राजस्थान

आवरा सांड के हमले में एक युवक हुआ घायल, अस्पताल मे भर्ती A youth was injured in the attack of a stray bull, admitted to the hospital

बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>> पुराने शहर में आमजन आवारा मवेशियों के उपद्रव से भी आतंकित हो रहे हैं। गली मोहल्लों सहित बाजारों में खड़े आवारा मवेशी और सांड कब हमला कर दें, किसी को कोई पता नहीं है। ऐसे में आमजन चाहे पैदल चलने वाला हो यो दुपहिया चालक हो, हमेशा इन मवेशियों से भयग्रस्त है। पिछले 6 माह में गायों से ज्यादा आवारा सांडों ने शहर की सड़कों पर कब्जा जमा रखा है। सहरी के लिए रोजेदारों को उठाने जाते समय आवारा सांड के हमले से कोब चिकित्सालय में उपचार के दौरान मृत मंजूर भाई को 24 घंटे भी नहीं हुए कि सोमवार को कागदी देवरा क्षेत्र में अफजल अली आवारा सांड के हमले में गंभीर घायल हो गया। जिसे परिजनों और क्षेत्रवासियों ने जिला चिकित्सालय में भर्ती करवाया। जहां गंभीर हालत होने पर घायल अफजल अली को कोटा रेफर कर दिया गया।

बीते माह में तीसरी घटना

सोमवार को अफजल अली आवारा सांड के हमले में घायल हुआ, वहीं पिछले शनिवार को रोजेदारों को उठाने जाने वाले मंजूर अहमद को आवारा सांड ने उठा कर फेंक दिया, जिसकी इलाज के दौरान कोमा में जाने के बाद मौत हो गई। मार्च के अंतिम सप्ताह में भी चौथ माताके दर्शन को जा रहे कालू कटारा के हाथ में आवारा सांड के सिंग घुसने से 9 टाकें लगाने पड़े थे, वहीं लंकागेट क्षेत्र में एक्सिस बैंक की गली में भी आवारा बैल के हमले में दो महिलाएं घायल हो चुकी हैं।

आवरा सांड के हमले में एक युवक हुआ घायल, अस्पताल मे भर्ती A youth was injured in the attack of a stray bull, admitted to the hospital

आवारा मवेशियों की समस्या को लेकर सौंप चुके हैं ज्ञापन

जनप्रतिनिधियों एवं पार्षदों ने पिछले दिनों बून्दी दौरे पर आई मुख्य सचिव उषा शर्मा को भी आवारा मवेशियों को शहरी क्षेत्र से हटाने के लिए ज्ञापन दिया था। लेकिन आयुक्त व नगर परिषद प्रशासन पर कोई असर नहीं हो रहा। पैदल चलने वाले लोगों पर भी जानलेवा हमला कर रहे आवारा मवेशियों की समस्या को लेकर पूर्व में कालू कटारा के नेतृत्व में पार्षद संदीप देवगन, मनीष सिसोदिया, आशीष शर्मा, संजय शर्मा, अर्जुन डाबोडिया, ने जिला कलक्टर, सभापति व आयुक्त को ज्ञापन सौंप कर शहरवासियों को आवारा मवेशियों के आतंक से मुक्त करवाने की मांग की थी, लेकिन अभी तक नगर परिषद इस समस्या पर कोई कार्यवाही नहीं होने से आमजन में आक्रोश व्याप्त है।

आवारा मवेशी से हुई दुर्घटना में नगर परिषद पर 23 लाख की डिक्री हो चुकी हैं पारित

कुछ वर्ष पहले पिछले बोर्ड के कार्यकाल में पुराने शहर की ब्रह्मपुरी क्षेत्र में आवारा बैल के हमले में शहरवासी मुकेश जोशी की मृत्यु होने पर परिजनों द्वारा किए गए क्षतिपूर्ति दावें में नगर परिषद के विरुद्ध डिक्री पारित हो चुकी है। इस प्रकरण में 23,62505 रुपये के हर्जाने में से आधी रकम का भुगतान नगर परिषद द्वारा परिजनों को किया जा चुका है, शेष राशि का भुगतान किया जाना है। लेकिन इस हर्जाने के बाद भी नगर परिषद आवारा मवेशियों के मामले में कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर रहा है।

उक्त मामले में नगर परिषद सभापति मधु नुवाल और आयुक्त महावीर सिसोदिया से पक्ष जाने के लिए कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई। लेकिन हर बार प्रयास विफल रहा। इन दोनों जिम्मेदार पदाधिकारियों के कॉल नहीं उठाने से इनका पक्ष नहीं मिल पाया।  दोनों जिम्मेदार पदाधिकिरयों का यह रवैया इस तरह के जनहित के मुद्दों के प्रति उदासीनता दर्शाता है। वहीं उपसभापति लटूरभाई अपने साथी पार्षदों के साथ शहर को आवारा मवेशियों के आतंक से मुक्त करने और मृतक मंजूर अहमद के परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग कर रहे है।

आवारा मवेशी से हुई दुर्घटना में नगर परिषद पर 23 लाख की डिक्री हो चुकी हैं पारित

कुछ वर्ष पहले पिछले बोर्ड के कार्यकाल में पुराने शहर की ब्रह्मपुरी क्षेत्र में आवारा बैल के हमले में शहरवासी मुकेश जोशी की मृत्यु होने पर परिजनों द्वारा किए गए क्षतिपूर्ति दावें में नगर परिषद के विरुद्ध डिक्री पारित हो चुकी है। इस प्रकरण में 23,62505 रुपये के हर्जाने में से आधी रकम का भुगतान नगर परिषद द्वारा परिजनों को किया जा चुका है, शेष राशि का भुगतान किया जाना है। लेकिन इस हर्जाने के बाद भी नगर परिषद आवारा मवेशियों के मामले में कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर रहा है।

इनका कहना है 

बूंदी शहर में आवारा मवेशियों का आतंक खत्म नहीं हो रहा हैं। नगर परिषद की उदासीनता, लापरवाही, भ्रष्टाचार का परिणाम जनता भुगत रही है।

अर्जुन डाबोडिया,  पार्षद

आवरा पशुओं की समस्या विकट समस्या हैं। नगर परिषद के आयुक्त के आवारा पशुओं का गौशालाओं में भिजवाने के शॉर्ट टर्म टेंडर के लिए निर्देश दिए है। जिला कलक्टर बून्दी से भी इस समस्या के समाधान हेतु र्चा की गई है।

हरिमोहन शर्मा, पूर्व मंत्री व पीसीसी उपाध्यक्ष