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कोटा में शिव बारात में करंट फैला, 14 से ज्यादा बच्चे झुलसे, एक गंभीर

कोटा.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>> कुन्हाड़ी थाना इलाके में महाशिवरात्रि पर्व पर निकाली जा रही शिव बारात में करंट फैल गया। इससे शिव बारात में शामिल 14 से ज्यादा बच्चे झुलस गए हैं। इनमें एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। मामला सगतपुरा स्थित काली बस्ती का है। जानकारी के अनुसार यात्रा में कई बच्चे धार्मिक झंडा लेकर चल रहे थे।

इसी दौरान ये झंडा हाईटेंशन लाइन से टच हो गया। बताया जा रहा है कि जहां से शिव बारात गुजर रही थी, वहां पानी भी फैला हुआ था। इस कारण करंट तेजी से फैला। सभी बच्चों को कोटा के एमबीएस हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है।

सीएम भजनलाल शर्मा ने हादसे की विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं। सीएम ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए बच्चों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।

परिजनों ने आयोजकों को पीटा

हर साल काली बस्ती में मोहल्ले के लोगों की ओर से शिव बारात का आयोजन किया जाता है। इस कार्यक्रम में कई बच्चे अकेले ही पहुंचे थे। घटना के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई और मोहल्ले के लोग बच्चों को गोद में लेकर हॉस्पिटल की तरफ भागे। इस बीच घायल बच्चों के परिजनों को जब हादसे के बारे में पता चला तो वे हॉस्पिटल पहुंचे। वहां उन्होंने आयोजकों की पिटाई कर दी।

वहीं,आईजी रविदत्त गौड़ ने बताया कि एक बच्चा 70 और एक 50 प्रतिशत तक झुलसा है। बाकी बच्चे 10 प्रतिशत तक झुलसे हैं। सभी की उम्र 9 से 16 साल के बीच है।

एक बच्चा सीरियस है- ओम बिरला

घटना की जानकारी मिलने पर लोकसभा स्पीकर हॉस्पिटल पहुंचे। वे बोले- दुखद घटना है। इस घटना की जांच करवाएंगे और बच्चों के इलाज के लिए सभी लगे हुए हैं। एक बच्चा सीरियस है। यदि रेफर की जरूरत पड़ी रेफर भी करेंगे, लेकिन यहां बेस्ट इलाज किया जाएगा।

बिना परमिशन निकाली जा रही थी यात्रा

स्थानीय निवासी विनोद ने बताया कि बाबूलाल बैरवा और बरदीलाल बैरवा दोनों सगे भाई हैं। इन्होंने अपनी जमीन पर मंदिर बना रखा है। दो दिन से यात्रा निकालने का कह रहे थे। इसमें कई मोहल्ले वाले राजी भी नहीं थे। एक दिन पहले लोगों को इसके लिए तैयार किया। महिलाएं कलश लेकर चल रही थीं और बच्चों के हाथ में झंड़ा था। जैसे ही करंट फैला, बच्चे इधर-उधर भागने लगे। करंट जमीन तक फैल गया था, ऐसे में जो बच्चे लाइन के नीचे थे वे सभी चपेट में आ गए। विनोद ने बताया कि प्रशासन से बिना परमिशन लिए यह यात्रा निकाली जा रही थी।

ढाई सौ बच्चों को शामिल किया गया था

काली बस्ती निवासी अनिल कुमार ने बताया कि यह लोग बिना परमिशन के ही कलश यात्रा निकाल रहे थे । यात्रा में करीब 250 बच्चे शामिल थे। आयोजकों ने बताया कि शिव बारात और कलश यात्रा नहर तक जाएगी और वहां से पानी भरकर दोबारा मंदिर आएगी। जहां से शिव बारात नि​कलनी थी उसी रास्ते से 15 फीट ऊपर हाईटेंशन लाइन गुजर रही है। पटाखे चलने से भगदड़ मच गई और स्टील का पाइप हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गया। ये सारी गलती आयोजकों की है।

वहीं आयोजक बाबूलाल बैरवा का कहना है कि उनके बच्चों के साथ भी हादसा हुआ है। हादसा दुखद है, लेकिन लापरवाही नहीं बरती है। वहीं डिप्टी एसपी खींव सिंह ने बताया कि अभी मामले में परिजनों के शिकायत पर जांच करेंगे और जो तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार एक्शन लेंगे।

गोद में लेकर दौड़ते रहे परिजन

हादसे के बाद मौके पर अफरा तफरी मच गई। स्थानीय लोग और घरवाले बच्चों को उठाकर एमबीएस अस्पताल पहुंचे। एक के बाद एक बच्चे जब अस्पताल पहुंचने लगे तो अस्पताल में भी भगदड़ मच गई। इमरजेंसी के दोनों वार्डों में इन बच्चों को भर्ती कर इलाज शुरू किया गया। स्थिति यह थी कि बच्चों को ड्रेसिंग के बाद गोद में उठाकर घर वाले वार्ड में ले जा रहे थे।

स्ट्रैचर या दूसरी व्यवस्था की तरफ किसी का ध्यान ही नहीं गया। सूचना पर मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल भी अस्पताल में पहुंची। बेहतर इलाज के दिशा निर्देश दिए। ज्यादातर बच्चे दस से पंद्रह फीसदी झुलसे हैं। एक बच्चा 90 फीसदी, एक 70 फीसदी और एक बच्चा पचास फीसदी झुलसा है।

हादसे में घायल हुए बच्चे

शगुन(13), मैग्सू(8), अनिरूद्ध(8), हिमांशु(10), समीर(10), कुशाल(7), यश(10), धीरज(10), लोकेश(10), सूरज(12), समन(7), सांवरिया(5), मोनू(11), ऋषि (10), तुषार(7), अंजली, मानवी और प्रिंस हादसे में घायल हुए हैं। इनमें शगुन नब्बे फीसदी जला है जिसका बर्न वार्ड में इलाज चल रहा है। वह अनिरूद्ध पचास फीसदी जला है। इनमें चार बच्चों को जयपुर रेफर किया जा रहा है।

बच्चों की कुशलक्षेम पूछने बिरला पहुंचे अस्पताल

कुन्हाड़ी में बच्चों के करंट से झुलसने की घटना के समय लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस पर जेडीबी कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में भाग ले रहे थे। जैसे ही पता चला उन्होंने तत्काल लोक सभा कैम्प कार्यालय से एक मेडिकल टीम को एमबीएस अस्पताल जाने के निर्देश दिए। कुछ ही देर मे ंवे भी अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने इमरजेंसी वार्ड में प्रत्येक बेड पर जाकर झुलसे बच्चों की कुशलक्षेम पूछी। जिला कलक्टर और पुलिस अधिकारियों से घटना के कारणों की जानकारी ली। चिकित्सकों से कहा कि उपचार में कोई कमी नहीं रहे। परिजनों को आश्वस्त किया कि यदि किसी बच्चे को उपचार के बड़े केंद्र भेजने की आवश्यकता होगी तो हर संभव व्यवस्था की जाएगी।