मध्य प्रदेशश्योपुर

25 प्रतिशत से कम प्रगति वाले उपयंत्रियों को कारण बताओ नोटिस

श्योपुर.Desk/ @www.rubarunews.com-
कलेक्टर  संजय कुमार ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित मनरेगा अंतर्गत संचालित कार्यो की समीक्षा करते हुए 25 प्रतिशत से कम प्रगति वाले 16 सीएफटी के उपयंत्रियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये गये। इसके साथ ही बैठक से अनुपस्थित इंजीनियर  आरडी किरार एवं सुश्री प्रियंका जादौन की सेवा समाप्ति की कार्यवाही हेतु एक माह का नोटिस जारी करने के निर्देश भी दिये गये।
कलेक्टर  संजय कुमार ने मनरेगा कार्यो की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि जिनके कार्य लंबित है वे शीघ्रता से पूर्ण कर सीसी जारी करें। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत उपयोगी कार्य ही कराये जाये, अनुपयोगी कार्य के लिए संबंधितों पर कडी कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने विजयपुर जनपद में सीसी जारी नही होने के मामले में अकांउट अफसर  दीपक कटारिया तथा उपयंत्री  संतोष विश्वकर्मा को भी कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये गये।
कलेक्टर संजय कुमार ने मनरेगा के तहत निर्मित गौशालाओं की समीक्षा के दौरान निर्देश दिये कि शेष 8 गौशालाओं का निर्माण शीघ्रता से पूर्ण किया जाये। बताया गया कि 43 कार्य में से 35 पूर्ण हो गये है, जिनमें से 15 गौशाला का संचालन एनआरएलएम के समूहों द्वारा किया जा रहा है तथा इनमें 1278 के लगभग गौवंश है। इस अवसर पर अमृत सरोवर योजना के तहत तालाबो के निर्माण कार्यो की समीक्षा भी की गई।
अधिक व्यय वाली 20-20 पंचायतो में कार्यो का होगा भौतिक सत्यापन
कलेक्टर  संजय कुमार ने बैठक के दौरान कहा कि उपयंत्री अनुपयोगी कार्यो को न कराये, कार्यो की तकनीकी स्वीकृति से पहले उनकी उपयोगिता भी देखे। उन्होंने निर्देश दिये कि तीनो विकासखण्ड की ऐसी 20-20 पंचायतो को चिन्हित किया जाये, जिनमें मनरेगा के तहत सबसे ज्यादा व्यय हुआ है। इन पंचायतो में मनरेगा कार्यो का भौतिक सत्यापन अन्य निर्माण विभागों के इंजीनियर्स से कराया जायेगा तथा गांव का एक व्यक्ति भी इसमें शामिल रहेगा। उन्होंने कहा कि उक्त पंचायतो के 20 प्रतिशत पंचायते अर्थात 12 पंचायतो में वे स्वयं कार्यो की समीक्षा करेगे।
वाटरशैड अंतर्गत 100-100 हेक्टयर के जंगल विकसित करने के निर्देश
कलेक्टर  संजय कुमार ने वाटरशैड परियोजना की समीक्षा के दौरान निर्देश दिये कि दोनो परियोजनाओं में 100-100 हेक्टयर के क्षेत्र में जंगल विकसित किये जाये, इसकी कार्य योजना बनाकर प्रस्तुत की जाये। उन्होने कहा कि इसके लिए पहाडी क्षेत्र को भी लिया जा सकता है। इस अवसर पर वाटरशैड परियोजना अधिकारी श्री राजपूत ने जानकारी दी कि विजयपुर क्षेत्र में दो वाटरशैड परियोजनाएं संचालित है, जिसमें 14 हजार 648 हेक्टयर क्षेत्रफल को शामिल किया गया है। इन दोनो परियोजनाओं में वाटरशैड विकसित करने के लिए 32 करोड 22 लाख 56 हजार रूपये के कार्य कराये जा रहे है। वाटरशैड परियोजना के तहत गठित 8 समितियों ने 8 पंचायतों के 13 गांव शामिल है, इन पंचायतो में देहरी, पिपरवास, किशनपुरा, अगरा, उमरीकलां, डोडरीकलां, डोडरीखुर्द एवं बैचाई शामिल है।

बैठक में सीईओ जिला पंचायत  अतेन्द्र सिंह गुर्जर, ईई आरईएस  सतीश कैराना, सीईओ जनपद श्योपुर एसएस भटनागर, कराहल एवं विजयपुर  अभिषेक त्रिवेदी, पीओ मनरेगा विक्रम जाट, पीओ वाटरशैड  पीएस राजपूत सहित मनरेगा, एपीओ, अकांउट अफसर, आरईएस के सहायक यंत्री, उपयंत्री तथा वाटरशैड के उपयंत्री आदि उपस्थित थे।