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सर्वार्थ सिद्धि और शिव योग में मनेगी कार्तिक पूर्णिमा

बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>> सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। सोमवार होने के कारण कार्तिक पूर्णिमा का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और शिव योग का भी संयोग बन रहा है। हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा बहुत पवित्र तिथि है। इस तिथि को ब्रह्मा, विष्णु, शिव, अंगिरा और आदित्य आदि ने महा पुनीत पर्व प्रमाणित किया है। इस दिन किए हुए स्नान, दान, होम, यज्ञ और उपासना आदि का अनंत फल होता है। इस कारण इसमें किए गए दान, जपादि दस यज्ञों के समान फल होता है। ज्योतिषाचार्य पं. विनोद कुमार गौतम ने बताया कि इस वर्ष कृतिका नक्षत्र होने से यह महाकार्तिकी बन गई है। रोहिणी नक्षत्र होने से रात्रि में इसका पुण्य फल और भी अधिक बढ़ जाएगा।

पूर्णिमा के दिन स्नान-दान का महत्व

कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर जिले के प्रमुख मंदिरों सहित केशोराय पाटन स्थित भगवान केशोराय जी के मंदिर में विशेष आयेजन होगें, साथ चर्मण्यवती की धारा में अलसुबह से ही कार्तिक स्नान शुरू हो जाएगा, जो रात्रि तक चलता रहेगा। साथ ही बून्दी बाणगंगा, कमलेश्वर महादेव, लकडेश्वर महादेव, रामेश्वर महादेव सहित प्रमुख पत्रिव कुंडों व सरोवरों में में कार्तिक स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटेंगी। वहीं केशवराय पाटन में चंबल नदी, बाणगंगा बूंदी सहित कई स्थानों पर श्रद्धालुओं द्वारा दीप दान भी किया जाएगा। सभी प्रमुख मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना के कार्यक्रम भी आयोजित होंगे।

ज्योतिषाचार्य पं. विनोद कुमार गौतम ने बताया कि जिस दिन पूर्ण रूप से चंद्रमा उदय होता है उसी दिन व्रतादि की पूर्णिमा मनाई जाती है। पूर्णिमा तिथि में सूर्योदय के समय स्नान-दान का महत्व बताया गया है और पूर्णिमा तिथि का सूर्योदय सोमवार को होगा। लिहाजा स्नान-दान की पूर्णिमा 27 नवंबर को मनाई जाएगी। कहते हैं कि पूर्णिमा के दिन श्री हरि विष्णु जी स्वयं गंगाजल में निवास करते हैं। माना जाता है कि पूर्णिमा पर दिए गए दान-दक्षिणा का फल कई गुना होकर हमें वापस मिलता है। पूर्णिमा के दिन स्नान के बाद तिल, गुड़, कपास, घी, फल, अन्न, कंबल, वस्त्र आदि का दान करना चाहिए। साथ ही किसी जरूरतमंद को भोजन कराना चाहिए। पं. विनोद कुमार गौतम ने बताया कि शास्त्रों में इस दिन स्नान-दान का महत्व बताया गया है, लेकिन अगर आप कहीं बाहर नहीं जा सकते तो घर पर ही नहाने के पानी में थोड़ा-सा गंगाजल डालकर, पवित्र नदियों का ध्यान करते हुए स्नान करें और गायत्री मंत्र का जाप करें।

ये हैं शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 5ः05 से 5ः59 बजे तक।

अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 11ः47 से दोपहर 12ः30 बजे तक