ताजातरीनराजनीतिराजस्थान

राहुल गाँधी को राष्ट्रीय शर्म बताने के मामले में सीएम शिवराज सिंह चौहान की मुश्किलें बढ़ी

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी को 22 नवंबर को बूंदी जिले के नैनवा में राष्ट्रीय शर्म बताये जाने के मामले में शिवराज सिंह चौहान की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है। बूंदी जिला निर्वाचन विभाग ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के विरुद्ध आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले की शिकायत पर नये सिरे से कार्यवाही शुरू कर दी है। इसी मामले में 25 नवम्बर को शिवराज सिंह चौहान के विरुद्ध शिकायत को निर्वाचन विभाग की ओर से सी विजिल एप पर बूंदी जिले बाहर का मामला बताते हुये निरस्त कर दिया गया था।
चुनाव आयोग पर लगा पक्षपात का आरोप
इस इस पर चुनाव आयोग पर भेदभाव व पक्षपातपूर्ण कार्यवाही का आरोप लगाते हुये राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य चर्मेश शर्मा ने मामले की फिर से जाँच और निष्पक्ष कार्यवाही की मांग को लेकर गुरुवार से चुनाव आयोग के विरुद्ध बूंदी जिला कलेक्ट्रेट के बाहर आमरण अनशन की घोषणा की थी।
आचार संहिता प्रभारी से वार्ता
गुरुवार को बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता पीसीसी सदस्य शर्मा के नेतृत्व में जाकर कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां पर बूंदी जिला आदर्श चुनाव आचार संहिता की प्रभारी एडीएम नवरत्न कोली से उनकी वार्ता हुयी। आदर्श चुनाव आचार संहिता प्रभारी ने प्रतिनिधि मंडल को बताया कि मामले में फिर से कार्यवाही शुरू कर दी गयी है और विधानसभा चुनाव के बूंदी जिला आदर्श चुनाव आचार संहिता प्रकोष्ठ की ओर से शिवराज सिंह चौहान के विरुद्ध आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में हिण्डोली एसडीएम से रिपोर्ट मांगी गयी है। प्रतिनिधि मंडल ने चुनाव आचार संहिता प्रभारी को ज्ञापन भी दिया। प्रतिनिधि मंडल में पार्षद साबिर खान, कांग्रेस अभाव अभियोग प्रकोष्ठ के ब्लॉक अध्यक्ष राजेंद्र मीणा एडवोकेट वसीम,एडवोकेट शाहिद,पवन, हरिओम, कालूलाल बागोरिया, परदान, सुमित,यूनुस,भानू, विशाल, विनोद,प्रेम, गोविंद, राकेश, गीताराम,राम,मोहन, दीपक,राकेश,विशाल,हरिराम,सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल रहे।
राहुल गाँधी को बताया था राष्ट्रीय शर्म
उल्लेखनीय है कि 22 नवम्बर को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बूंदी जिले के नैनवा क्षेत्र मे भाजपा की सभा को सम्बोधित करते हुये राहुल गाँधी को राष्ट्रीय शर्म बताया था। इस मामले में राजस्थान बीज निगम के निदेशक व राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य चर्मेश शर्मा ने आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत की थी जिसे निर्वाचन विभाग की ओर से सी विजिल एप पर 25 नवम्बर को नैनवा क्षेत्र को ही बूंदी जिले से बाहर बताते हुये निरस्त कर दिया गया था।जिसके बाद शर्मा के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिनिधि मण्डल ने जिला निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन देकर चुनाव आयोग पर भेदभाव व पक्षपातपूर्ण कार्यवाही का आरोप लगाते हुये निष्पक्ष जाँच की मांग को लेकर 30 नवम्बर से चुनाव आयोग के विरुद्ध आमरण अनशन घोषणा कर दी थी।
कार्यवाही शुरू होने के बाद अनशन स्थगित
गुरुवार को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य सर में शर्मा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता आचार संहिता के उल्लंघन के दर्द मामले की दोबारा जांच की मांग को लेकर आमरण अनशन के लिये जिला कलेक्ट्रेट गांधी प्रतिमा पर पहुंचे थे। निर्वाचन विभाग द्वारा मामले की दोबारा जांच शुरू करने की अधिकृत जानकारी देने के बाद शर्मा ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुये आमरण अनशन स्थगित करने की घोषणा की।
संवैधानिक मूल्यों की रक्षा जरूरी – शर्मा
इस अवसर पर पीसीसी सदस्य चर्मेश शर्मा ने कहा कि विश्व में संवैधानिक मूल्यों की रक्षा जरूरी है चुनाव आयोग जैसी संस्थाओ से हम भेदभावपूर्ण आचरण की अपेक्षा नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी पर राहुल गाँधी को नोटिस देने और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा राहुल गाँधी को राष्ट्रीय शर्म बताने पर कोई कार्यवाही नहीं कर शिकायत को रद्द करना एक दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय था जिसके प्रति हमने विरोध दर्ज करवाया।