बिहार

सामयिक परिवेश सुरमयी संध्या शाम ए सुखन, बहती रही साहित्य की रसधारा

मुजफ्फरपुर.संवाददाता/ @www.rubarunews.com-लगातार विस्तार ले रही साहित्यिक संस्था सामयिक परिवेश की मुजफ्फरपुर जिला इकाई ने साहित्यिक संध्या शाम ए सुखन का आयोजन किया।इस सुरमयी संध्या का आयोजन मुजफ्फरपुर के नवयुवक समिति सभागार में किया गया था। शाम ए सुखन में कविताएं, गीत, गजल के साथ शेर व शायरी का रसास्वादन करने का अवसर श्रोताओं को मिला।

गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर में यह संस्था का पहला स्टेज कार्यक्रम था। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ.प्रो.देवव्रत अकेला कर रहे थे, जबकि मुख्य अतिथि डॉ.विजयेश पराशर और विशिष्ट अतिथि देवेंद्र कुमार थे। पूरे कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन शहर की नामचीन संचालक सविता राज कर रही थीं।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इसके बाद आगत अतिथियों को शॉल, मोमेंटो और प्रशस्तीपत्र देकर सम्मानित किया गया। सामयिक परिवेश की संस्थापिका ममता मेहरोत्रा ने कहा कि मुजफ्फरपुर में भले ही संस्था का पहला कार्यक्रम है, लेकिन यह शहर मेरे लिए अपरिचित नहीं है, मैं यहां कुछ वर्षों के लिए रह चुकी हूं। मेरी कोशिश होगी कि मैं आगे भी ऐसा कार्यक्रम यहां करती रहूं।
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार मुकेश महान ने कहा कि खुशी की बात है कि मुजफ्फरपुर के मंच पर आज सामयिक परिवेश उपस्थित है। हम उम्मीद करते हैं कि जिला इकाई इसकी निरंतरता बनाए रखेगी।उन्होंने कार्यक्रम में आए लोगों का आभार भी प्रकट किया।
कार्यक्रम में डा. मीना कुमारी परिहार, अंजनी कुमार पाठक, जगदीश शर्मा, डॉ पुष्पा गुप्ता उमेश राज, डॉ .सतीश कुमार साथी ,हिमांशु अस्थाना, डॉ लोक नाथ मिश्रा, डॉ ऊषा किरण श्रीवास्तव, सुमन कुमार मिश्र,मुन्नी चौधरी, पुष्पा प्रसाद, मधुकर वनमाली,ज्योति सिन्हा, अन्नु सांडिल्य, विवेक कुमार, मुस्कान केशरी, विजय शंकर प्रसाद, प्राची सिंह राजपूत, कुमार लक्ष्मीकांत, अशोक भारती, सौरभ प्रभात, हेमा सिंह, सत्येन्द्र कुमार सत्येन, रणबीर अभिमन्यु, साहिल, विनीत कुमार सिंह, माधवी लता, विरेंद्र कुमार मल्लिक, रवि कपूर, प्रमोद नारायण मिश्र, डॉ हरि किशोर प्रसाद सिंह, प्रफुल्ल चंद्र झा, गोपाल फलक, डॉ माया शंकर झा, सहित कई कवियों ने अपनी सरस रचनाएं प्रस्तुत की।
इस मौके पर यू ट्यूब पर सामयिक परिवेश मुजफ्फरपुर द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में अंजनी कुमार पाठक ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसके लिए उन्हें प्रमाणपत्र दे कर सम्मानित किया गया। साथ ही सभी कवियों को भी प्रमाण वितरित किए गए।