राजस्थान

मानव विकास की कीमत पर्यावरण अवनति से चुका रहा है मानव-डॉ. निधि

कोटा.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-  विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में जहाँ पुरे विश्व भर में राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन की बात, गोष्ठी, संगोष्ठी, सेमिनार, सम्मलेन होगी वही कोटा में सोसाइटी हैस ईव शी इंटरनेशनल चैरिटेबल ट्रस्ट के द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस बहुत ही अलग अंदाज में जनता को जागरूक करने के लिया मनाया गया जिसमें किशोर सागर तालाब की पाल पर एक विशाल रंगोली के माध्यम से बताया गया की किस तरह मानव विकास के साथ साथ हमारे पर्यावरण का ह्रास होता चला गया |
ट्रस्ट की अध्यक्ष डॉ. निधि प्रजापति ने बताया की संस्था की राज लक्ष्मी सिंह, रीना खंडेलवाल, ज्योति भदोरिया, शोभा कँवर, सोनी नेहलानी, हनी सक्सेना, कल्पना सिंह, जगदीश निर्मल ने मिलकर 1 घंटे में मानव विकास की विभिन्न अवस्थाओं में किस तरह पर्यावरण के स्वरुप में बदलाव आया उसे लकड़ी के बुरादे से बने रंगों के माध्यम से बताया | डॉ. निधि प्रजापति ने रंगोली की जानकारी देते हुए बताया की यह रंगोली इसलिए बनाई गई ताकि किशोर सागर तालाब पर आने वाले लोगों को बताया जा सके की मनुष्य ने अपने और समाज के विकास की दौड़ में पर्यावरण के साथ कितना अत्याचार और अन्याय किया है | आदिम काल में मनुष्य का जब पूर्णत: विकास नहीं हुआ था उस समय हमारा पर्यावरण बहुत विकसित और समृद्ध था मनुष्य प्रकृति के साथ जुड़ा हुआ था जल, जंगल, जमीन के साथ उसका आत्मिक स्नेह था वह अपने पर्यावरण को सुरक्षित रखता था परन्तु जैसे जैसे मनुष्य का शारीरिक और मानसिक विकास की दर बड़ी वैसे वैसे पर्यावरण के साथ उसका घनिष्ट सम्बन्ध कम होता चला गया और वर्तमान परिस्थति में मनुष्य और सरकारें देखा जाये पूर्ण रूप से पर्यावरण से कट से गए है|
प्राचीन काल में जहाँ मनुष्य पेड़ पौधों, नदियों, नहरों की पूजा करता था वही आज की पीढ़ी को इनके हमारे पारिस्थितिकी तंत्र में इनकी क्या महत्ता है उसका ज्ञान ही नहीं है | विकास की अंधी दौड़ में स्मार्ट सिटी, विकसित शहर के नाम पर पेड पौधे, जंगलों को दिन रात काटा जा रहा है नदी नालों, जंगलों पर अतिक्रमण करके कंकरीट के जंगल बनाये जा रहे है जिससे पृथ्वी के तापमान में तो हर वर्ष के मुकाबले वृद्धि हो ही रही है साथ साथ प्राकृतिक आपदाएं भी दिन प्रतिदिन मानव जीवन को प्रभावित कर रही है | अत: यह नितांत आवश्यक है की हर व्यक्ति अपने जन्मदिन, सालगिरह आदि पर प्रतिवर्ष एक वृक्ष अवश्य लगाये और भावी पीढ़ी को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाये |