राजस्थान

दुख की भीड़ में सुख कहीं नजर नहीं आता – मुनि सुप्रभसागर जी महाराज Happiness is nowhere to be seen in the crowd of sorrow – Muni Suprabhasagar Ji Maharaj

बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>> आचार्य वर्धमान सागर जी महाराज के प्रभावी शिष्य सुप्रभ सागर  महाराज ने रविवार को चौगान जैन नोहरा में धर्म सभा में कहा कि आज के समय में मनुष्य को यदि कोई सुख की अनुभूति होती है तो वह अपने आप को दुखी समझते हुए उसे वह सुख नजर नहीं आता। धर्म सभा में मुनि श्री ने कहा कि मनुष्य को संसार के परिभ्रमण से बाहर निकलने के लिए अपनी धर्म वदान की बैलेंस शीट बनानी चाहिए आज का व्यक्ति स्वाध्याय करना भूल गया है जिसके कारण मनुष्य अज्ञानता में जी रहा है। साधु भक्तों के कल्याण के लिए प्रवचन देते हैं पर वचन नहीं देते हैं।

दुख की भीड़ में सुख कहीं नजर नहीं आता – मुनि सुप्रभसागर जी महाराज Happiness is nowhere to be seen in the crowd of sorrow – Muni Suprabhasagar Ji Maharaj

इससे पूर्व महाराज श्री जी शीतलनाथ दिगंबर जैन मंदिर से विहार करते हुए चौगान जैन मंदिर में मंगल प्रवेश किया। जहां जैन समाज बंधुओं ने उनकी अगवानी की। विहार के समय पर सुरेंद्र छाबड़ा हनी गंगवाल प्रमोद गंगवाल रमेश पाटोदी साथ चल रहे थे। धर्म सभा में  बिरधीचंद छाबड़ा, सीमा जैन, रविंद्र काला, कैलाश पाटनी, महिला मंडल की अध्यक्ष सुमन बाकलीवाल नवीन गंगवाल इत्यादि समाज बंधु व श्रद्धालु मौजुद रहे।