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दीपों से जगमगा उठी नवल सागर झील

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-बूंदी महोत्सव-2023 के तहत आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला में गुरुवार को बूंदी की नवल सागर झील में दीपदान कार्यक्रम आयोजित हुआ। दीपदान के बाद नवल सागर झील दीपों से जगमगा उठी। अतिरिक्त जिला कलक्टर हेमराज परिडवाल, अतिरिक्त जिला कलक्टर सिलिंग नवरत्न कोहली, उपखण्ड अधिकारी सोहन लाल सहित विदेशी सैलानियों ने गंगा मां की आरती उतारी और झील में दीपदान किया। इसके बाद शहरवासियों ने भी झील में दीपदान किया। इससे पहले कलाकारों ने कच्छी घोड़ी नृत्य तथा अलगोजावादन की शानदार प्रस्तुतियां दी। साथ ही आदिवासी घेरा पद मंडल, सवाई माधोपुर के प्रभु लाल मीणा, कैलाश, चंदू आदि द्वारा लोकगीतों की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में सहायक पर्यटन अधिकारी प्रेम शंकर सैनी, सीडीपीओ शाजदा बेगम, बूंदी महोत्सव समिति सदस्य पुरुषोत्तम पारीक, अशोक शर्मा तलवास, के.सी.वर्मा आदि मौजूद रहे।
गंदगी से अटे घाटों पर हुआ दीपदान
बून्दी महोत्सव के तहत नवल सागर पर हुआ दीपदान गंदगी से अटे घाटों पर किया गया। हालांकि जिस घाट पर गंगा आरती की गई वहां पर औपचारिक तौर साफ सफाई करवा दी गई थी। लेकिन अधिकांश घाटों पर पानी में पडी गंदगी महोत्सव की आभा का मुंह चिढ़ाती दिखी।
गौरतलब हैं कि नवल सागर झील पर्यटन नगरी बून्दी के सौंदर्य में चार चांद लगाती हैं। लेंकिन इस बार बारिश कम होने से झाल सूखने के कगार पर हैं और चारों और कचरे के ढ़ेर लगे हुए हैं। पिछले दिनों स्थानीय लोगों के विरोध के चलते आनन फानन में प्रशासन द्वारा झील की सफाई तो करवाई गई, लेकिन कचरे को झाल के अंदर ही साइड में कर दिया गया, जो आज भी वहीं पडा हुआ हैं और झील की सुंदरता में धूमिल कर रहा हैं। नवल सागर झील का शहर में पर्यटन महत्व ही नहीं अपितु धार्मिक महत्व भी हैं, इसके किनारे ऐतिहासिक गजलक्ष्मी, वरुण देव, हिंगलाज के मंदिर सहित ईदगाह भी स्थित हैं।