क्राइमताजातरीनमध्य प्रदेश

स्टेट जीएसटी ने चार सौ संदिग्ध व्यवसाइयों के विरूद्ध की कार्रवाई State GST took action against four hundred suspicious businessmen

भोपाल.Desk/ @www.rubarunews.com>>विधानसभा निर्वाचन 2023 के अंतर्गत निर्वाचन आयोग की मंशानुसार निर्वाचन कार्य को स्वच्छ सुचारू तरीके से संचालित करने के लिये प्रवर्तन (Enforcement) एजेंसियों को फेक/बोगस इनवाइस जारी करने वाले व्यवसाइयों से मुफ्त (Freebies) में बांटी जाने वाली वस्तुओं के डाटा विश्लेषण कर एवं जानकारी एकत्र कर वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा संदिग्ध कर दाताओं के विरूद्ध लगातार वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।

वाणिज्यिक कर आयुक्त लोकेश कुमार जाटव के निर्देशन में स्टेट जीएसटी विभाग द्वारा प्रथम चरण में सेक्टोरल एनालिसिस कर, कर अपवंचन में लिप्त सेक्टर विशेष के अंतर्गत आने वाली (Freebies) एवं इवेजन प्रोन (evasion prone) कमोडिटियां जैसे गारमेंट्स/कपड़ों, घरेलू सामान/बर्तन (utensils), मोबाईल आदि इलेक्ट्रॉनिक्स, कास्मेटिक्स़, पानमसाला, लिकर आदि से संबंधित व्यवसाइयों पर प्रवर्तन की कार्रवाई की गई थी।

द्वितीय चरण में फेक/बोगस इनवाइस जारी करने वाले व्यावसाइयों के विरुद्ध सशक्त कार्रवाई के उद्देश्य से वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा विशेष अभियान चलाया जा रहा है। अभियान में संदिग्ध पंजीयत करदाताओं का निर्धारित पैरामीटर्स जैसे रजिस्ट्रेशन के लिये प्रस्तुत दस्तावेज, मोबाइल, पैन आदि का विवरण, प्रस्तु्त रिटर्न, इनवर्ड आउटवर्ड सप्लाई आदि के आधार पर चिन्हांकन किया जाकर भौतिक सत्यापन/निरीक्षण की कार्य योजना बनाई गई।

व्यवसाइयों के पंजीयन प्राप्त करने के लिये उपयोग किये गये दस्तावेजों, पेन नंबर, ई-मेल एड्रेस एवं मोबाइल नंबरों पर दर्ज अन्य नवीन पंजीयनों का डाटा एनालिसिस, फील्ड से प्राप्त गोपनीय सूचनाओं के साथ किया गया। ऐसे नवीन पंजीयत व्यवसाइयों का भी चिन्हांकन किया गया, जिनके द्वारा सम्पूर्ण कर-देयता का समायोजन बोगस आईटीसी से किया गया है।

स्टेट जीएसटी ने चार सौ संदिग्ध व्यवसाइयों के विरूद्ध की कार्रवाई State GST took action against four hundred suspicious businessmen

विभिन्न डाटा स्त्रोतों पर उपलब्ध डाटा एवं अन्य राज्यों से प्राप्त सूचनाओं के उक्त पैरामीटर्स के अनुसार सघन विश्लेषण के आधार पर प्रदेश में 396 बोगस करदाताओं का चिन्हांकन किया गया। जिनमें से राज्य क्षेत्राधिकार वाले 179 व्यवसाइयों का भौतिक सत्यापन किया गया। केन्द्रीय क्षेत्राधिकार के 217 व्यवसाइयों पर धारा 67(1) के अंतर्गत निरीक्षण की कार्यवाही की गई। 396 चिन्हांकित व्यवसाइयों में से प्रथमदृष्टया 102 व्यवसायी बोगस/अस्तित्व हीन/नॉन-फंक्शनल पाए गए। संदिग्ध/बोगस व्यवसाइयों के द्वारा बिना वास्तविक व्यवसाय के फेक आईटीसी प्राप्त एवं अग्रेषित करते हुए वास्त्विक कर-देयता को इस गलत आईटीसी से समायोजन कर कैश के माध्यम से डिस्पोज होने वाली कर-देयता को प्रभावित कर शासकीय राजस्व को क्षति पहुँचाई जाना संभावित है। प्रथम दृष्टया इन व्यवसाइयों के द्वारा बिना किसी वास्तविक व्यवसाय के केवल फर्जी बिल जारी किया जाकर राशि रुपये 21 करोड़ का कर अपवंचन किया जाना प्रतीत होता है।

संदिग्ध/बोगस पाए गए व्यवसाइयों के विरूद्ध जी.एस.टी. पंजीयन निरस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ उक्त फर्मों की इनवर्ड एवं आउटवर्ड ट्रेल का विश्लेरषण कर उक्त फर्मों से संबद्ध अन्य फर्मों के विरूद्ध आईटीसी रिवर्सल एवं शास्ति की कार्रवाई की जाएगी।

विशेष आयुक्त श्रीमती रजनी सिंह ने बताया कि प्रवर्तन कार्यवाही से ऐसे बोगस/अस्तित्वहीन/ नॉन-फंक्शनल व्यवसाइयों के द्वारा बिना किसी वास्तविक व्यवसाय के केवल फर्जी बिल जारी किए जाने की प्रवृत्ति पर प्रभावी रोकथाम के द्वारा शासकीय राजस्व की क्षति को रोका जा सकेगा और निर्वाचन आयोग की मंशानुसार निर्वाचन कार्य को स्वच्छ सुचारू तरीके से संचालित करने संबंधी निर्देशों के अनुपालन में फेक इनवाइसिंग को नियंत्रित करने के साथ-साथ राजस्व सुरक्षा प्रभावी रूप से सुनिश्चित हो सकेगी।