राजस्थान

पृथ्वी की हरियाली लौटाने का लिया संकल्प-पृथ्वी की हरियाली लौटाने का लिया संकल्प

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- विश्व पृथ्वी दिवस और उमंग स्थापना दिवस के अवसर पर उमंग संस्थान के तत्वावधान में शुक्रवार को जिलेभर में परिंडे बांधने, पौधरोपण, श्रमदान , संगोष्ठी व कार्यशाला सहित विविध कार्यक्रमों का आयोजन कर संभागियों ने पृथ्वी की हरियाली लौटाने का संकल्प लिया ।

उमंग संस्थान के सचिव कृष्णकांत राठौड़ ने बताया कि बिगड़ते पारिस्थितिकी संतुलन के प्रति जनचेतना जागृत करने के उद्देश्य आयोजित कार्यक्रमो का शुभारंभ खोजगेट गणेश मंदिर पर डॉ कैलाश चंद शर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता ध्रुव व्यास व सुमित्रा ओझा के आतिथ्य में समन्वयक सर्वेश तिवारी व सचिव कृष्णकांत राठौर ने पक्षियों के लिए परिंडे बांधकर किया। इस अवसर पर गणेश जी मंदिर में विश्व शांति व पर्यावरण सरंक्षण के साथ जिले के पारिस्थितिकी विकास के साथ व्यापक हरियाली व अच्छी वर्षा की प्रार्थना की गई।

इसी क्रम में खान खेड़ा में प्रकृति संरक्षण पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें प्रधानाध्यापक बाबूलाल नागर, हनुमान सैनी, दिनेश शर्मा, सुरेश शर्मा, पिंकी गौतम, शिवांगी राठौर ने संभागीय को पर्यावरण संरक्षण का संकल्प दिलाया कार्यक्रम का संचालन महावीर सोनी ने किया।

गुढा बरड़ में संस्था प्रधान भंवर सिंह हाडा के नेतृत्व में पौधारोपण संगोष्ठी श्रमदान व वृक्षारोपण का संकल्प दिलाया गया। आयोजित गतिविधियों में गिरिराज प्रसाद नामा, सुरेंद्र सिंह, चौथमल नायक, शिवपाल मीणा, पिंकी सेन व शिमला धनावत ने सहभागिता की। यहाँ पर पृथ्वी माता का पूजन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। जिसमे बच्चों को पृथ्वी को बचाने एव आने वाले खतरों से सुरक्षित रखने के बारे में बताया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. भंवर लाल कुम्हार ने किया।

बोरखंडी में लोकेश जैन के नेतृत्व में नारायण बैरागी, जितेंद्र गौतम, कृष्णा वैष्णव, ममता यादव, अनीता और शर्मिला गोरी द्वारा पौधा वाटिका में श्रमदान के द्वारा पेड़ पौधों की संभाल की गई।

वही सीन्ता में बालिकाओं को स्वयं के विकास के साथ पृथ्वी संरक्षण की विधियों का कार्यशाला के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया। उमा हाडा के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम में अमिता जैन, आरती शर्मा, प्रमिला मालव ने सम्भागी बालिकाओं को प्रेरित करते हुए पारिस्थितिकी संतुलन में हमारी भूमिका विषय पर प्रकाश डाला ।