संस्कृत भारती के तत्वावधान में संस्कृत सप्ताह का हुआ समापन
उपस्थित अतिथियों को माल्यार्पण एवं तिलक संस्था के शेलेन्द्र खरे एवं उदित बुधोलिया ने लगाया। डा. हरेन्द्र कुमार भार्गव ने संस्कृतभारती द्वारा देश एवं विदेश में संस्कृतभाषा के लिए किये जा रहे कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया और संस्कृतसप्ताह के अन्तर्गत जिले में किये गये कार्यों की जानकारी दी। मुख्य अतिथि केदार सिंह गुर्जर ने कहा कि संस्कृतभाषा में बातचीत करने वाले दतिया जिले में बहुत ही कम लोग हैं। हम सब लोग मिलकर संस्कृत को बढावा दें। उन्होंने कहा कि हमारा प्राचीन ज्ञान, भारतीय संस्कृति और सभ्यता इसी भाषा में है। इसको संरक्षित करना हमारा हमारा कर्यव्य है।
मुख्य वक्ता प्रो. आर. पी. गुप्ता ने कहा कि बच्चों को गर्भ में ही संस्कार प्राप्त होते हैं। इसलिए महिलाओं को अच्छे साहित्य का अध्ययन करना चाहिए। तो बच्चे संस्कार वान एवं तेजस्वी होंगे। संस्कार वान होने पर अच्छे राष्ट्र एवं समाज का निर्माण होगा। संस्कृतभारती के जिला अध्यक्ष श्री अनिल तिवारी ने कहा कि संस्कृतभाषा बहुत ही सरल एवं संस्कारयुक्त है। संस्कृतभारती इस भाषा में विभिन्न आयु से सम्बन्धित लोगों के लिए विभिन्न प्रकार के आयाम चला रही है। जैसे बालकेन्द्र, गीताशिक्षणकेन्द, सप्ताहमिलन इत्यादि के माध्यम से हम संस्कृत सीख सकते हैं।
कार्यक्रम में प्रान्त संस्कृत सप्ताह मिलन सह प्रमुख अशोक श्रीवास्तव, जिला प्रचारप्रमुख रामजीशरण राय, पूर्ण चन्द्र शर्मा साहित्यप्रमुख, धर्मेन्द्र अग्रवाल, आकाश बुधौलिया, शैलेन्द्र खरे, अरविन्द सक्सैना, राजेन्द्र तोमर, मुकेश शर्मा, कौशल पाठक इत्यादि उपस्थित रहे। उपस्थित अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन विद्यालय के प्राचार्य आर.एस. सेंगर ने किया। कार्यक्रम का संचालन रविभूषण खरे ने किया। उक्त जानकारी रामजीशरण राय जिला प्रचार प्रमुख संस्कृत भारती ने दी।