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श्रीमद् भागवत कथा में बताया कृष्ण की बाल लीलाओं का महत्त्व

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>> भगवान कृष्ण को विशुद्ध मन अतिशय प्रिय है इसलिए परमात्मा विशुद्ध मन की चोरी करने के लिए देह रूपी मटकी में प्रवेश करते हैं। इसलिए प्रत्येक मनुष्य को अपना मन विशुद्ध रखना चाहिए। ऐसा कहना हैं कथा व्यास राष्ट्रीय संत ज्योति शंकर शर्मा पुराणाचार्य का। जो छत्रपुरा स्थित कल्याण राय मंदिर प्रांगण में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पंचम दिवस पर भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का महत्व बता रहे थे। भगवान की दामोदर लीला सुनाते हुए कथा व्यास ने बताया कि मनुष्य को क्रोध नहीं करना चाहिए। भगवान कृष्ण ने मटकी पर क्रोध किया और उस मटकी को फोड़ दिया जिसके कारण उन्हें भी उखल से बंधना पड़ा, इसलिए साधक मनुष्य को भक्ति के पथ पर क्रोध से बचना चाहिए।
प्रकृति पूजा ही परमात्मा की प्रत्यक्ष पूजा
गोवर्धन पूजा का महत्व बताते हुए संत श्री ने बताया कि प्रकृति की पूजा ही परमात्मा की प्रत्यक्ष पूजा है। गिरिराज पर्वत की पूजा करवा करके भगवान कृष्ण ने प्रकृति के महत्व को सिद्ध किया है। इसलिए प्रत्येक मनुष्य को प्रकृति की पूजा अवश्य करना चाहिए, प्रकृति की पूजा भागवत पथ का एक सरल सोपान है। इस अवसर पर गोवर्धन की सुंदर झांकी सजाई गई सभी भक्तों ने भाव विभोर होकर के गोवर्धन की झांकी की परिक्रमा की।