ताजातरीनमध्य प्रदेशश्योपुर

लोक अदालत एवं मध्यस्थता, ऐसे माध्यम जिनसे विवादो का जड से निराकरण होता है

श्योपुर.Desk/ @www.rubarunews.com>>राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं म0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के दिशा-निर्देशानुसार दिनांक 09 दिसंबर 2023 (शनिवार) को जिला न्यायालय, श्योपुर में आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत के सफल क्रियान्वयन हेतु प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राकेश कुमार गुप्त ने एडीआर भवन में पत्रकारवार्ता की अध्यक्षता करते हुए कहा कि लोक अदालत एवं मध्यस्थता ऐसे माध्यम है, जिनसे आपसी विवादो का निराकरण जड से होता है। राजीनामे से दोनो पक्षो के बीच में विवादो का निराकरण होने से मामलो में आगे की मुकदमेबाजी को रोकता है। इससे दोनो पक्षो के धन एवं समय की बचत होती है। पत्रकारवार्ता के दौरान सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पवन कुमार बांदिल, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्रीमती शिखा शर्मा सहित प्रिंट एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
प्रधान न्यायाधीश श्री गुप्त ने पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि नेशनल लोक अदालत में सिविल, वैवाहिक, मोटर दुर्घटना दावे, विधुत, चैक बांउस, नगरपालिका आदि से संबंधित राजीनामा योग्य मामले इसमें शामिल किये जाते है, दोनो पक्षो की सहमति से मामलो का निराकरण किया जाता है। उन्होंने कहा कि लोक अदालतो के माध्यम से विवादो का अविलम्ब निराकरण होता है तथा निराकरण होने पर यदि ऐसे प्रकरण पूर्व से कोर्ट में चल रहे है तो कोर्ट फीस भी वापस होती है। लोक अदालत के माध्यम से प्रकरण त्वरित गति से निराकरण होने पर पेडेन्सी भी खत्म होती है। इसी स्तर पर प्रकरण समाप्त किया जाता है।
उन्होंने बताया कि 09 दिसंबर को आयोजित लोक अदालत में प्रिलिटिगेशन के 6 हजार 884 प्रकरण निराकरण के लिए रखे जायेगे। इसमें 1910 बैंक, 644 नगरपालिका, 300 बीएसएनएल तथा 04 हजार विधुत से संबंधित प्रकरण शामिल है। इनके निराकरण होने से दोनो पक्ष भविष्य की मुकदमेबाजी से बचेगे, जिससे अनावश्यक रूप से समय एवं धन का व्यय नही होगा। लिटिगेशन के राजीनामा योग्य 1181 प्रकरण न्यायालय द्वारा निराकृत करने के लिए लोक अदालत को रैफर किये गये है, जिनमें 641 आपराधिक, 138 चैक बांउस, 11 क्लेम, 37 फैमिली कोर्ट तथा सिविल से संबंधित 86 प्रकरण शामिल है, इसके अलावा अन्य प्रकरण है।
उन्होंने कहा कि मामलो के निराकरण के लिए पूर्व से ही तैयारियां जारी है, जिससे लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरण निराकृत किये जा सकें। इसके लिए नवंबर माह में तीन बार प्रि सिटिंग की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि नेशनल लोक अदालत के लिए विशेष न्यायाधीश लीलाधर सोंलकी को प्रभारी बनाया गया है।
मध्यस्थता के माध्यम से 230 प्रकरणों का निराकरण
प्रधान न्यायाधीश राकेश कुमार गुप्त ने जानकारी दी कि मध्यस्थता के माध्यम से 230 प्रकरण अभी तक निराकृत किये गये है, उन्होंने कहा कि इनमें 16 केस ऐसे थे, जो अदालत में आने से पहले ही मीडियेशन के माध्यम से निराकृत किये गये। उन्होने कहा कि आपसी रजामंदी से मामलो का निराकरण होने से यह निर्णय अंतिम होता है तथा कोई भी पक्ष अपील के लिए आगे नही जाता, इससे पेडेन्सी नही बढती है। उन्होंने कहा कि विवादो के निराकरण का यह बेहतर माध्यम है। हाल ही में इससे संबंधित अधिनियम भी बनाया गया है, जिसमें चिन्हित प्रवृति के ऐसे मामले जो समझौते समाधान से निराकृत किये जाने की श्रेणी में आयेगे, उन्हें अदालत में जाने से पूर्व मीडियेशन कर समाझौता कराने के प्रयास किये जायेगे। उन्होंने बताया मध्यस्थता के लिए प्रशिक्षित मध्यस्थता अधिकारी नियुक्त होता है। जिसके द्वारा मीडियेशन की प्रक्रिया की जाती है तथा यह कार्यवाही गोपनीय होती है। यह विवादो के निपटारे की सरल एवं सुविधाजनक पद्धति है।
इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव पवन कुमार बांदिल एवं जिला विधिक सहायता अधिकारी श्रीमती शिखा शर्मा द्वारा नेशनल लोक अदालत को लेकर चलाये जा रहे जागरूकता अभियान तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओ एवं गतिविधियों के बारे में जानकारी प्रदान की गई।

Umesh Saxena

I am the chief editor of rubarunews.com