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तीसरी सरकार अभियान के अंतर्गत नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण हेतु तीन दिवसीय ऑनलाइन “प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण” (TOT) सम्पन्न

दतिया @rubarunews.com>>>>>>>>>>>> तीसरी सरकार अभियान के अंतर्गत नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण हेतु तीन दिवसीय ऑनलाइन “प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण” (TOT) का आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न। आयोजित प्रशिक्षण में अध्यक्षता- एल वेंकटेश्वर लू
(महानिदेशक, राज्य ग्रामीण विकास संस्थान, उत्तरप्रदेश सरकार),  मुख्य अतिथि- पद्मश्री राम बहादुर राय (अध्यक्ष, इंदिरागांधी राष्ट्रीय कला केंद्र , भारत सरकार), विशिष्ट अतिथि-
डॉ रश्मि सिंह, (निदेशक, महिला तथा बाल कल्याण विभाग, दिल्ली सरकार) रहेे।

कार्यक्रम के प्रारंभ में विशिष्ट अतिथि डॉ रश्मि सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि किसी भी कार्यक्रम को चलाने के लिए तीन चीजों का होना आवश्यक है- भावना, इच्छाशक्ति, समग्र विकास का नजरिया. साथ ही उन्होंने इस बात का भी ज़िक्र किया कि महिला व बाल विकास के बिना गाँव का समग्र विकास संभव नहीं है. इसके लिए ये ज़रूरी हो जाता है कि महिलायें आगे आयें और सरकारी योजनाओं के बारे में जानकर पंचायत के साथ मिलकर उन्हें लागू करने में सक्रिय भूमिका निभाएं।

उन्होंने अपने संबोधन में ग्राम पंचायतों द्वारा जमीनी स्तर पर योजना निर्माण की सरल व सुगम तरीके को समझाते हुए स्थानीय पहल व संसाधन पर विशेष रूप से जोर दिया।

मुख्य अतिथि पद्मश्री राम बहादुर राय जी ने कहा कि तीसरी सरकार की अवधारणा संवैधानिक और सांस्कृतिक बुनियाद पर आधरित है. तीसरी सरकार अभियान ग्राम स्वराज पाने के लक्ष्य से प्रेरित है जिसकी जड़ें भारतीय संस्कृति में वैदिक काल से ही मिलती हैं।

उनके अनुसार पंचायत चुनाव के बाद ये एक बहुत ही महत्वपूर्ण समय है. तीसरी सरकार अभियान द्वारा कराये जा रहे पंचायत प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण के माध्यम से अगर नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधि अपनी भूमिका व ज़िम्मेदारी को जानकर उसको निभाते हैं तो ये प्रशिक्षण गाँवों की स्थिति में उल्लेखनीय परिवर्तन ला सकता है. जब गाँव आत्मनिर्भर बनेगा तभी भारत देश भी आत्मनिर्भर बन सकता है।

अंत में उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव , विधान सभा चुनाव से 1 साल पहले संपन्न हुआ है इसलिए ये एक बहुत ही महत्वपूर्ण समय है. अगर इस समय पंचायत अधिनियम में सुधार का विवरण व आदर्श ग्राम पंचायत का खाका ग्रामीणों व पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा तैयार कर लिया जाए और सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के लोगों से उस पर सहमति लेकर उसको लोगों के मध्य प्रसारित किया जाए तो हम पंचायत को आदर्श स्थिति तक ले जा सकते हैं।

अध्यक्ष श्री वेंकटेश्वर लू ने प्रतिभागियों से कहा कि पंचायतों में सुधार के लिए अच्छा कहने से ज्यादा ज़रूरी है अच्छा करना. सबसे पहले पंचायत प्रतिनिधियों में गाँव की बेहतरी की इच्छा होनी चाहिए तभी ज्ञान का उपयोग कर पायेंगे. सेवानिवृत्त कर्मचारी जो पंचायतों के लिए कुछ बेहतर करने की इच्छा रखते हैं उनको गाँव के रिसोर्स पर्सन के तौर पर अपनी सेवाएँ देने की बात की.

भारतीय संस्कृति का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पंचायत की बेहतरी के लिए पंचायत प्रतिनिधियों को स्वार्थ से हटकर परमार्थ के नज़रिए से काम करना होगा. गलत प्रवृत्तियों को हतोत्साहित करना व कल्याणकारी प्रवृत्तियों को प्रोत्साहित करके ही समग्र विकास की बात सोची जा सकती है।

भगवदगीता का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हमे कर्मयोगी बनना भी है और एक प्रशिक्षक के तौर पर लोगों को सिखाना भी साथ ही व्यक्ति केन्द्रित नज़रिए को छोड़कर समाज केन्द्रित नज़रिए से कार्य करना है. अंत में उन्होंने कहा कि समग्र व सम्पूर्ण विकास के लिए आध्यात्मिकता व वैज्ञानिकता दोनों की ही आवश्यकता है। उक्त जानकारी अभियान प्रमुख चंद्रशेखर प्राण द्वारा दी गई।