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डेंगू को लेकर भयभीत न हो, जागरूक बनें – डॉ सामर

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- जिले में मौसमी बीमारियों की रोकथाम को लेकर जिले में व्यापक स्तर पर गतिविधियां की जा रही है। वहीं जिले में किसी भी गांव या कस्बे में कोई हॉट स्पॉट नहीं बना है और स्थिति पूरी तरह से काबू में हैं विभागीय टीमें हर रोज आवश्यक कार्रवाई कर रही है। गुरुवार को जिलास्तरीय टीम ने बूँदी शहर मे निरीक्षण कर आवश्यक एंटी लारवल गतिविधियां की।
सीएमएचओ डॉ. ओ पी सामर ने बताया कि जिले में डेंगू एवं अन्य मौसमी बीमारियों के चलते विभाग के बीसीएमओ सहित अन्य अधिकारियों को नियमित रूप से एंटीलार्वल गतिविधि करने एवं की जा रही गतिविधियों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। निरीक्षण के दौरान यदि कोई खामी पाई जाती है तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी अधिकारियों व बीसीएमओ को निर्देशित किया कि वे नियमित रूप से एंटीलार्वल गतिविधियों की क्रॉस चेकिंग अवश्य करे! गुरुवार को डा सामर ने कार्मिकों की ओर से की जा रही गतिविधियों क़ो क्रोस चेक किया, जिसमें सभी गतिविधियां सही मिली। टीम ने बूँदी शहर मे गुरुवार क़ो गुरुनानक कॉलोनी, रेगर बस्ती, महवीर कॉलोनी, पुलिस लाइन एरिया गुलाब विहार में फॉगिंग करवाई। टीम ने वार्ड वासियो से भी वार्ता की और उन्हें जागरूक किया। सीएमएचओ डॉ. सामर ने आमजन से अपील की कि वे भी सावधानी बरतें। शुरुआत में डेंगू बुखार सामान्य बुखार जैसा ही लगता है, जिसके कारण सामान्य बुखार और डेंगू के लक्षणों में फर्क समझ नहीं आता है। इस बुखार के इलाज में थोड़ी सी लापरवाही भी जानलेवा साबित हो सकती है। इसलिए इसके प्रति सजग व सतर्क रहना बेहद जरूरी है। अचानक तेज बुखार चढऩा, सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, बहुत ज्यादा कमजोरी लगना, भूख न लगना, जी मितलाना और मुंह का स्वाद खराब होना, गले में हल्का-सा दर्द होना, शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज होना आदि इसके लक्षण है। डेंगू गलत इलाज से जानलेवा साबित हो सकता है इसलिए झोलाछाप के चक्कर में पडऩे की बजाए नजदीकी चिकित्सा केंद्र से उपचार करवाना चाहिए। डिप्टी सीएमचो डा कमलेश शर्मा ने बताया कि डेंगू के बचाव के लिए मच्छरों को पैदा होने से रोकें और खुद को काटने से भी बचाएं। कहीं भी खुले में पानी जमा न होने दें, साफ पानी भी गंदे पानी जितना ही खतरनाक है। पानी पूरी तरह ढक कर रखें, कूलर, बाथरूम, किचन आदि में जहां पानी रुका रहता है, वहां दिन में एक बार मिट्टी का तेल डाल दें या नियमित सफाई करते रहें। छत पर टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें या उलटा करके रखें। पानी की टंकी को अच्छी तरह बंद करके रखें। घर के अंदर सभी जगहों में हफ्ते में एक बार मच्छरनाशक दवाई का छिडक़ाव करें। आमजन विभागीय सोशल मीडिया पेज आईईसी बूँदी से नियमित रूप से जागरूकता सामग्री देखें।