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शिव के बिना मनुष्य शव समान बताया गया हैं – पुराणाचार्य

बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-छत्रपुरा स्थित कल्याण राय मंदिर प्रांगण में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस पर कथा व्यास राष्ट्रीय संत ज्योति शंकर शर्मा पुराणाचार्य ने कथा वक्ता व श्रोता के नियम बताते हुए बताया कि कथा व्यास को उच्च नीच के भेद से परे होकर समग्र विश्व कल्याण के लिए कथा वाचन का करना चाहिए। तब कथा की सार्थकता सिद्ध होती है। शुकदेव जी मे ये सभी नियम चरितार्थ होते है ,इसलिए उनके द्वारा कही हुई कथा का अतिशय प्रभाव है।
शिव सती प्रसंग सुनाते हुए पुराणाचार्य ने बताया कि शिव के बिना मनुष्य शव समान है । शिवलिंग की महिमा बताते हुए कथा व्यास ने बताया कि मनुष्य को पार्थिव शिवलिंग की पूजा नित्य करना चाहिए , मिट्ठी से बनाये गए शिवलिंग को पार्थिव शिवलिंग कहा जाता है , प्रत्येक मनुष्य को पार्थिव शिवलिंग की पूजा अवश्य करना चाहिए।
कपिल देवहूति प्रसंग सुनते हुए पुराणाचार्य ने बताया कि मनुष्य भोग से रोग और योग से निरोग को प्राप्त करता है , पूरक ,कुंभक व रेचक नाम के तीन मुख्य प्राणायाम बताए गए है ज्यो मनुष्य नित्य प्राणायाम करता है इसका मन विशुद्द हो जाता है जिससे जीव भक्ति पथ पर सहज रूप से आगे बढ़ता है।
ध्रुव चरित्र सुनते हुए कथा व्यास ने बताया कि मनुष्य की प्रथम गुरु मा होती है , ध्रुव की माता सुनीति ने बाल्यकाल से ही ध्रुव को भगवत पथ पर अग्रसित कर दिया जिससे ध्रुव को परम पवित्र ध्रुवलोक प्राप्त हुआ , आज की माताओ को भी चाहिए कि वे अपनी संतानों में संस्कारो का पोषण करे जिससे एक स्वस्थ समाज की रचना संभव हो सके। इस अवसर पर कथा में उपस्थित रामस्वरूप रावत , मुरारी रावत , बिरधी लाल कुमावत , प्रभु लाल रावत आदि ने कथा आरती की।