राजस्थान

राजस्थान मिशन-2030 जिला परिषद स्तरीय परामर्श सत्र बैठक आयोजित

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के तहत राजस्थान मिशन-2030 के उद्देश्यों एवं अपेक्षाओं तथा राज्य सरकार की हितधारकों व प्रतिभागियों से अपेक्षाओं के संबंध में शनिवार को जिला कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में जिला परिषद स्तरीय परामर्श बैठक जिला प्रमुख चन्द्रावती कंवर की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में राज्य स्तर से अधीक्षण अभियंता के.के. शर्मा भी मौजूद रहे।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर हेमराज परिडवाल ने राज्य सरकार के मिशन 2030 के बारे में विस्तृत जानकारी दी। साथ ही विभागीय वर्तमान परिदृश्य के आधार पर मिशन-2030 के लिए योजनाओं, कार्यप्रणाली, व्यवस्थाओं के संबंध में बिन्दुवार विस्तृत चर्चा एवं प्रमुख सुझावों का समेकन करने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बच्चों को फाइबर युक्त व पौष्टिक भोजन ही दिया जावे। पेट की पाचन क्षमता हमारे अच्छे व बुरे विचारों को प्रभावित करती है। बच्चों को बुरे विचारों से बचाने के लिए उन्हें सही प्रकार से प्रशिक्षित किया जावे। जीवन में प्रेम, प्यार, सहयोग, शांति, आनंद, सुख बढ़ाने की दिशा में कार्य करना चाहिए। बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरीश चंद मीना ने उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियों, विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों सहित प्रबुद्धजनों के सुझावों को सूचीबद्ध करवाकर विभागीय स्तर पर प्रेषित करने की प्रक्रिया बताई। बैठक में लिखित एवं मौखिक सुझाव आमंत्रित किये गए।
इस दौरान मनरेगा लोकपाल के. पी. गर्ग ने श्रमिकों की श्रम राशि बढ़ाने, बाल संरक्षण समिति अध्यक्ष सीमा पोद्दार ने ग्रामीण क्षेत्र में 14 से 25 वर्ष के बालकों एवं युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण देने व प्रतिभाओं को ग्रामीण क्षेत्र में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने का सुझाव दिया। इसी प्रकार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी संस्था की बहन बी.के. निकिता ने कहा कि देश को बिगाड़ने अथवा उसे समृद्ध बनाने में बालकों व युवाओं का महत्वूपर्ण योगदान होता है। समृद्धि के लिए पढाई के बोझ को कम किया जावे व अछाईयों को बढाने के लिए योग व नैतिक शिक्षा पर जोर दिया जावे। इंटेक संस्था के राजकुमार दाधीच ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की लोक कलाओं को बचाया जावे ताकि ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध हो सके। ग्रामीण क्षैत्र में लोककलाओं को पर्यटन से जोड़ा जावें।
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष सीमा पोद्दार ने कहा गांव में व्यावसायिक उद्योग संचालित होने चाहिए। साथ ही गांव की प्रतिभाओं का पलायन रोकने के लिए रोडमैप तैयार करें। गांवो में नशा मुक्ति के लिए विशेष अभियान चलाएं। बच्चों को संस्कारी वातावरण मिले, इसके लिए नैतिक शिक्षा दी जावे। गांधी दर्शन समिति के ओमप्रकाश तंबोली ने कहा कि राज्य सरकार को महात्मा गांधी के सिद्धांतों के अनुरूप अपनी कार्य योजना बनानी चाहिए। स्वच्छता के साथ ही कुटीर उद्योग पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक राजेंद्र व्यास ने कहा कि नैतिक मूल्यों के साथ साथ गुणात्मक शिक्षा मिले। राम सिंह ने कहा बच्चों को मोबाइल के सदुपयोग करने के साथ ही साइबर कानून की जानकारी दी जाए। साथ ही बच्चों को यौन शिक्षा और पोक्सो एक्ट कानून की जानकारी भी दी जावे ।
वन्यजीव प्रेमी बिट्ठल सनाढ्य ने उमरथुना में बने हिंगलाज माता मंदिर का पर्यटन विकास, पक्षियों के लिए आश्रय स्थल उपलब्ध करवाने वेटलैंड संरक्षण सहित वन्यजीव प्रेम बढाने, आयुर्वेद चिकित्साधिकारी डॉ. सुनिल कुशवाह ने स्कूलिंग से योग को जोड़ने, पूर्व प्रधान व जिला परिषद सदस्य मधुवर्मा ने बैठकों में जनप्रतिनिधियों की शत प्रतिशत उपस्थित रहने सहित बैठक में विद्यालय परिसर के 100 मीटर दायरे में नशा वितरण प्रतिबंध, विद्यालय में मोबाईल प्रतिबंध, यौन शिक्षा , अतिक्रमण, पेयजल, स्वच्छता सहित अनेक प्रस्ताव प्राप्त हुए।
इस दौरान जिला परिषद सदस्य मधु वर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी ओ.पी. सामार, विकास अधिकारी हर्ष महावर, जिला शिक्षा अधिकारी ओम गोस्वामी, बड़ोदिया सरपंच, राधेश्याम गुप्ता, जिला परिषद सदस्य भंवर लाल मीणा, शांति एवं अंहिसा दर्शन के संयोजक ओम तंबोली, अधिशाषी अभियंता नरेगा प्रदीप गोयल, इंजिनियरिंग एक्सईएन प्रियवृत सिंह सहित अनैक संस्थाओं के प्रतिनिधि व विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।