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संविधान की मूल भावना को आत्मसात कर राष्ट्र की अखंडता व व्यक्ति की गरिमा का करें संवर्धन

बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>> नेहरू युवा केंद्र युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के संयुक्त तत्वाधान में संविधान दिवस के अवसर पर युवा परिचर्चा, संगोष्ठी व संविधान आधारित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से जुड़े पीएलवी असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सर्वेश तिवारी के मुख्य आतिथ्य में आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षता बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता महावीर गुप्ता ने की। उमंग संस्थान के सचिव कृष्णकांत राठौर व शिक्षा विभाग से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता देवेंद्र शर्मा विशिष्ट अतिथि रहे। वही युवा परिचर्चा व प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम की अध्यक्षता युवा अधिवक्ता अलीना शेख ने की। द्वि सत्रीय कार्यक्रम का आयोजन  पुलिस लाइन रोड स्थित एलिट सेवा संस्थान प्रांगण में किया गया।

संविधान महत्व का पढ़ाया संगोष्ठी में पाठ

आयोजन के प्रथम सत्र में व्यक्ति की गरिमा एवं राष्ट्र की एकता और अखंडता का पोषक हमारा संविधान विषय पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए डॉ सर्वेश तिवारी ने कहां कि विचार से व्यक्तित्व और उससे राष्ट्रीय भावना का विकास होता है, अतः  युवा पीढ़ी स्वयं को स्वीकार कर अपना आत्म अनुशासन विकसित करें तथा राष्ट्र निर्माण में सहभागी बने। उन्होंने कहा कि हम संविधान की मूल भावना को समझें और आत्मसात करें यह बहुत जरूरी है। युवा पीढ़ी की जिम्मेदारी है कि वह राष्ट्र की एकता अखंडता को सुनिश्चित करते हुए व्यक्ति की गरिमा के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु सकारात्मक वातावरण निर्मित करें। बतोर विशिष्ट अतिथि बोलते हुए युवा विकास कार्यक्रमों से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता कृष्णकांत राठौर ने कहा कि संविधान की मूल भावना व्यक्ति के विकास के आयाम का सृजन करती है। युवा कर्तव्य व अधिकारों के ताने-बाने को समझकर स्वयं दायित्व बोध करें यह आवश्यक है। अध्यक्ष उद्बोधन में विदेशी सेवाओं से जुड़े रहे वरिष्ठ नागरिक महावीर गुप्ता ने कहा कि हमारा चिंतन हमारी क्रियाशीलता को प्रभावित करता है और यही प्रतिफल राष्ट्र निर्माण में सहायक होता है संविधान में बहुआयामी विकास के साथ इसी भाव के साथ न्याय स्वतंत्रता समानता को समाहित किया गया है।

 संविधानिक तथ्यों व पहलुओं पर  की युवाओं ने परिचर्चा

युवा एडवोकेट अलीना शेख की अध्यक्षता में  संवैधानिक तथ्य व पहलुओं युवा परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें उद्बोधन में एडवोकेट अलीना शेख ने संविधान के निर्माण प्रक्रिया से जुड़े विभिन्न गहन पहलों पर चर्चा की संविधान की आवश्यकता महत्व लेखन लेखन से जुड़े हुए विभिन्न तथ्यों को विस्तार से प्रतिभागियों को समझाया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विकास की भावना संविधान में पूर्ण रूप से निहित है इसे आवश्यक विषय के रूप में प्रत्येक विद्यार्थी को पढ़ाया जाना चाहिए। परिचर्चा में युवाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया एवं अधिकार कर्तव्य नीति निर्देशक तत्व, वंचित को न्याय, अधिकारों की सुरक्षा, चुनावी प्रत्याशियों की उम्र, आरक्षण से जुड़े अनुच्छेद पहलू आदि पर 3 घंटे से लंबी चर्चा की। यूथ आइकॉन गोविंद प्रजापत, प्रशिक्षु वकील प्राची शर्मा, कन्या महाविद्यालय की युवा प्रतिभागी रेंजरमेट सिद्धि नामा  व अक्षरा गौतम, राजकीय महाविद्यालय की आरोही राठौर, रघुकुल शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान की प्रशिक्षण शिक्षिका साक्षी हाडा ने परिचर्चा में भाग लेते हुए विभिन्न विषयों पर विचार व्यक्त किए एवं अतिथियों से संवाद स्थापित किया। इससे पूर्व कार्यक्रम का संचालन करते हुए  एलीट सेवा संस्थान निदेशक राकेश माहेश्वरी ने अतिथियों का स्वागत भाषण एवं माल्यार्पण कर अभिनंदन किया। संयोजक भूपेंद्र योगी ने आभार प्रकट किया।

युवाओं ने ली संविधान पालन एवं प्रस्तावना की शपथ

इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ सर्वेश तिवारी ने संविधान की पालना के साथ प्रस्तावना की शपथ दिलाई। कार्यक्रम में अंतर महाविद्यालय पदक विजेता प्रांशु गहलोत व शिखर पंचोली का अभिनंदन किया गया एवं अतिथियों ने हस्ताक्षर कर अभियान की शुरुआत की। युवा संभागियों ने संविधान की शपथ लेकर सिग्नेचर वॉल पर अपने हस्ताक्षर किए।

प्रश्नोत्तरी में  विजेताओं को किया पुरस्कृत

कार्यक्रम संयोजक भूपेंद्र योगी ने बताया कि  परिचर्चा एवं संवाद के बाद स्कूली विद्यार्थियों एवं कॉलेज विद्यार्थियों की अलग-अलग प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें  हर्षवर्धन सिंह राठौड़, प्रिंस गुर्जर, मोहित वर्मा, अंशिका श्रृंगी, उन्नति शर्मा, अक्षरा गौतम, नीरज पोसवाल, प्राची शर्मा, शिखर पंचोली, सिद्धि नामा विजेता रहे। विजेताओं को अतिथियों ने स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।