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स्वयंसेवक निष्ठापूर्वक कार्य करें- डॉ हेमन्त मंडेलिया, सीएमएचओ

मलेरिया-डेंगू प्रभावित ग्रामों में समुदाय को जागरूक करने हेतु स्वयंसेवकों का हुआ प्रशिक्षण

दतिया@Rubarunews.com>>>>>>>>>>>>> समुदाय को मच्छर जनित बीमारियों (डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनियाँ, जीका, एवं फाइलेरिया) पर जागरूक करने हेतु जिला स्वास्थ्य समिति दतिया व एम्बेड परियोजना फेमिली हेल्थ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में स्वयंसेवक प्रशिक्षण आयोजित किया है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. हेमंत मंडेलिया मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, विशिष्ट अतिथि अरविन्द उपाध्याय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग व डॉ. डीके सोनी जिला टीकाकरण अधिकारी रहे व अध्यक्षता रामजीशरण राय सदस्य, बाल कल्याण समिति दतिया ने की। मुख्य अतिथि डॉ. हेमंत मंडेलिया ने स्वयंसेवकों से निष्ठापूर्ण कार्य करने की बात कही। ताकि मच्छर जनित बीमारियों पर रोक लग सके। विशिष्ट अतिथि डॉ. डी.के. सोनी ने मलेरिया-डेंगू रोकथाम हेतु विभिन्न उपाय बताए साथ ही प्रभावी संवाद के आयाम पर जानकारी दी।

विशिष्ट अतिथि अरविंद उपाध्याय डीपीओ ने ग्रामस्तर पर सेवाप्रदाताओं से समन्वय कर कार्य करने का आव्हान किया। विभागीय योजनाओं की जानकारी भी प्रतिभागियों को दी। अध्यक्षता कर रहे रामजीशरण राय ने समुदाय से डेंगू- मलेरिया की गंभीरता को अवगत कराने की बात कही ताकि समुदाय स्तर पर बचने के प्रयास किए जावे।

एम्बेड परियोजना के कार्यक्रम समन्वयक अशोककुमार शाक्य ने एम्बेड परियोजना का परिचय देते हुए उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया। जिला समन्वयक महेश जाटव ने संचालन करते हुए बताया कि जिले में मच्छर जनित बीमारियों के प्रयास ग्रामीण स्वयंसेवकों के माध्यम से वर्ष भर लगातार जारी रहेंगे जिसके तहत स्वयंसेवकों द्वारा घर-घर जाकर मच्छर लार्वा विनिष्टीकरण की कार्यवाही के साथ सावधानियों को अपनाने व बीमारियों के रोकथाम की समझाईश दी जावेगी।

प्रशिक्षण के दौरान दतिया जिले के ब्लॉक दतिया, भांडेर, सेंवढ़ा, उनाव, इन्दरगढ़ के 50 स्वयंसेवकों ने भाग लिया। जिन्हें प्रशिक्षण के दौरान मच्छर से होने वाली बीमारियों जैसे- डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनियाँ, जीका, एवं फाइलेरिया आदि के होने का कारण बचाव व इलाज के विषय में विस्तार से प्रशिक्षण दिया गया।

इस दौरान स्वयं सेवकों को इन बीमारियों के नियंत्रण की दिशा में बताया गया कि डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनियाँ, जीका, फाइलेरिया व हाथीपाँव जैसे सभी बीमारी संक्रमित मच्छर के कारण एक से दूसरे में फैलता है, जिसे हम मच्छरों की पैदाइश को रोककर, मच्छर रोधी साधन जैसे मच्छरदानी, क्रीम, फुल आस्तीन के कपड़े उपयोग कर, आसपास स्वच्छता आदि को अपनाकर नियंत्रित कर सकते हैं।

प्रशिक्षण के दौरान संवाद, प्रस्तुतिकरण, फिल्म प्रदर्शन-पोस्टर वितरण आदि के माध्यम से मच्छर के जीवन चक्र (अंडा-लार्वा-प्युपा) व इसे नष्ट करने के तरीकों व तकनीकियों को विस्तार से समझाया गया।

इस दौरान विभिन्न ग्रामों से आए स्वयं सेवकों ने अपने-अपने गाँव को मलेरिया-डेंगू व फाइलेरिया मुक्त बनाने का संकल्प भी लिया। इस अवसर पर डेटा कॉर्डिनेटर राघवेंद्र सिंह राजपूत व नंदकिशोर अहिरवार प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। उक्त जानकारी परियोजना समन्वयक अशोक कुमार शाक्य ने दी।