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प्रधानमंत्री ने बुद्ध की विचार धारा को बताया कोरोना संकट से लड़ने का मंत्र.

नईदिल्ली.Desk/ @www.rubarunews.com-कोरोना को लेकर प्रधानमंत्री सजग रूप से देशवासियों को संबोधित करते रहे हैं, आज भी बुद्ध पूर्णीमा के पावन दिन पर मोदी जी ने मन को प्रधान बताया मन के जुड़ाव को अहम कहा , ओर टेक्नोलोजी के माध्यम से जनता से जुड़े रहने को अद्धभुत बताया,


10 min के अपने संदेश में भगवान बुद्ध को नमन करते हए, उनके जीवन धारा ओर उनके संदेश को देशवासियों को बताते हुए कहा को बुद्ध त्याग और समर्पण की सीमा है ,
बुद्ध वो जो खुद को न्योछावर करके दूसरों के लिए जीते है, जैसे हमारे कोरोना वररिर्स जो 24 घन्टे मानवता की सेवा में लगे है वे नमन के पात्र हैं उन्हीने निराशा में कठिन स्थिति में बुद्ध के विचारों को अपनाने के लिए देशवासियों से कहा,
बुद्ध के गुणों को बताते हुए मोदी जी ने बतलाया कि भारत भी पूरे निश्वार्थ भाव से सभी के लिए मदद का हाथ आगे बढ़ा रहे है जिस प्रकार बुद्ध थक कर रुके नही और हमें भी बिना रुकें अपने वैश्विक दायित्त्व को पूरा करना है
बुद्ध के जीवन पर प्रकाश डालते हुए मोदी जी ने कही कुछ महत्वपूर्ण बाते~
1. बुद्ध का एक एक संदेश को विश्व की प्रगति में सहायक बताया,
2. निरंतर सेवा भाव से मजबूत होकर हर चुनोती को पार करने की बात कही,
3. बुद्ध के 4 सत्य भारत की नयो राह बनेंगे
【दया , करुणा, सुख- दुःख के प्रति समभाव ओर
जो जैसा है उसे वैसे स्वीकारना】
4. बिना भेदभाव किये दुनिया के हर व्यक्ति की मदद करे
5. प्रत्येक भारत वासी की जान बचना हमारी पहली प्राथमिकता,
6. एक जुट होकर लड़ने को विश्व के लिए जर्रूरी बताया
अपने संबोधन को विराम देते हुए मोदी जी ने उनसभी को बुद्ध का सच्चा अनुयायी कहा जी दिन रात बिना थके , बिना रुके मानवता की सेवा में पूर्ण निश्वार्थ भाव से जुटे हुए हौ, मोदीजी ने विनीत करते हुऐ प्रत्येक देशवासी से जहा है वहाँ सबकी सहायता करने की अपील की ,
बुद्ध का जीवन इसी प्रकार हम सबके जीवन को प्रकाश मान करता रहे इसी प्रार्थना के साथ अपने संबोधन को समाप्त किया।