राजस्थान

नंदीशाला निर्माण की मांग को लेकर सड़क पर उतरे गोसेवक Gosevaks came on the road demanding the construction of Nandishala

 बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>> गोपाल गो सेवा संस्थान की ओर से पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार आज नंदीशाला निर्माण की मांग को लेकर हायर सैकण्डरी स्कूल के बाहर जिले के गौ सेवकों ने जंगी प्रदर्शन कर सरकार के आदेश की पालना की मांग की। जिसमें बड़ी संख्या में जिले भर के गोसेवक शामिल हुए। नंदीशाला निर्माण की मांग को लेकर आयोजित इस धरने को निशक्त गोसेवा समिति, धाबाईयो का नयागांव के गोसेवकों, किसानों, महिलाओं का भी समर्थन मिला। धरने पर रामेश्वर महादेव के बालकनाथ महाराज, रामलखन दास महाराज भी पहुंचे।

नंदीशाला निर्माण की मांग को लेकर सड़क पर उतरे गोसेवक Gosevaks came on the road demanding the construction of Nandishala

धरने के दौरान गो सेवक तीन बत्ती चौराहे पर आकर बैठ गए और रोड जाम कर दिया। गो सेवको के मुख्य सड़क पर बैठने से प्रशासन में हडकम्प मच गया। जाम की सूचना पर शहर कोतवाल सहदेव मीणा मय जाब्ते के मौके पर पहुंचे। गौ सेवकों को सड़क से हटाने और गोसेवकों को जीप में बिठाए जाने की कार्यवाही पर गौसेवकों से पुलिस की तीखी नोंकझोंक एवं धक्का-मुक्की हुई। कहासुनी और धक्कामुक्की के दौरान गोपाल माहेश्वरी सहित कहीं गो सेवकों के कपड़े फट गई। बाद में शहर कोतवाल ने गोसेवकों को जीप से उतारकर सड़क के दोनां ओर बैठे गो सेवको से समझाइश कर एक साइड पर बिठाया जिसके बाद गोसेवक तीन बत्ती चौराहे की मुख्य सड़क पर बैठकर प्रदर्शन करते हुए जिला कलेक्टर को मौके पर बुलाने की बात करने लगे।

नन्दीशाला के संबंध में ठोस कदम नहीं उठाने तक जारी रहेगा अनिश्चितकालीन धरना

संत रामलखन दास महाराज व गोपाल माहेश्वरी ने बताया कि जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला पशु क्रूरता निवारण समिति बनी हुई है। जिसकी बैठक में नंदीशाला के संबंध में विचार विमर्श होता है परंतु कोई पुख्ता योजना नहीं बन पाई है। जिससे गो सेवकों को सुनवाई नहीं होने पर मजबूरन गोमाता के लिए बार बार धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर जब तक नन्दीशाला के संबंध में कोई ठोस कदम नहीं उठाते तब तक हम अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे। धरना स्थल पर संत मंगलपुरी, संत मोहनसिंह, संत बालक दास ,गोसेवक गोपाल माहेश्वरी, नन्द सिंह सोलंकी, लोकतंत्र गुर्जर, भवानी शंकर आदि भारी संख्या में गोसेवक मौजूद रहे।