बूंदी ने बढ़ाया बाल संरक्षण की ओर कदम लिया आँखा तीज व पीपल पूर्णिमा पर बाल विवाह मुक्ति का संकल्प
बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-बूंदी जिले ने एक बार फिर सामाजिक बदलाव की दिशा में एक सशक्त पहल करते हुए आँखा तीज व पीपल पूर्णिमा जैसे सामाजिक-धार्मिक अवसरों पर बाल विवाह की रोकथाम एवं जनजागरूकता को सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक महत्त्वपूर्ण ज़िला स्तरीय कार्यशाला एवं बैठक का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त जिला कलेक्टर सुदर्शन सिंह तोमर ने जिले के सभी उपखंड अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों और संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि 30 अप्रेल को अक्षय तृतीया और 12 मई को पीपल पूर्णिमा पर होने वाले संभावित बाल विवाहों की रोकथाम के लिए प्रभावी उपाय सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि इन तिथियों पर विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाहों की संभावना रहती है, जिन्हें बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत अपराध माना जाता है।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि वे स्थानीय स्तर पर विभागों के कर्मचारियों, ग्राम पंचायत सदस्यों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और महिला सुरक्षा सहायिकाओं के माध्यम से बाल विवाह के दुष्प्रभावों के बारे में जन जागरूकता फैलाएं। इसके साथ ही, संबंधित अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया कि बाल विवाह की सूचना मिलने पर तत्काल कार्रवाई करें। यदि कोई बाल विवाह संपन्न होता है, तो बाल विवाह निषेध अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। श्री तोमर ने यह भी निर्देश दिए कि स्कूलों में बाल विवाह के दुष्प्रभावों पर जानकारी दी जाए और विद्यालयों में छात्रों से अपील की जाए कि वे बाल विवाह के खिलाफ आवाज उठाएं। इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन 24 घंटे सक्रिय रहेगा और नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गये हैं।
बाल मैत्रीपूर्ण बूंदी’ और ‘बाल विवाह मुक्त बूंदी अभियान 2.0’ का औपचारिक शुभारंभ
बैठक के प्रारम्भ में ‘बाल मैत्रीपूर्ण बूंदी’ और ‘बाल विवाह मुक्त बूंदी अभियान 2.0’ का औपचारिक शुभारंभ किया गया। बाल अधिकारिता विभाग सहायक निदेशक हुकुम चंद जजोरिया ने बताया कि अभियान अंतर्गत आँखा तीज व पीपल पूर्णिमा जैसे अवसरों पर बाल विवाह की संभावनाओं को देखते हुए विशेष अभियान की रणनीति बनाई गई है, नुक्कड़ नाटक, पोस्टर, रैली, हस्ताक्षर अभियान, और घोषणाओं के माध्यम से आमजन को जोड़ा जायेगा। फ्रंट लाईन वर्कर्स ( आंगनवाडी, साथिन), स्वयं सहायता समूहों, महिला समूहों और अन्य विभागों के कार्यकर्ताओं को बाल विवाह की रोकथाम के लिए सक्रिय किया जाएगा। विवाह सम्पन्न कराने में मदद करने वाले हलवाई, पंडित, बैण्ड-बाजा वाले, टेंट वाले आदि से बाल विवाह में सहयोग न करने का आश्वासन लिया जाएगा और उन्हें कानून की जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा, जन प्रतिनिधियों और प्रतिष्ठित व्यक्तियों के साथ चेतना बैठकों का आयोजन कर बाल विवाह की रोकथाम के उपायों पर चर्चा की जाएगी। बाल कल्याण समिति अध्यक्ष सीमा पोद्दार ने गाँव-गाँव तक जागरूकता की अलख जगाने पर बल दिया। संरक्षण अधिकारी गोविंद कुमार ने बताया कि 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन के प्रचार-प्रसार के साथ सतर्क निगरानी दल गठित किए गए। शिकायत मिलने पर त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। एक्शनएड-यूनिसेफ़ ज़िला समन्वयक ज़हीर आलम ने बाल विवाह व बाल श्रम रोकथाम व बाल संरक्षण हेतु ज़िला कलेक्टर द्वारा अनुमोदित ज़िला वार्षिक कार्य योजना के बारे में बताया। कि पंचायत स्तर पर निगरानी समितियों की सक्रियता को बढ़ावा दिया जायेगा साथ ही स्कूलों, आंगनबाड़ी केन्द्रों और किशोर क्लबों में विशेष कार्यशालाएं आयोजित की जायेगी व युवाओं को ‘बाल विवाह के खिलाफ जननायक’ की भूमिका में प्रोत्साहित किया जायेगा।
“न बाल विवाह करेंगे, न होने देंगे”
उपस्थित सभी धर्मगुरुओं, व समाजसेवियों ने ‘परिवर्तन के वाहक’ के रूप में आगे आकर अभियान का नेतृत्व करने व मिलजुल कर बाल विवाह के खिलाफ संकल्प लिया – “न बाल विवाह करेंगे, न होने देंगे।”
इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक,जसवीर मीना, मुख्य चिकित्सा एवम स्वास्थ्य अधिकारी, ज़िला मुख्य शिक्षा अधिकारी, बाल कल्याण समिति सदस्य घनश्याम दुबे, छुट्टन लाल शर्मा, रोहित कुमार, धार्मिक व सामाजिक प्रतिनिधि शहर क़ाज़ी मौलाना गुलामे गोस, पंडित ज्योति शंकर शर्मा, बाबू लाल सेंन, कृष्ण कांत राठौड़, राम स्वरूप मीना, बाल अधिकारिता से दीपिका वशिष्ठ, सरफराज आलम, राम भवन, चाईलड लाईन से राम नारायण, परिता शर्मा, रवि, बुद्धि प्रकाश, धार्मिक व सामाजिक प्रतिनिधि सहित गैर सरकारीय संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
“न बाल विवाह करेंगे, न होने देंगे”
उपस्थित सभी धर्मगुरुओं, व समाजसेवियों ने ‘परिवर्तन के वाहक’ के रूप में आगे आकर अभियान का नेतृत्व करने व मिलजुल कर बाल विवाह के खिलाफ संकल्प लिया – “न बाल विवाह करेंगे, न होने देंगे।”
इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक,जसवीर मीना, मुख्य चिकित्सा एवम स्वास्थ्य अधिकारी, ज़िला मुख्य शिक्षा अधिकारी, बाल कल्याण समिति सदस्य घनश्याम दुबे, छुट्टन लाल शर्मा, रोहित कुमार, धार्मिक व सामाजिक प्रतिनिधि शहर क़ाज़ी मौलाना गुलामे गोस, पंडित ज्योति शंकर शर्मा, बाबू लाल सेंन, कृष्ण कांत राठौड़, राम स्वरूप मीना, बाल अधिकारिता से दीपिका वशिष्ठ, सरफराज आलम, राम भवन, चाईलड लाईन से राम नारायण, परिता शर्मा, रवि, बुद्धि प्रकाश, धार्मिक व सामाजिक प्रतिनिधि सहित गैर सरकारीय संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।