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एण्डटीवी के कलाकारों ने किया अपने गुरू को नमन

मुम्बई.Desk/ @www.rubarunews.com-‘गुरू ब्रह्मा, गुरू विष्णु, गुरू देवो महेश्वरा!‘ इसका अर्थ यह है कि गुरू ब्रह्मा यानी कि रचयिता हैं, विष्णु अर्थात् पालनहार हैं और शिव यानी कि संहारक हैं। यह कथन हमारी जिंदगी में ‘गुरू‘ की अहमियत को बेहद खूबसूरती से बयां करता है। गुरू पूर्णिमा के अवसर पर एण्डटीवी के कलाकार अपने गुरूओं (मेंटाॅर्स) को याद कर रहे हैं और उनके प्रयासों की सराहना करते हुये उनके प्रति अपना सम्मान व्यक्त कर रहे हैं। एण्डटीवी के कलाकारों ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के मनमोहन तिवारी (रोहिताश्व गौड़), ‘हप्पू की उलटन पलटन की दबंग राजेश (कामना पाठक), ‘और भई क्या चल रहा है?‘ के ज़फर अली मिर्ज़ा (पवन सिंह) और ‘संतोषी मां सुनाएं व्रत कथाएं‘ के इंद्रेश (आशीष कादियान) ने अपने-अपने गुरू के प्रति आभार जताया।

 

रोहिताश्व गौड़ ऊर्फ ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के मनमोहन तिवारी ने कहा, ‘‘गुरू पूर्णिमा के पावन अवसर पर मैं जाने-माने निर्देशक और नाटककार रंजीत कपूर जी का उल्लेख करना चाहूंगा। उन्होंने मेरी जिंदगी और कॅरियर में जो अहम भूमिका निभाई है, उसके लिये मैं उनका शुक्रगुजार हूं और उनके प्रति सम्मान व्यक्त करता हूं। उनकी वजह से ही नेशनल स्कूल आॅफ ड्रामा में मेरा सफर सफल रहा। उन्होंने कई नाटकों, जिनके वे निर्देशक थे, में मुझे रोल दिया। उनके साथ काम करके मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला, जो शायद किसी और से नहीं मिल सकता था। आज, मैं एक कामयाब अभिनेता हूं और इसके लिये अपने गुरू श्री रंजीत कपूर का आभार जताता हूं।‘‘ एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की दबंग राजेश ऊर्फ कामना पाठक ने कहा, ‘‘मैं थिएटर की मशहूर हस्ती बैरी जाॅन को अपना मेंटाॅर और गुरू मानती हूं। उन्होंने दुविधा के समय में मेरा मार्गदर्शन किया और मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुत करने में सक्षम बनाया। मुझे हमेशा से ही थिएटर का शौक था, लेकिन उसकी खास तकनीकों को समझना एक बड़ी चुनौती थी। मैंने अभिनय के बारे में जो कुछ भी सीखा है, वो सब उनकी ही बदौलत है। उन्होंने मुझे खुद को अभिव्यक्त करना सिखाया। मुझे आज भी याद है कि हम अपने क्लास में किस तरह फिल्में देखते थे और फिल्मों से जुड़ी हर बारीकी की विस्तार से समीक्षा करते थे। मेरा ताल्लुक एक ऐसे समाज से था, जहां पर अभिनय को एक बोल्ड कदम माना जाता था और इन परिस्थितियों में बैरी जाॅन सर ने मेरे अंदर विश्वास जगाया और मेरा हौसला बढ़ाया। मेरी कड़ी मेहनत, मेरी कामयाबी और मेरी ग्रोथ उन्हें मेरी गुरू दक्षिणा है।‘‘ पवन सिंह ऊर्फ एण्डटीवी के ‘और भई क्या चल रहा है?‘ के ज़फर अली मिर्ज़ा ने कहा, ‘‘अपनी जिंदगी में मुझे एक नहीं बल्कि कई गुरू मिले हैं। उन सभी ने मुझे अपना ज्ञान बेहद अनूठे तरीके से दिया। मैंने जब काॅलेज के दिनों में थिएटर करना शुरू किया, तो मुझे एक नहीं बल्कि दो गुरूओं का आशीर्वाद मिला। उनके नाम हैं- हेमा सिंह जी और सज्ज़ाद हुसैन जी। उन्होंने न सिर्फ मुझे शैक्षणिक ज्ञान दिया, बल्कि मुझे वह हुनर भी सिखाया, जो मेरी जिंदगी के लिये जरूरी थे। उनके मार्गदर्शन और सपोर्ट की वजह से ही मैं सही और गलत में फर्क कर पाया और आज भी मैं उनकी सलाह लेता हूं। अमित दामले जी ने मुझे वो सारी चीजें सिखाई, जिसकी वजह से आज इंडस्ट्री में मुझे एक ऐक्टर के रूप में जाना जाता है। मैं आज के इस पावन मौके पर उन सभी का तहेदिल से शुक्रिया अदा करता हूं! गुरू पूर्णिमा की शुभकामनायें।‘‘ एण्डटीवी के ‘संतोषी मां सुनाएं व्रत कथाएं‘ में इंद्रेश की भूमिका निभा रहे आशीष कादियान ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि जिंदगी अपने आप में हमारी सबसे बड़ी गुरू होती है। किताबों और फिल्मों ने भी मुझे आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मैंने जब कृष्णा ऐक्टिंग एकेडमी में दाखिला लिया था, तो वहां पर एकेडमी के प्राॅपराइटर अनुराग सर ने मेरे हुनर को निखारने में काफी मदद की थी। मैं अपने थिएटर गुरू नाट्यभूषण सचिन गुप्ता सर और सजीव गिरिवर सर का भी आभार जताना चाहूंगा, जिन्होंने मुझे अपने अंदर के कलाकार को दुनिया के सामने लाने में सक्षम बनाया। अलग-अलग निर्देशकों और कलाकारों के साथ काम करके मुझे अभिनय की बारीकियों के बारे में बहुत कुछ सीखने को मिला। जैसे-जैसे साल गुजरते गये, मुझे महसूस हुआ कि इंसान को नई चीजें सीखने के अवसर हमेशा खुले रखने चाहिये। मैं आज अपने सभी गुरूओं का शुक्रिया अदा करता हूं, जिन्होंने मुझे इतना कुछ सिखाया।‘‘

 

Umesh Saxena

I am the chief editor of rubarunews.com