मध्य प्रदेश

लॉकडाउन ने बढ़ाई मजदूरों व किरायेदारों की चिंता, पैदल कर रहे पलायन, सरकार को नहीं फिक्र

भिण्ड. शशिकांत गोयल / @www.rubarunews.com>> लॉकडाउन फेज-2 शुरु होते ही कई तिहाड़ी मजदूरों व किरायेदारों की चिंता दिनों दिन बढ़ती जा रही है क्योंकि काम-धंधा पूरी तरह से चौपट हो गया है, समाजसेवियों द्वारा एक-दो बार जो राहत सामग्री मिल भी जाती है तो उससे उनका गुजारा नहीं चल रहा है। सरकार की ओर से मिलने वाली खाद्य सामग्री लेने के लिए उचित मूल्य की दुकानों पर जाते हैं तो कई दस्तावेजों की मांग की रही है, इस समय उनकी मजबूरी का फायदा उठाकर कई जिम्मेदार अपना पेट भरने में लगे हुए हैं और असल हकदार को मदद से कोशों दूर रखा जा रहा हैं। जिलेभर में कई परिवार व मजदूर ऐसे हैं जो किराये पर निवास करते हैं और एक माह गुजरने के बाद मकान मालिक भी किराया मांग रहे हैं इस संकट की घड़ी में सिर्फ और सिर्फ उन्हें एक ही रास्ता नजर आ रहा है कि घर पहुंचना ही उचित होगा। इसलिए पुलिस प्रशासन से नजरें छुपाकर खेत-खलियानों से होकर हाइवे पर पैदल पलायन करने में लगे हुए पैरों में छाले पढ़ गये हैं, फिर भी जिम्मेदारों को  फिक्र नहीं है और सरकार ने भी ऐसे लोगों पर चुप्पी साध रखी है तो उधर लॉकडाउन के चलते राजस्थान के जिला कोटा में पढ़ रहे, हजारों छात्र फसकर रहे गये। ऐसे छात्रों को घर पहुंचने के लिए सरकार ने बस चलाई और खान-पान की व्यवस्था करते हुए सुरक्षित घर पहुंचाया गया। भिण्ड से मंगलवार की सुबह ग्वालियर से भिंड जिले के छात्रों को लेने के लिए छ बसें कोटा भेजी गई थी। भिंड के छात्रों को लेने गई बसों को शिवपुरी से लाने के लिए कलेक्टर छोटे सिंह ने डिप्टी कलेक्टर डीके शर्मा को जिम्मेदारी सौपी गई थी और गुरुवार को देर शाम तक करीब 127 छात्रों को मप्र की सरकार की मदद से भिंड वापस लाया गया है जिन्हें भिंड के बॉर्डर पर सर्वा गांव में इन सभी बच्चों की स्क्रीनिंग कराकर सभी को होम क्वॉरेंटाइन किया गया गया। आज भी घर जाने की चाहा में हाइवे पर पैदल पलायन कर रहे मजदूरों व किरायेदारों के बारे में जब कलेक्टर छोटेसिंह का पक्ष जाना चाहा तो उन्होंने बताया कि ऐसे लोगों को रोकने के लिए हम पूरा प्रयास कर रहे हैं सभी तरह की मदत दिलाई जायेगी, जिसके बाद भी यह लोग मानने को तैयार नहीं हैं एक ही धुन रट रखी है कि घर ही जायेंगे। इस संबंध में शुक्रवार को एक बैठक बुलाई जिसमें चर्चा की जायेगी कि ऐसे लोगों को घर कैसे पहुंचाया जाये।

पुलिस नाकों से चोरी छिपे निकलकर जा रहे घर

जिले की सभी सीमाएं सील है और जगह-जगह पुलिस लगी हुई है जिसके बाद भी कई मजदूर व किरायेदार पैदल ही खेत-खलियानों के रास्ते से होकर हाइवे पर पहुंचकर पैदल ही घर जाने की चाह में निकल रहे हैं। एनएच-92 हाइवे पर पैदल जा रहे लोगों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मकान मालिक किराया मांग रहे हैं और खाने के लिए परेशान है एक-दो बार समाज सेवियों से राशन मिल भी गया तो उससे गुजारा नहीं चल रहा है। खाद्यान्न दुकानों से सामग्री नहीं मिल रही है इसलिए घर जाना चाह रहे हैं।

पलायन कर रहे लोगों पर प्रशासन को देना होगा ध्यान

कोरोना महामारी को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन कर दिया गया है ताकि लोगों को इस महामारी से बचाया जा सके। लेकिन कई मजदूर व गरीब असहाय लोगों के आगे जीवन यापन करना मुश्किल हो रहा है किसी तरह की मदद भी नहीं मिलने से उनके जहन में एक ही ख्याल आ रहा है किसी तरह घर पहुंच जाये। जिस तरह कोटा में पढऩे वाले हजारों छात्रों को घर पहुंचाने के लिए सरकार ने बसे चलाकर उन्हें सुरक्षित घर पहुंचाने का काम किया, इसके लिए सरकार को धन्यवाद भी दिया जा रहा है। सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि सडक़ों पर पलायन कर रहे और घर जाने की चाहा में पैरों में छाले पड़ गये क्या सरकार को भी ऐसे लोगों की मदत करने के लिए आगे आना चाहिए जिससे यह लोग भी अपने गांव सुरक्षित पहुंच जायें, इस पर भी विचार करना होगा और यह लोग भी सरकार को धन्यवाद देंगे।

कोटा से बस द्वारा आये 127 छात्रों हुई स्क्रीनिंग

कोटा राजस्थान से भिंड के करीब 127 छात्रों को गुरुवार को मप्र सरकार की मदद से भिंड वापस लाया गया है जहां भिंड के बॉर्डर पर सर्वा गांव में इन सभी छात्रों की स्क्रीनिंग करायी गई जिसके बाद उन्हें होम क्वॉरेंटाइन किया गया। वही कोटा से लौटे छात्रों ने घर वापसी को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का धन्यवाद किया दिया। दरअसल राजस्थान राज्य का कोटा जिला कोचिंग हब माना जाता है इसी के चलते मप्र के कई छात्र लॉकडाउन के चलते कोटा में फंसे हुए थे जिन्हें भिण्ड लाया गया।

सीएम ने लिया था फैसला, सभी छात्रों को गृह जिला में लाने के लिए

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोटा में फंसे मप्र के सभी बच्चों को वापस अपने गृह जिलों में लाने का फैसला लिया और वहां करीब डेढ़ सौ बसें कोटा भेजी जिनमें पांच बसों के जरिए भिण्ड के 127 छात्र गुरुवार सुबह जिले के सर्वा गांव पहुंचे जहां सर्वा स्कूल को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया यहां इन सभी बच्चों की स्क्रीनिंग की गई और इन छात्रों को इनके गृहगांव तक पहुंचाने के लिए 6 बसों का इंतजाम भी किया था।

इन्होंने रखी थी निगरानी

शासन द्वारा बनाए गए कोरोन्टाइन सेंटर पर प्रशासन द्वारा डॉ.शरद जैन, डॉ.साकार तिवारी एवं मेल स्टाफ नर्स नीरज कुमार, सुजीत समाधिया, संदीप शिवहरे, राहुल देव को भेजा गया जहां सभी छात्रों की स्क्रीनिंग की एवं प्रशासनिक अधिकारियों की निगरानी में सभी छात्रों को डॉक्टरों एवं डिप्टी कलेक्टर डीके शर्मा द्वारा सभी छात्रों को होम कोरोन्टाइन रहने के दौरान बरती जाने वाली सभी सावधानियों से अवगत कराया और सभी छात्रों को घर भेजा।

इनका कहना है:

पलायन कर रहे मजदूरों को रोकने के लिए हम पूरा प्रयास कर रहे हैं जिसके बाद भी ऐसे लोगों की एक ही धुन है कि घर ही जायेंगे, इस संबंध में गुरुवार को एक बैठक बुलाई है जिसमें चर्चा की जायेगी।

-छोटेसिंह कलेक्टर भिण्ड

कोरोना महामारी के चलते राजस्थान के कोटा जिले में लॉकडाउन होते ही फसकर रहे गये थे और मुख्यमंत्री जी ने बसें चलवाकर हमें अपने घर पहुंचाया, इसके लिए मप्र शासन को धन्यवाद देते हैं।

-मुस्कान जैन, छात्रा  गोहद

मुख्यमंत्री की पहल पर कोटा से सभी छात्रों को वापस बुलाने के लिए शासन से बसे भेजी गई थी जिनके द्वारा जिले के 127 छात्र-छात्राओं को लाया गया, जिनकी स्क्रीनिंग कराकर समझाइश देते हुए उनके घर भेज दिया गया है और होम कोरंटाइन रहने के लिए कहा है

-डीके शर्मा ,डिप्टी कलेक्टर भिंड