आत्मनिर्भर भारत पैकेज का मध्यप्रदेश पूरा उपयोग करेगा : मंत्री श्री सखलेचा
भोपाल.Desk/ @www.rubarunews.com>> मध्यप्रदेश में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों की स्थापना के लिए सितंबर माह में जिला वार सेमीनार आयोजित किए जाएंगे। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने आज मंत्रालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों की समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री द्वारा एमएसएमई के लिए दिए गए महत्वपूर्ण पैकेज का प्रदेश के नव उद्यमियों के लिए भरपूर उपयोग किया जाएगा।
मंत्री श्री सखलेचा ने उद्योग अधिकारियों से कहा है कि उनके क्रियाकलाप केवल औद्योगिक क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं होना चाहिए। स्वयं उद्योग चलाने वालों की भी सरकार संकट के समय मदद करेगी। उन्होंने कहा कि वे हर सप्ताह मैदानी स्तर के कार्यक्रमों की समीक्षा करेंगे। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि आत्मनिर्भर पैकेज के तहत 25 करोड़ तक की ऋणी इकाइयों को पुनः 20 प्रतिशत लोन की सुविधा का जरूरतमंद कारोबारियों को लाभ दिलवाना सुनिश्चित करें। अब तक इस स्कीम से लाभान्वितों की समीक्षा अगली बैठक में होगी।
बंद और बीमार इकाईयों को शुरू कराएं
मंत्री श्री सखलेचा ने सभी उद्योग अधिकारियों के साथ अनेक जिलों के औद्योगिक क्षेत्रों में बीमार और बंद पड़ी इकाइयों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि उद्यमियों से व्यक्तिगत संपर्क कर कारणों की जानकारी प्राप्त कर यह पता लगाया जाए कि बंद इकाई को किस तरह की मदद से फिर सुचारू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुरूप प्रदेश में लघु और मध्यम उद्योगों को चालू कराएं।
नव उद्यमियों के लिए माहौल बनाएं
मंत्री श्री सकलेचा ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अगले माह होने वाले सेमिनार के पूर्व अपने क्षेत्रों में लगने वाली इकाइयों की रूपरेखा स्थानीय जनप्रतिनिधि, व्यवसाईयों, कृषक और उद्योग लगाने के इच्छुक युवाओं से सतत संपर्क कर रणनीति बनाएं। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में उपलब्ध भूमि की जानकारी तैयार करें और नए औद्योगिक क्षेत्र के लिए आवंटित भूमि का कब्जा लें। उन्होंने कहा कि वित्तीय संस्थाओं के साथ समन्वय करें और प्रदेश की उद्योग नीति के अनुरूप रूपरेखा तैयार करें जिससे सेमिनार में ही अनेक इकाइयों के स्थापना की शुरुआत हो सके।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में क्षेत्र विशेष की खासियत और उपलब्ध संसाधनों की समीक्षा भी की गई।