व ललिता कासट ने श्री कृष्ण रुक्मणी का पूजन किया। रुक्मिणी मंगल प्रसंग में कथा में कनिष्का ने कृष्ण का रूप धारण किया वहीं दिशा वर्मा रुक्मणी बनी।

इस अवसर पर गोरा जी गौशाला से जुड़े दौलतराम मालव, समाजसेवी पुरुषोत्तम झँवर, घासीलाल जांगिड़, प्रभूलाल श्रृंगी, भवर सिंह नारायणपुर, कुंजबिहारी बाहेती, प्रहलाद मालव, बद्रीलाल मालव बाबूलाल मालव, गाढ़मल मीणा,सुरेश मालव, सुगन जांगिड़, महिला मण्डल से विमला साहू, प्रिया झँवर, रीना श्रृंगी, सीमा लखोटिया, मंजू कासट, मंजू बाहेती, सुषमा बाहेती, द्वारकाबाई गुर्जर, हरिकँवर, संगीता बाहेती आदि उपस्थित रहे।