मध्य प्रदेश

साहित्यकारों की जीवटता और जिजीविषा सम्पूर्ण समाज को अंगीकृत करनी चाहिए” – गिरीश गौतम” The whole society should adopt the vitality and vitality of the writers” – Girish Gautam.

रीवा.Desk/ @www.rubarunews.com>>समाजसेवी सुभाष श्रीवास्तव के 67वें जन्मदिवस पर, शहर के 86 सामाजिक संगठनों द्वारा “साहित्यकार सम्मान समारोह” एवं “युवा संवाद कार्यक्रम” आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि- “साहित्य को समाज का दर्पण कहा जाता है! दर्पण में वही दिखता है जो जैसा होता है! ज़ब समाज दिशा और दशा से भटकता है तो साहित्य ही उसे उचित मार्ग प्रशस्त करता है। इसलिए आदिकाल से ही साहित्यकारों का महत्व रहा है! आज भी है और आगे आने वाली सदियों तक रहेगा! इसलिए साहित्यकारों की जीवटता और जिजीविषा सम्पूर्ण समाज को अंगीकृत करनी चाहिए”।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि- ” सुभाष श्रीवास्तव जी का संपूर्ण व्यक्तित्व लोगों के लिए एक प्रेरणा का स्त्रोत है। संघर्षों के बावजूद जिन्होंने अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया, ऐसी जीवट लोग बिरले ही मिलते है जो स्वयं का हित नहीं वरन समाज की फिक्र करते है, मैं इनके शतायु होने की कामना करता हूँ। कार्यक्रम के अति विशिष्ट अतिथि रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने कहा कि- “कवियों की रचनाओं में वो ताकत होती है जो सोये हुए समाज को जगाने का माद्दा रखते है! इसलिए साहित्यकारों की प्रासंगिकता समाज में सदैव रहेगी। कार्यक्रम के अति विशिष्ट अतिथि विधायक सिरमौर दिव्यराज सिंह ने कहा कि- “जो समाजसेवी समाज के लिए जीता है, निःस्वार्थ भाव से इंसानियत और मानवता की सेवा करता है उसके व्यक्तित्व और कृतित्व का मूल्यांकन करना समाज का नैतिक दायित्व है, मैं इस आयोजन के लिए सर्व सामाजिक संगठन को साधुवाद देता हूँ ।

साहित्यकारों की जीवटता और जिजीविषा सम्पूर्ण समाज को अंगीकृत करनी चाहिए” – गिरीश गौतम” The whole society should adopt the vitality and vitality of the writers” – Girish Gautam.

कार्यक्रम में पहले उन साहित्यकारों को मरणोपरांत सम्मान प्रदान किया गया उनमें प्रमुख रूप से “मरणोपरांत सम्मान” स्व. दादा भाई लाल विक्रम जीत सिंह, स्व. आदित्य प्रताप सिंह, स्व. विनीत विक्रम बौद्ध, स्व. शंभू द्विवेदी काकू, स्व. भगवती प्रसाद शुक्ला, स्व. कालिका त्रिपाठी, स्व. वेद प्रकाश चड्ढा, स्व. राजेंद्र तिवारी भारतीय, स्व. शारदा प्रसाद मालवीय, स्व. ओम नारायण तिवारी, स्व. राजीव लोचन शर्मा, स्व. शिव शंकर त्रिपाठी शिवाला, स्व. सिद्धिविनायक द्विवेदी, स्व. मणि रायपुरी, स्व. गोमती प्रसाद द्विवेदी विकल, मरहूम नूर रिवानी, मरहूम अमीनदुद्दीन अमीन, स्व. आर. के. निगम, स्व. विश्वनाथ सिंह काशी, स्व. ठाकुर गोपाल शरण सिंह, स्व. संपत सिंह गहरवार एवं स्व. संतोष गौतम शामिल है। समारोह में 67 साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। समारोह में नगर निगम के अध्यक्ष व्यकटेश पाण्डेय, श्रीमती कविता पाण्डेय तथा राजेन्द्र शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किये।समारोह में समाजसेवी सुभाष श्रीवास्तव ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में स्वागत भाषण  युवा एकता कल्याण संघ के अध्यक्ष राजराखन पटेल ने एवं आभार आभार प्रदर्शन अभ्युदय उपकार फाउंडेशन की अध्यक्ष अनामिका शुक्ला ने व्यक्त किया।