शिक्षक अपने ज्ञान से विद्यार्थियों के जीवन को ही आलोकित नहीं करते, बल्कि पूरे समाज को नई दिशा प्रदान करते है- मंत्री भदौरिया
भिण्ड.ShashikantGoyal/ @www.rubarunews.com>> सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन विभाग के मंत्री डॉ अरविन्द के मुख्य आतिथ्य में डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस एवं शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन संस्कृति मैरिज गार्डन भिण्ड में किया गया। शिक्षक दिवस के अवसर पर सहकारिता एवं लोकसेवा प्रबंधन मंत्री डॉ अरविन्द सिंह भदौरिया ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र, शॉल एवं श्रीफल देकर सम्मानित कर उनका मनोबल बढ़ाया। इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक संजीव सिंह कुशवाह, पूर्व सांसद डॉ रामलखन सिंह कुशवाह, कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस, पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह, संयुक्त संचालक शिक्षा आरके उपाध्याय, जिला शिक्षा अधिकारी हरिभुवन सिंह तोमर, प्राचार्य डाईट सिकरवार के अलावा, जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं षिक्षकगण, पत्रकारगण उपस्थित रहे।
सहकारिता एवं लोकसेवा प्रबंधन मंत्री डॉ अरविंद सिंह भदौरिया ने कहा कि आज भविष्य के युवाओं के साथ ही मस्तिष्क को आकार देने में शिक्षकों की उत्कृष्टता और प्रतिबद्धता को सम्मान देने का अवसर है। शिक्षक सार्थक जीवन की राह दिखाता है और एक शिक्षक ही राष्ट्र का निर्माता होता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में माता-पिता के बाद शिक्षक का अहम योगदान होता है। शिक्षक अपने ज्ञान से विद्यार्थियों के जीवन को ही आलोकित नहीं करते बल्कि पूरे समाज को नई दिशा प्रदान करते हैं। सहकारिता मंत्री डॉ भदौरिया ने कहा है कि समय के साथ शिक्षा के क्षेत्र में आई नवीन चुनौतियों के कारण शिक्षकों की जिम्मेदारी बड़ी है। वर्तमान में पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है जिसका सीधा असर शिक्षा पर भी पड़ा है। शालाओं के लम्बे समय तक बंद रहने की स्थिति में शिक्षा व्यवस्था में बदलाव भी करना पड़ा है। मंत्री डॉ भदौरिया ने शिक्षकों से आव्हान किया है कि सभी शिक्षक डॉ. राधाकृष्णन द्वारा दिए गए संदेश को आत्मसात कर आने वाली पीड़ी के लिए बेहतर भविष्य गढें।
क्षेत्रीय विधायक संजीव सिंह कुशवाह ने कहा कि शिक्षक का स्थान जीवन में भगवान् के समान होता है। हमारे जीवन के अज्ञान रूपी अन्धकार को वो अपने ज्ञान रूपी प्रकाश से दूर करता है और हमें जीवन जीने का सही ढंग सिखाता है। शिक्षक द्वारा मिले ज्ञान से ही हम जीवन में एक सफल व्यक्ति बन सकते हैं। शिक्षक के जीवन में महत्त्व के कारण ही उनके सम्मान में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक दिवस मतलब शिक्षकों का दिन, यही वह दिन है जब हर जगह विद्यार्थी अपने गुरु के प्रति आदर प्रकट करता है उसे वह सम्मान देता है जिसका वह हकदार है। वैसे देखा जाए तो शिक्षक आदर सम्मान प्राप्त करने के लिए किसी दिन का मोहताज नहीं है, परंतु एक विशेष दिन होने से वह उस दिन कुछ विशेष सम्मान पाता है और विद्यार्थीयों को भी अपने गुरु की महिमा का पता चलता है।
कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस ने कहा कि एक पक्की नीव पर ही एक सुदृढ़ भवन खड़ा किया जा सकता है, ठीक उसी प्रकार से शिक्षक ही वह व्यक्ति है जो विद्यार्थी रूपी नीव को सुदृढ़ करके उस पर भविष्य में सफलता रूपी सुदृढ़ भवन खड़ा करने में सहायता करता है और उसे एक सफल इंसान बनाता है। अत: प्रत्येक विद्यार्थी के जीवन में शिक्षक एक महत्वपूर्ण भूमिका रखता है, इसलिए उसका सम्मान बहुत ही आवश्यक है। जो विद्यार्थी अपने शिक्षक का आदर नहीं करता वह अपने शिक्षक के महत्व से अंजान होता है और भविष्य में पछताता है। उन्होंने कहा कि भारत में गुरु शिष्य आदर कि परंपरा बहुत पुरानी है, एक छात्र के जीवन में उसका शिक्षक ही उसका भविष्य निर्माता होता है यह बात प्रचिन काल से लोग जानते हैं। हमारे देश में एकलव्य और आरुणी जैसे शिष्य भी हुये हैं जिन्होंने अपने गुरु के आदेश मात्र पर अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया था और जन्मजन्मांतर तक के लिए अपना नाम अमर कर दिया। आज के युग में शिक्षक के महत्व को बनाए रखने के लिए शिक्षक दिवस जैसे दिन का निर्धारण बहुत जरूरी था, ताकि इस दिन सभी विद्यार्थी विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से अपने गुरु कि महिमा को जान पायें और उनका सम्मान करें। इसके साथ ही पूर्व सांसद रामलखन सिंह कुशवाह सहित अन्य अतिथियों ने भी शिक्षक दिवस सम्मान समारोह में अपने-अपने विचार रखे।