म्यूकरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) स्टेरॉयड के ज्यादा इस्तेमाल से तेजी से बढ़ रहा है- डॉ. गुलेरिया AIIMS
नई दिल्ली @rubarunews.com >>>>>>>>>>>>> कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज में स्टेरॉयड का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। अब इसके निगेटिव केस भी सामने आने लगे हैं। देशभर के करीब 500 से ज्यादा कोरोना मरीजों में अब तक ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) का इन्फेक्शन देखा जा चुका है। अब ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) दिल्ली के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने भी ब्लैक फंगस के केस बढ़ने की चेतावनी दी है।
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) दिल्ली के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि स्टेरॉयड के ज्यादा इस्तेमाल के कारण म्यूकरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। डॉ. गुलेरिया ने अस्पतालों से इन्फेक्शन कंट्रोल प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की। ऐसा न होने पर ब्लैक फंगस से मरने वाले मरीजों की संख्या बढ़ सकती है।
महामारी से पहले कम आते थे ब्लैक फंगस के केस
हेल्थ ब्रीफिंग देते समय डॉ. गुलेरिया ने कहा कि ब्लैक फंगस कुछ मात्रा में मिट्टी, हवा और खाने की चीजों पर भी हो सकता है, लेकिन इसमें बैक्टीरिया इतनी तादाद में नहीं होते कि किसी को नुकसान पहुंचा सकें। कोरोना महामारी से पहले इसके मामले बहुत ही कम सामने आते थे, लेकिन वर्तमान में कोरोना संक्रमित मरीजों में इसकी संख्या बढ़ी है।
23 में से 20 मरीज कोरोना पॉजिटिव
वर्तमान में दिल्ली AIIMS में ब्लैक फंगस से पीड़ित 23 मरीजों का इलाज चल रहा है। इसमें से 20 कोरोना पॉजिटिव हैं। डॉ. गुलेरिया ने बताया कि अब तक अलग-अलग राज्यों में इस बीमारी के 500 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं। उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस से चेहरे, नाक, आंख की परत और दिमाग पर असर पड़ सकता है। यह फेफड़ों में भी फैल सकता है।
डायबिटीज के मरीजों को ज्यादा नुकसान
AIIMS डायरेक्टर ने कहा कि कोरोना पीड़ित कई मरीजों को डायबिटीज (शुगर) भी होती है। ऐसे मरीजों को स्टेरॉयड देने पर उन्हें फंगल इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। इसे रोकने के लिए मरीज को स्टेरॉयड बहुत सोच समझकर दिए जाने की जरूरत है।
इससे पहले हरियाणा सरकार ब्लैक फंगस को गंभीर रोग मान चुकी है। साथ ही ओडिशा सरकार ने बीमारी को मॉनिटर करने के लिए 7 सदस्यों की टीम बनाई है। मध्यप्रदेश के इंदौर में इस बीमारी से 12 मई को 2 लोगों की मौत हो गई थी।