मध्य प्रदेश

पावरमैक कंपनी थानों में खड़े वाहनों की काट रही अवैध रॉयल्टी, अवैध रेत के डंप को नं. एक में करने में जुटी

भिण्ड.desk/ @www.rubatunews.com>> मप्र में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने रेत खनन के लिए पूरे जिले का ठेका पावरमैक कंपनी को दिया था। लेकिन कंपनी द्वारा रेत उत्खनन एवं परिवहन में तमाम अनियमितताएं बरती जा रहीं हैं। ताजा मामले में कंपनी द्वारा वाहन मालिकों की जानकारी के बिना ही सेल्फ स्टॉक के नाम पर वाहनों की फर्जी तरीके से रॉयल्टी काटकर रेत भंडारण किया जा रहा है ताकि बारिश के सीजन में रेत को आराम से बेचा जा सके। वाहन मालिकों को इस फर्जीवाडे की जानकारी मिलते ही उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस को की है। पुलिस को बताया जो वाहन थानों में विगत तीन दिन से खड़े हुए है जिसके बाद भी कंपनी वाहन चालकों के नाम बदलकर अवैध तरीके से रॉयल्टी काटकर फर्जीवाड़ा करने में जुटी हुई है जिसकी जांच कराकर कार्रवाई करने की मांग की है। बीते महीने चंबल डीआईजी राजेश हिंगणकर द्वारा अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए थाना प्रभारियों को लाइन अटैच किया गया जिन्हें बाद में भोपाल पुलिस मुख्यालय अटैच किया गया। इसके साथ में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक नागेन्द्र सिंह को भी पुलिस मुख्यालय भोपाल स्थानांतरित कर दिया गया। लेकिन इसके बावजूद कंपनी की कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं आया। कंपनी के नुमाइंदों द्वारा तय मानकों से हटकर सिंध नदी को खोखला करते हुए अवैध रूप से डंप करने में लगी हुई है। रेत पर प्रतिबंध लगा दिया है तो ऐसे में कंपनी द्वारा रेत भंडारण के नाम पर फर्जी तरीके से रॉयल्टी काटी जा रही हैं। ताकि बारिश के मौसम में इस रेत को बेरोकटोक बेचा जा सके। रेत परिवहन के लिए वाहन का रजिस्ट्रेशन खनिज विभाग में होना आवश्यक है। ऐसे में रेत का भंडार दिखाने के लिए कंपनी द्वारा बिना वाहन मालिकों की जानकारी के ही फर्जी तरीके से रॉयल्टी काटकर सेल्फ स्टॉक के नाम पर भंडारण किया जा रहा है।

वाहन मालिक ने की शिकायत

वाहन मालिकों को इस बात की जानकारी लगते ही उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस को की है। शिकायतकर्ता देवेश शर्मा का कहना है कि कंपनी द्वारा ऐसे वाहनों की रॉयल्टी फर्जी तरीके से काटी गई हैं जो या तो उत्तर प्रदेश में संचालित हो रही हैं या थाने की कस्टडी में बंद खडी थी, उनको भी कंपनी वालों ने नहीं छोड़ा। ऐसे में इस बड़े फर्जीवाड़े से वाहन मालिक चिंतित हैं। उनका कहना है कि जिस समय उनका वाहन उत्तर प्रदेश में खनिज परिवहन कर रहा है उसी समय उसकी मध्यप्रदेश में भी रॉयल्टी काटी जा रही है। उनकी मांग है कि इस बड़े फर्जीवाड़े के खिलाफ पुलिस को एक्शन लेते हुए कंपनी पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज करना चाहिये। देवेश शर्मा द्वारा मामले की शिकायत देहात थाना में कई गई है। देवेश शर्मा द्वारा मामले से कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों को भी अवगत कराया गयाए लेकिन उन्होंने ऐसे किसी फर्जीवाडे से साफ इंकार करते हुए उनकी बात नहीं सुनी गई।

कुछ भी बोलने से बच रहे कंपनी के अधिकारी

मामला सामने आने के बाद हमने भी कंपनी के अधिकारियों से इस बारे में बात करने की कोशिश की तो वह कुछ भी बोलने से बचते नजर आए। कंपनी का काम देख रहे प्रणय नामक व्यक्ति से जब इस बारे में जानने की कोशिश की तो वह कुछ भी बोलने की जगह कैमरे से भागते रहे। कंपनी की लीज पॉवर मेक प्रोजेक्ट्स लिमिटेड कोटा कृष्णा प्रवीण के नाम पर है। जिस समय प्रणय से बात हो रही थी उस समय प्रवीण कोटा भी वहीं मौजूद थे लेकिन उन्होंने भी मीडिया से बात करना उचित नहीं समझा।

मीडिया के सामने किया फर्जीवाड़ा उजागर

कांग्रेस के अटेर विधानसभा प्रवक्ता देवेश शर्मा उर्फ सोनू द्वारा प्रेस कांफ्रेंस कर पूरे फर्जीवाड़े को मीडिया के सामने रखा। देवेश शर्मा का कहना है कि वह 24 जून को सबसे पहले कंपनी के बबेडी स्थित नाके पर पहुंचे जहां से उन्हें ऑफिस जाने के लिए बोला गया। ऑफिस में उन्होंने बात की तो उनकी बात को अनसुना कर दिया गया। जिसके बाद वह पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे। कंपनी का कोई विजय नाम का व्यक्ति भी पीछे ही पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा जहां उसने उन्हें धमकाने की कोशिश की।

इनका कहना है:

देवेश शर्मा द्वारा पॉवर मेक कंपनी के खिलाफ आवेदन दिया गया है। आवेदन पर जांच कर कार्यवाही करेंगे

-शैलेंद्र सिंह कुशवाह, थाना प्रभारी देहात, भिण्ड।