मध्य प्रदेश

बे-मौसम दो दिन से हो रही झमाझम बारिश, किसानों की चिंता बढ़ी

भिंड ShashikantGoyal/ @www.rubarunews.com>> बे-मौसिम दो दिन से हो रही झमाझम बारिश ने किसानों को परेशान कर रख दिया है, जिले में अब तक किसान खाद की कमी से जूझते आ रहे थे। अब बारिश ने अन्नदाता को रूला दिया है। रबी की फसल के लिए लाखों रुपए की खाद और बीज की बुवाई करने के बाद अब किसानों की मेहनत मिट्टी में मिल गई। रविवार की दोपहर से जिले में होने वाली बारिश से खेतों में पानी भर गया। खेतों में बोया गया बीज बारिश के कारण खेतों में सड जाएगा। यह बीज अंकुरित होने से पहले नष्ट हो गया। वहीं खरीफ की फसल जो पककर तैयार थी वो भी खराब हो चुकी है। सोमवार को भी सुबह से देर शाम तब तेज बारिश के साथ बरसते रहे जिससें किसानों चिंता और बढ़ गई है वहीं शहर में अधिकांश गालियों में पानी से जल मग्न हो गई है और जल निकासी के लिए परेशान हो रहे हैं।

पोस्ट मानसून के बादलए किसानों पर आफत बनकर बरस रहे है। भिंड जिले में बारिश की सावनए भादौ महीने में अच्छी बारिश हुई थी। बारिश की वजह से किसान खरीफ के मौसम में बोई गई फसलों का रकबा नहीं बडा सका था। जिन किसानों ने खरीफ की फसल जैसे तिलए धानए उ?दए मूंगए ज्वार और बाजारा की फसलों की बुवाई की थी। यह फसल भी अक्टूबर महीने के मध्य में होने वाली बारिश से भारी नुकसान पहुंचा है। कारण यह है कि इन दिनों यह फसल पकी हुई खडी है। बारिश की वजह से इन फसलों को सीधे तौर पर नुकसान हुआ है।

अंकुरित होने से पहले ही सरसों नष्ट

जिले में सरसों का उत्पादन अच्छा होता है। सितंबर के दूसरे पखवाडे से भिंड में डीएपी, यूरिया, एनपीके समेत अन्य खाद की किल्लत बनी रही। इस वजह से किसान सितंबर महीने में सरसों की बुवाई नहीं कर सका। पुलिस के डंडे खाने के बाद किसानों ने खाद ली। अब प्रकृत्ति की मार झेल रहा है। एग्रीकल्चर विभाग के मुताबिक जिले में सरसों की बुवाई का रकबा दो लाख हेक्टेयर के आसपास है। जिले के छोटे किसानों ने अक्टूबर के प्रथम और द्वितीय सप्ताह में जोर-शोर से सरसों की बुवाई की। वर्तमान में डेढ़ लाख हेक्टेयर तक बुवाई हो चुकी थी। बोई गई सरसों का अंकुरण के साथ ही बारिश होने से फसल अंकुरण के साथ ही नष्ट हो चुकी है। अब किसानों को फिर से खेतों की बुवाई करनी होगी।