रीवा बना RTI के बेहतर उपयोग का केंद्रबिंदु, आरटीआई कार्यकर्ताओं में छाई उत्साह और ऊर्जा की लहर
रीवा @rubarunews.com>>>>>>>>>>>> 48 घण्टे के भीतर बन्द नलकूपों का किया निरीक्षण, मप्र का पहला मामला जिसमें धारा 7(1) और धारा 2(जे)(1) का एकसाथ हुआ प्रयोग// RTI के लिए एक बेहतर दिन, सच्चाई आयी सामने और मात्र 6 पंचायतों में मिले 60 से अधिक बन्द नलकूप// रीवा बना RTI के बेहतर उपयोग का केंद्रबिंदु, आरटीआई कार्यकर्ताओं में छाई उत्साह और ऊर्जा की लहर।।*
सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 7(1) जिसमें 48 घंटे के भीतर सूचना दिए जाने का प्रावधान होता है, के तहत आवेदक शिवानंद द्विवेदी आरटीआई कार्यकर्ता के द्वारा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग खंड रीवा में आरटीआई दायर कर धारा 2(जे)(1) के तहत 48 घंटे के भीतर बंद नलकूपों के निरीक्षण की मांग की गई थी।
*कब लगी आरटीआई और कब हुआ निरीक्षण?*
प्राप्त जानकारी अनुसार इस मामले को लेकर दिनांक 16 फरवरी 2021 को एक्टिविस्ट द्वारा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग खंड रीवा के कार्यपालन यंत्री शरद सिंह पटेल को व्हाट्सएप के माध्यम से एमपी ऑनलाइन ट्रेजरी रुपए 10 का चालान प्रस्तुत कर आरटीआई लगाई गई थी। मामले की सूचना मिलते ही कार्यपालन यंत्री शरद सिंह पटेल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उसी दिन 16 फरवरी को अनुविभागीय अधिकारी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग खंड हुजूर एसके श्रीवास्तव के नाम पर पत्र जारी कर गंगेव के उपयंत्री जीतेंद्र अहिरवार के साथ टीम गठित कर 17 फरवरी को जांच कर प्रतिवेदन सौंपने के लिए आदेशित किया।
*गंगेव की मात्र 6 ग्राम पंचायतों में ही 60 से अधिक नलकूप मिले बन्द*
यह जानकर ताजुब नहीं होगा कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यों में कोई विशेष परिवर्तन नहीं आया है। अभी शरद ऋतु पूरी तरह से गई नहीं है और गर्मी का आगाज होने को है इसके पहले ही अधिकतर नलकूप बंद पाए गए। एक्टिविस्ट शिवानन्द के साथ उपयंत्री जीतेंद्र अहिरवार के साथ धारा 2(जे)(1) के तहत निरीक्षण में ग्राम पंचायत कैथा, हिनौती, सेदहा, लोटनी, बांस, मदरी, पताई मात्र में ही नलकूपों का निरीक्षण किया गया जिसमें मौके पर 60 से अधिक नलकूप बंद पाए गए।
*जनता में त्राहि-त्राहि मूलभूत आवश्यकता पानी के लिए तरसते लोग*
17 फरवरी को निरीक्षण में ग्राम की जनता उपस्थित रही जिन्होंने अपनी समस्याएं बताई और कहा कि महीनों से नलकूप खराब हैं लेकिन उसको देखने वाला कोई नहीं है। वहीं निरीक्षण करने के लिए आए उपयंत्री जितेंद्र अहिरवार के पास इस सवाल के कोई जवाब नहीं थे कि आखिर पीएचई विभाग कर क्या रहा है।
*मामले की जानकारी पहुंची कलेक्टर इलैयाराजा टी के पास*
60 से अधिक बन्द नलकूपों की जानकारी एक्टिविस्ट शिवानंद के द्वारा रीवा कलेक्टर इलैयाराजा टी सहित कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग खंड रीवा शरद सिंह पटेल एवं एसडीओ खंड हुजूर एसके श्रीवास्तव को उनके व्हाट्सएप के माध्यम से भेज दी गई है और जल्द से जल्द नलकूपों को सुधार कार्य करवा कर जांच की माग की गई है।
*बांस ग्राम की नल जल योजना मिली ठप्प, पानी के स्थान पर टँकी में भरी है हवा*
बता दें कि निरीक्षण के दौरान ग्राम पंचायत बांस जनपद पंचायत गंगेव में 50 हज़ार लीटर पानी की क्षमता वाली टंकी खाली मिली और नलजल योजना के लिए लगाया गया स्कीम बोरवेल मोटर पंप भी मौके पर नहीं पाया गया। लोगों ने बताया की पानी की टंकी क्षतिग्रस्त है और टंकी में पानी नहीं रहता साथ ही पाइपलाइन उखड़ी हुई है और मात्र शोपीस बनकर रह गई है। लोगों ने बताया की नलजल योजना की व्यवस्था के लिए सरकार के द्वारा लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं लेकिन लोगों को पानी नसीब नहीं हो पा रहा है।
*48 घंटे के भीतर धारा 2(जे)(1) के तहत नलकूप निरीक्षण का पहला मामला*
बता दें कि मध्य प्रदेश में आरटीआई कानून के क्रियान्वयन को लेकर जो पहल रीवा संभाग में चल रही है वह काबिले तारीफ है। चाहे सरकारी राशन की दुकानों एवं खरीदी केंद्रों का निरीक्षण हो अथवा कलेक्टर और कमिश्नर कार्यालय का निरीक्षण मध्य प्रदेश में कहें तो सबसे पहले यह व्यवस्था रीवा जिले में ही लागू हुई है। देखा जाय तो बंद नलकूपों के निरीक्षण का यह पहला मामला था जिसमें रीवा जिले में एक्टिविस्ट के द्वारा जीवन और स्वतंत्रता की धारा 7(1) के तहत 48 घंटे के भीतर आरटीआई लगाकर बंद नलकूपों का निरीक्षण किया गया है। जो जानकारी सामने आई है वह चौंकाने वाली है जिसमें मानवाधिकार में से एक पानी पीने के अधिकार को लेकर अब अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं है कि आखिर इतने समय से यदि नलकूप बंद है तो आमजन अपना जीवन यापन किस प्रकार कर रहा है?