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भोपाल के गैस पीड़ितों की बदहाली के लिए सरकार ही जिम्मेदार – भाकपा

भोपाल[email protected]भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने भोपाल के लाखों गैस पीड़ितों की अधिकतम मुआवजा और न्याय से वंचित होने की बदहाल स्थिति के लिए केन्द्र और मध्य प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए इस अमानवीय प्रवृत्ति की कड़ी भर्त्सना की है ।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के मध्य प्रदेश राज्य सह सचिव कॉमरेड शैलेन्द्र शैली ने यहां जारी एक विज्ञप्ति में बताया कि भोपाल में 2 _3 दिसंबर 1984 की रात यूनियन कार्बाइड में हुई जहरीली गैस के रिसाव से ग्रस्त 5.72 लाख गैस पीड़ित न्याय और अधिकतम मुआवजे से वंचित हैं।विगत वर्षों में केन्द्र सरकार ने बेहद कम मुआवजे पर यूनियन कार्बाइड से समझौता किया था।उक्त समझौते के तहत यह तय हुआ था कि यदि मुआवजा राशि कम पड़ी तो इसकी पूर्ति केन्द्र सरकार करेगी ।फिर केन्द्र सरकार दो दशक बाद सुप्रीम कोर्ट में गई लेकिन गैस पीड़ितों के पक्ष में तर्क संगत जानकारी और सही आंकड़े प्रस्तुत नहीं कर सकी । केन्द्र सरकार की लापरवाही के कारण सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका खारिज हो गई।इस तरह केन्द्र सरकार की लापरवाही का खमियाजा भोपाल के लाखों गैस पीड़ितों को भुगतना पड़ रहा है।सुप्रीम कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की है कि केन्द्र सरकार को ही भोपाल के सभी गैस पीड़ितों को अधिकतम मुआवजा देना चाहिए।भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा इस संबंध में भोपाल के गैस पीड़ितों के हस्ताक्षर से एक ज्ञापन भारत के राष्ट्रपति को देने की तैयारी की जा रही है।इस ज्ञापन में राष्ट्रपति से यह अपील की गई है कि वे केन्द्र सरकार को भोपाल के सभी गैस पीड़ितों को अधिकतम मुआवजा देने हेतु निर्देशित करें ।भोपाल के गैस पीड़ितों के लिए रिजर्व बैंक में रखी 50 करोड़ रूपए की राशि तथा इस राशि का संपूर्ण ब्याज सिर्फ़ गैस पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए ही खर्च किया जाए ।यह राशि बेहद अल्प है ,इसलिए केन्द्र सरकार को ही अपने फंड से भुगतान करने हेतु निर्देशित किया जाए ।भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने भारत के राष्ट्रपति से केन्द्र सरकार और मध्य प्रदेश सरकार को भोपाल के समस्त गैस पीड़ितों तथा उनके परिवार जनों के आजीवन निःशुल्क इलाज की व्यवस्था करने और भोपाल मेमोरियल अस्पताल में समुचित स्टाफ की स्थाई नियुक्ति ,औषधि और चिकित्सकीय उपकरणों की पर्याप्त व्यवस्था करने हेतु निर्देशित करने की अपील की है।इसके साथ ही गैस पीड़ित निराश्रितों को 3000 रुपए प्रति माह पेंशन देने की भी मांग भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने की है ।भाकपा ने सुप्रीम कोर्ट में गैस पीड़ितों की याचिका खारिज होने के बाद संसद तथा मध्य प्रदेश विधान सभा में इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं होने पर भी चिंता व्यक्त की है।
उल्लेखनीय है कि जब भोपाल में यूनियन कार्बाइड कारखाना स्थापित करने का प्रस्ताव मध्य प्रदेश विधान सभा में प्रस्तुत हुआ था तब भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के तत्कालीन विधायक कॉमरेड शाकिर अली खान ने इसका विरोध करते हुए भोपाल में इस प्रस्ताव को खारिज करने की मांग की थी तथा इसके दुष्परिणाम होने की आशंका को भी व्यक्त किया था।तब से अब तक एक राजनीतिक दल के रूप में सिर्फ़ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी भोपाल गैस त्रासदी और गैस पीड़ितों के हितों से जुड़े मुद्दे को उठाकर आंदोलन करती रही है। गैस त्रासदी की बरसी पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने इस त्रासदी में मारे गए नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए गैस पीड़ितों को न्याय और अधिकतम मुआवजा मिलने तक अपने आंदोलन को जारी रखने का संकल्प व्यक्त किया है।

 

Umesh Saxena

I am the chief editor of rubarunews.com